छत्तीसगढ़ में 12 नक्सलियों का 'ऐतिहासिक' सरेंडर, 9 पर था 18 लाख का इनाम

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में 12 नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण किया। इनमें से 9 पर कुल 18 लाख रुपये का इनाम था। सरकार ने सभी को पुनर्वास योजना के तहत मदद देने की घोषणा की।

Harsh Srivastava
Published on: 17 Sept 2025 5:05 PM IST
छत्तीसगढ़ में 12 नक्सलियों का ऐतिहासिक सरेंडर, 9 पर था 18 लाख का इनाम
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Chhattisgarh Naxal 12 surrender: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियान को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। आज, नारायणपुर जिले में 12 नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें से 9 पर कुल 18 लाख रुपये का इनाम था। यह घटना सिर्फ एक आत्मसमर्पण नहीं, बल्कि खोखली माओवादी विचारधारा के प्रति उनके मोहभंग और सरकार पर बढ़ते विश्वास का प्रमाण है। इस कदम से नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई को एक नई दिशा मिली है।

'अत्याचार' और 'शोषण' से तंग आकर किया आत्मसमर्पण

नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक रॉबिन्सन गुरिया ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों में पांच महिलाएं भी शामिल हैं। इन नक्सलियों ने वरिष्ठ पुलिस और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया। उन्होंने इसके पीछे की मुख्य वजह माओवादियों द्वारा निर्दोष आदिवासियों पर किए जा रहे अत्याचार, संगठन के भीतर बढ़ते आपसी मतभेद और शीर्ष नेताओं की भ्रष्टाचार को बताया। पुलिस की पूछताछ के दौरान, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने खुलासा किया कि शीर्ष माओवादी नेता ही आदिवासियों के असली दुश्मन हैं। वे 'जल, जंगल और जमीन' की रक्षा करने का झूठा वादा करके स्थानीय लोगों को गुमराह करते हैं, जबकि उनका असली मकसद उनका शोषण और उन्हें गुलाम बनाना है।

महिला माओवादियों की 'दर्दनाक' कहानी

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने यह भी खुलासा किया कि स्थानीय कार्यकर्ताओं का बहुत ज्यादा शोषण होता है, और महिला माओवादियों की हालत तो और भी खराब है। कई शीर्ष माओवादी नेता उन्हें व्यक्तिगत गुलाम की तरह रखते हैं और उन्हें शहरों या यहां तक कि विदेशों में बेहतर भविष्य का झूठा वादा करके उनका शोषण करते हैं। यह जानकारी नक्सलियों के भीतर के काले सच को उजागर करती है।

'पुनर्वास' की पहल

आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत 50,000 रुपये की तत्काल सहायता दी गई है। उन्हें सरकार की मुख्यधारा में वापस लाने के लिए आगे भी मदद की जाएगी। पुलिस के अनुसार, इस साल अब तक जिले में कुल 177 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। यह आंकड़ा दिखाता है कि सुरक्षा बलों के प्रयास सफल हो रहे हैं और नक्सलवाद की जड़ें कमजोर हो रही हैं। अब यह देखना होगा कि इस ऐतिहासिक आत्मसमर्पण के बाद और कितने नक्सली सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाकर समाज की मुख्यधारा में वापस आते हैं।

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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