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बाधा खत्म! पूरे हुए 22 राज्यों में संगठनात्मक चुनाव, बीजेपी को जल्द मिलेगा राष्ट्रीय अध्यक्ष, रेस में यह नेता आगे
New BJP President: बीजेपी ने पूरे देश को 37 सांगठनिक यूनिट्स में विभाजित कर रखा है। जिसमें से 22 अध्यक्षों के नाम अब तक तय किये जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में प्रदेश अध्यक्ष का नाम का ऐलान होना अभी बाकी है।
New BJP President
New BJP President: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव के बीच प्रदेश अध्यक्ष चुनाव की बाधा अब खत्म हो गयी है। तेलंगाना, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र समेत कुछ छह राज्यों में भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष के नाम तय कर लिये गये हैं। इस तरह राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए 50 फीसदी अध्यक्ष का कोरम पूरा हो चुका है। बीजेपी ने पूरे देश को 37 सांगठनिक यूनिट्स में विभाजित कर रखा है। जिसमें से 22 अध्यक्षों के नाम अब तक तय किये जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में प्रदेश अध्यक्ष का नाम का ऐलान होना अभी बाकी है। जल्द ही इन दोनों राज्यों को भी नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव को संपन्न कराएगी।
राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए इन नामों की चर्चा तेज
भाजपा के सांगठनिक चुनाव खत्म होने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर मंथन होगा। भाजपा और आरएसएस किसी ऐसे नेता को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की कमान सौंपेगा। जिसे संगठन में काम करने का लंबा अनुभव हो। साथ ही उसकी जनता के बीच पकड़ भी मजबूत हो। राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस में तीन नेताओं के नाम सबसे आगे चल रहे हैं। इनमें भूपेंद्र यादव, शिवराज सिंह चौहान और मनोहर लाल खट्टर की चर्चा काफी तेज है। खास बात यह है कि तीनों ही नेता वर्तमान में कैबिनेट मंत्री है। ऐसे में अगर उन्हें संगठन की जिम्मेदारी मिलती है तो उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना होगा।
इससे यह बिल्कुल साफ है कि अगर इन तीनों में से कोई भी एक राष्ट्रीय अध्यक्ष बनता है तो मंत्रिमंडल में भी फेरबदल होगा। इन तीनों नेताओं के नाम की चर्चा सियासी गलियारों में इसलिए भी काफी सुर्खियों में है क्योंकि ये तीनों ही आरएसएस की पृष्टभूमि से आते हैं। साथ ही यह तीनों ही नेता को विवादों से दूर रहकर कार्य करते हैं। मनोहर लाल खट्टर पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी कहे जाते हैं। उनकी छवि ईमानदार और सख्त नेता की मानी जाती है।
वहीं भूपेंद्र यादव का भी भाजपा और आरएसएस में काम करने का लंबा अनुभव रहा है। वह यूपी समेत कई राज्यों में चुनाव की रणनीति का जिम्मा संभाल चुके हैं। साल 2020 में भूपेंद्र यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी संभाली थी। उन्होंने मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के चुनाव में भी अहम जिम्मेदारी निभायी थी। वहीं शिवराज सिंह चौहान भी आरएसएस के बेहद करीबी माने जाते हैं। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच देशों के दौरे से लौटने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम को लेकर निर्णय लिया जा सकता है।
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