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मानसून सत्र खत्म होने से पहले राज्यसभा को नया सभापति मिलना मुश्किल
Rajya Sabha : उपराष्ट्रपति चुनाव कराने के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है लेकिन मानसून सत्र खत्म होने से पहले नए उपराष्ट्रपति का चुनाव हो पाना मुश्किल ही लग रहा है।
Rajya Sabha (Image Credit-Social Media)
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद अब उनके उत्तराधिकारी के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने की ज़िम्मेदारी चुनाव आयोग के हाथ में है। वैसे तो उपराष्ट्रपति चुनाव कराने के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है लेकिन मानसून सत्र खत्म होने से पहले नए उपराष्ट्रपति का चुनाव हो पाना मुश्किल ही लग रहा है क्योंकि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम के तहत, चुनाव आयोग चुनाव कार्यक्रम की अधिसूचना जारी करने के बाद 30 से 32 दिनों की वैधानिक समय-सीमा से बंधा होता है।
कानून के तहत उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने के लिए 14 दिन, उसकी जांच के लिए एक दिन और नामांकन वापस लेने के लिए दो दिन का समय मिलता है। यदि मतदान आवश्यक हो, तो उसे नामांकन वापस लेने की समय सीमा के 15 दिन बाद से पहले नहीं कराया जाना चाहिए - यानी अधिसूचना से परिणाम आने तक कम से कम 32 दिन का समय लगता है।
चुनाव अधिसूचना जारी करने से पहले, चुनाव आयोग आमतौर पर लगभग दो से तीन हफ़्ते का समय लेता है। चुनावी प्रक्रिया की तैयारी के लिए चुनाव आयोग नामांकन आमंत्रित करने और नामांकन पत्र जमा करने का स्थान तय करने वाली एक सार्वजनिक सूचना जारी करता है।
- इस तैयारी अवधि में लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्यों वाले निर्वाचक मंडल सूची को अपडेट करना और मतपत्रों की छपाई करना शामिल है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मामले पर अभी तक कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई है, क्योंकि चुनाव आयोग गृह मंत्रालय द्वारा इस्तीफे की आधिकारिक अधिसूचना जारी होने का इंतज़ार कर रहा है।
बहरहाल, अगर चुनाव आयोग तुरंत तैयारी शुरू भी कर दे तो भी चुनाव प्रक्रिया 12 अगस्त को सम्पन्न होने वाले मानसून सत्र से पहले पूरी होने की संभावना नहीं है। इसका मतलब ये है कि राज्यसभा को नया अध्यक्ष नवंबर-दिसंबर में होने वाले शीतकालीन सत्र में ही मिल पाएगा।
अभी तक क्या हुआ
21 जुलाई की रात अचानक जगदीप धनखड़ ने सेहत का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था जबकि उनके कार्यकाल में अभी दो साल बाकी थे।
इसके बाद 24 घंटे से भी कम समय में, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन द्वारा जारी एक राजपत्र अधिसूचना के जरिये उनके इस्तीफे की सूचना दे दी गई। इससे पहले, राज्यसभा को गृह मंत्रालय की अधिसूचना के बारे में सूचित किया गया था, और 22 जुलाई की सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता उपसभापति हरिवंश ने की।
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