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इंतजार की घड़ी खत्म! भाजपा को मिलेगा नया राष्ट्रीय अध्यक्ष, 12 स्टेट यूनिट पर फैसला शीघ्र
New BJP President: भाजपा संविधान के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए कम से कम आधे राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष होने चाहिए। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल समेत 12 राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष के नाम तय किये जाने हैं।
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New BJP President: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लगातार टलता जा रहा है। इसको लेकर विपक्ष भी कई बार बीजेपी पर तंज कस चुका है। वहीं यह माना जा रहा है कि भाजपा और आरएसएस के बीच किसी एक नाम पर सहमति न बन पाना भी देरी की एक प्रमुख वजह है। इसके साथ ही बीजेपी स्टेट यूनिट के चुनाव भी अभी तक संपन्न नहीं हो सके है। ऐसे में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में लगातार देरी हो रही है। लेकिन अब निर्णय की घड़ी करीब आ गयी है। भाजपा संविधान के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए कम से कम आधे राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष होने चाहिए।
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल समेत 12 राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष के नाम तय किये जाने हैं। भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने अब इसकी शुरू कर दी है। सोमवार को एन. रामचंद्र राव को तेलंगाना, मिजोरम के लिए के. बेइचुआ और पुडुचेरी के लिए वीपी रामलिंगम का नाम लगभग तय माना जा रहा है। आंध्र प्रदेश में भी अध्यक्ष पद के लिए पीवीएन माधव के नाम की चर्चा तेज है। जल्द ही भाजपा की तरफ से आधिकारिक घोषणा भी कर दी जाएगी। वहीं अब शीघ्र ही यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में भी अध्यक्ष के नाम तय कर लिये जाएंगे।
आरएसएस बैकग्राउंड को तवज्जो
भाजपा सूत्रों के मुताबिक अभी तक तेलंगाना, पुडुचेरी और मिजोरम में प्रदेश अध्यक्ष के लिए जिन भी नाम पर अंतिम निर्णय लिया गया है। उनमें एक कॉमन फैक्टर है कि वह सभी आरएसएस के करीबी हैं। ऐसे में यह कयास लगाये जा रहे है कि अन्य राज्यों में भी जिन्हें अध्यक्ष पद की कमान सौंपी जाएगी। वह भी आरएसएस पृष्ठभूमि के ही होंगे।
यूपी और उत्तराखंड में कौन रेस में
उत्तर प्रदेश में अध्यक्ष पद के नाम को लेकर मंथन काफी दिनों से चल रहा है। माना जा रहा है कि यूपी की कमान किसी ओबीसी नेता के हाथ में सौंपी जा सकती है। वहीं अगर किसी ब्राह्मण नेता को अध्यक्ष बनाया जाता है तो इसमें भी हैरत नहीं होगी। क्योंकि यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ठाकुर बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं और यहां पर लंबे समय से ब्राह्मणों की उपेक्षा करने का आरोप लगते रहे हैं। ऐसे में संगठन जातिगत समीकरण को साधने के मकसद से किसी ब्राह्मण नेता को अध्यक्ष की कुर्सी पर बिठा सकता है।
वहीं उत्तराखंड में महेश भट्ट के नाम की चर्चा काफी तेज है। वह आरएसएस के पुराने कार्यकर्ता हैं और ब्राहमण बिरादरी से आते हैं। उत्तराखंड की राजनीति में राजपूत और ब्राह्मणों का दबदबा रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राजपूत है और इस लिहाज से किसी ब्राह्मण को ही प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इसी तरह हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष में भी वैश्य समुदाय के राजीव बिंदल के प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने की संभावना तेज है।
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