Digital Democracy Dialogue: केरल स्टोरी से बस्तर के नक्सलवाद की समाप्ति तक विमर्श

डिजिटल डेमोक्रेसी डायलॉग, गोवा में एक बहुत महत्वपूर्ण चर्चा छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद और माओवाद पर विशेष रूप से रही

Acharya Sanjay Tiwari
Published on: 26 Sept 2025 8:13 PM IST
Digital Democracy Dialogue
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Digital Democracy Dialogue ( image from Social Media)

Digital Democracy Dialogue: भारत के भीतर, भारत के विरुद्ध। यह विषय वास्तव में बहुत गंभीर है। देश की बदलती डेमोग्राफी। देश के भीतर से देश को टुकड़े करने के सपने देखने वाले लोग। अवैध घुसपैठ। बस्तर जैसे क्षेत्र। बंगाल की विभाजक शक्तियां। पूर्वोत्तर को काटने की साजिश। सच यह है कि देश तोड़ने की बात करने वाले और उनको उकसाने वाली शक्तियों बहुत कमजोर हैं, उनको उनकी शैली में जब हम जवाब देना शुरू कर देंगे तो वे भाग खड़े होंगे और उन्हें छुपने की जगह नहीं मिलेगी। निर्देशन के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त सुदीप्तो सेन ऐसा ही सोचते हैं।

डिजिटल डेमोक्रेसी डायलॉग, गोवा में एक बहुत महत्वपूर्ण चर्चा छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद और माओवाद पर विशेष रूप से रही जिसमें छत्तीसगढ़ के उपमुख्य मंत्री विजय शर्मा ने बहुत विस्तार से अपनी बात रखी।

जून 89 के नरसंहार का वह दौर जब नक्सली और माओवादियों ने इस प्रदेश को रक्त रंजित कर रखा था। लगभग छह दशकों की वह खूनी सक्रियता समाप्त हो रही है। नक्सलियों और माओवादियों का एक मात्र उद्देश्य होता है बंदूक के बल से सत्ता लेना। उनके लिए लोकतंत्र और मानवता का कोई महत्व नहीं होता। बस्तर के 27 नक्सल समूह समाप्त हो चुके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और गृहमंत्री अमित शाह जी के उस संकल्प को हमने पूरा कर लिया है जिसमें मार्च 2026 तक पूरे बस्तर को नक्सलमुक्त कर देना है। श्री शर्मा ने नक्सली नेक्सस में अर्बन, फाइनेंशियल, सोशल, लीगल आदि सभी नेटवर्क का भेदन किया गया है। जंगल की लड़ाई तो हम जीत लेंगे, अब यह इन्फुएंसर्स की जिम्मेदारी है कि आप बस्तर की वास्तविक कहानी को विश्व के सामने रखें। इस सत्र का संचालन रुचा लिमए, और आईआईटी दिल्ली के प्रो कुमार शुभम ने किया। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ अब माओवादी, नक्सली प्रभाव से लगभग मुक्त हो चुका है।


संकल्प से सिद्धि की ओर नक्सलवाद मुक्त छत्तीसगढ़ बढ़ रहा है। उपमुख्य मंत्री, छत्तीसगढ़ प्रदेश ने कहा कि लोकतंत्र में राजनीति जरूरी है। युवाओं को राजनीति में आना चाहिए। अच्छे लोग राजनीति में नहीं आएंगे तो बुरे लोग वह स्थान ले लेंगे। निर्णय समूह में ही संभव है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के इस भाव से सीखना चाहिए। देश के मानविंदुओं और जनकल्याण के लिए कार्य होना चाहिए। लक्ष्य स्पष्ट होना चाहिए। आज के हर युवा को समझना चाहिए कि आज आपका समय आ चुका है। आपको इसके लिए सक्रिय होना चाहिए।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ,भारत सरकार के सचिव संजय जाजू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल इंडिया की सोच और उनके द्वारा रचे जा रहे नए संस्थानों और नई योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। कनेक्टिंग क्रिएटर्स, कनेक्टिंग कंट्रीज, डिजिटल रिवोल्यूशन के लिए किए जा रहे प्रयासों को उन्होंने सामने रखा। यूट्यूब के सी ई ओ से इस मुद्दे पर अलग से विमर्श किया गया है।

क्रिएटर्स इकोनॉमी ,मैजिक ऑफ डिजिटल इंडिया, क्रिएट कॉमर्स, न्यू मीडिया, ओल्ड मीडिया आदि पर बहुत कुछ हो रहा है। डिजिटल मीडिया को समझाना है कि इंपार्टेंट पार्टनर ऑफ जर्नी आप हैं। आप डेवलेपमेंट के एंबेसेडर हैं। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिएटिव टेक्नोलॉजी, भारत सरकार ने शुरू कर दिया है। इसकी कक्षाएं शुरू हो रही हैं।वेव्स बाजार जैसा प्लेटफॉर्म

क्रिएटर्स के लिए बनाया गया है। सॉफ्ट पावर, स्टोरीज के लिए बहुत कुछ किया जा रहा है। सरकार की अनेक सुविधाएं हैं जिनका लाभ क्रिएटर्स को लेना है।

क्रिएटिव इंडिया मिशन, क्रिएटिव इकोनॉमी हमारा लक्ष्य है। ये आज के क्रिएटर्स पॉलिसी हिस्टोरियंस हैं। वेव्स ओटीटी जैसा प्लेटफॉर्म भारत सरकार ने शुरू कर दिया है।

आई आईटी मुंबई के प्रो गणेश सुब्रमण्यन जी और सी ई ओ इंडिया ए आई, अभिषेक सिंह ने नवीन तकनीक और ए आई के प्रभाव और उपयोग पर विस्तार से चर्चा की। समाज, राजनीति, शिक्षा , कृषि, चिकित्सा आदि क्षेत्रों में इसके उपयोग पर तो चर्चा की ही गई, इसके दुरुपयोग को रोकने के उपायों पर भी बात की गई।

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