दो साल से जल रहे मणिपुर में फिर हुआ बवाल, सरकारी बस को लेकर प्रदर्शनकारी और सुरक्षाबलों में हुई हिंसक झड़प

Manipur News: झड़प में कम से कम पांच प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं। एक प्रदर्शनकारी ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि राज्यपाल और प्रशासन ने अपनी चुप्पी से जनता की भावनाओं की अनदेखी की है और मणिपुर की ऐतिहासिक पहचान का अपमान किया है।

Shivam Srivastava
Published on: 25 May 2025 10:45 PM IST (Updated on: 26 May 2025 5:49 PM IST)
दो साल से जल रहे मणिपुर में फिर हुआ बवाल, सरकारी बस को लेकर प्रदर्शनकारी और सुरक्षाबलों में हुई हिंसक झड़प
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Manipur News: मणिपुर की राजधानी इंफाल में रविवार को एक तनावपूर्ण स्थिति उस समय उत्पन्न हो गई जब प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने राजभवन की ओर मार्च करना शुरू किया। यह विरोध मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के उद्देश्य से गठित समन्वय समिति (COCOMI) के आह्वान पर आयोजित किया गया था। ख्वाइरामबंद क्षेत्र में जुटे प्रदर्शनकारी, राज्य परिवहन की बसों से मणिपुर शब्द को हटाने के कथित निर्देश का विरोध कर रहे थे।

प्रदर्शनकारियों ने लगभग 500 मीटर की दूरी तक रैली निकाली जिसके बाद सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक दिया। राज्य की सांस्कृतिक पहचान के साथ कथित छेड़छाड़ को लेकर प्रदर्शनकारी राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से सार्वजनिक रूप से माफी की मांग कर रहे थे। जब भीड़ कांगला गेट के समीप पहुंची जो राजभवन से करीब 150 मीटर की दूरी पर है। तब पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े जिससे झड़पें शुरू हो गई।

संस्कृति के अपमान को लेकर स्थानीय लोगों मे रोष

इस झड़प में कम से कम पांच प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं। एक प्रदर्शनकारी ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि राज्यपाल और प्रशासन ने अपनी चुप्पी से जनता की भावनाओं की अनदेखी की है और मणिपुर की ऐतिहासिक पहचान का अपमान किया है।

प्रदर्शनकारियों का यह भी कहना है कि उखरुल जिले में 20 मई को आयोजित शिरुई महोत्सव के दौरान सरकारी बस से मणिपुर शब्द हटाने की घटना को लेकर सरकार द्वारा गठित जांच आयोग अपर्याप्त है। इसमें दोषियों को सज़ा देने का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है।

सरकार ने दो सदस्यीय जांच समिति का गठन

COCOMI ने राज्यभर में विरोध तेज करने का ऐलान करते हुए मुख्य सचिव, डीजीपी और सुरक्षा सलाहकार के इस्तीफे की मांग की है। इसके बाद, मणिपुर सरकार ने एक दो-सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। समिति यह जांच करेगी की उखरुल में पत्रकारों को लेकर जा रही सरकारी बस से राज्य का नाम क्यों और किसके निर्देश पर ढका गया।

सूत्रों के अनुसार, 20 मई को शिरुई लिली महोत्सव की कवरेज के लिए उखरुल जा रही एक बस को सुरक्षाकर्मियों ने कथित तौर पर रोका था। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों को बस की खिड़की पर लिखे राज्य के नाम को कागज से ढकने को कहा गया था।

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Shivam Srivastava is a multimedia journalist with over 4 years of experience, having worked with ANI (Asian News International) and India Today Group. He holds a strong interest in politics, sports and Indian history.

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