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EC का बड़ा ऐलान, कल से ही UP समेत देश के 12 राज्यों में शुरू होगा SIR, जानें क्यों है खास
मुख्य चुनाव आयुक्त ने 12 राज्यों में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दूसरे चरण की शुरुआत की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य मतदाता सूची को साफ, अद्यतन और त्रुटिरहित बनाना है, ताकि हर योग्य मतदाता बिना किसी बाधा के मतदान कर सके।
EC press conference on SIR: देश के चुनावी इतिहास में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने आज एक बड़ी घोषणा की है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर देशभर में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) के दूसरे चरण की शुरुआत का ऐलान किया है। यह 'शुद्धिकरण' अभियान देश के 12 राज्यों में शुरू किया जा रहा है, जिसका सीधा उद्देश्य भारत की मतदाता सूची को एकदम त्रुटिहीन और मजबूत बनाना है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि इस दूसरे चरण में मतदाता सूची के अपडेशन, नए वोटरों के नाम जोड़ने और सभी प्रकार की त्रुटियों को सुधारने का काम पूरी गंभीरता से किया जाएगा। यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करेगी कि हर योग्य नागरिक का नाम सूची में हो और कोई भी अयोग्य व्यक्ति मतदान न कर सके।
बिहार की सफलता का जिक्र: '7.5 करोड़ मतदाताओं को नमन'
दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए CEC ज्ञानेश कुमार ने पिछले चरण की सफलता का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, "आज हम यहां स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) के दूसरे चरण की शुरुआत के ऐलान के लिए मौजूद हैं।" ज्ञानेश कुमार ने खास तौर पर बिहार के मतदाताओं की सक्रिय भागीदारी की सराहना की। उन्होंने कहा, "मैं बिहार के मतदाताओं को शुभकामनाएं देता हूं और उन 7.5 करोड़ मतदाताओं को नमन करता हूं, जिन्होंने इस प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी निभाई और इसे सफल बनाया।" यह आंकड़ा दिखाता है कि बिहार में पहले चरण का अभियान कितना सफल रहा था। उन्होंने आगे जानकारी दी कि इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए आयोग ने देश के सभी 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के चुनाव अधिकारियों से मुलाकात कर विस्तार से चर्चा की है।
आज रात 'फ़्रीज़' होगी वोटर लिस्ट: ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
CEC ज्ञानेश कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि SIR के इस चरण में जिन 12 राज्यों को शामिल किया गया है, वहां की मतदाता सूची आज रात ही 'फ़्रीज़' (Freeze) कर दी जाएगी। इसका मतलब है कि पुनरीक्षण प्रक्रिया शुरू होने तक सूची में कोई नया बदलाव नहीं किया जा सकेगा। CEC ने इस प्रक्रिया के ऐतिहासिक महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 1951 से 2004 के बीच देश में अब तक आठ बार विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) हो चुका है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों ने भी कई मौकों पर मतदाता सूचियों की गुणवत्ता का मुद्दा उठाया है, जिसके कारण यह गहन प्रक्रिया जरूरी हो जाती है।
SIR क्यों है जरूरी? CEC ने गिनाए कारण
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि SIR जैसी गहन प्रक्रिया की आवश्यकता क्यों है। उन्होंने इसके पीछे के मुख्य कारण बताए:
- पहला, बार-बार पलायन (Migration)। लगातार होने वाले पलायन के कारण कई मतदाता एक से ज़्यादा जगहों पर अपना पंजीकरण करा लेते हैं, जिससे सूची में दोहराव होता है।
- दूसरा, मृत मतदाताओं का नाम न हटना। कई बार मृत मतदाताओं का नाम सूची से हटाया नहीं जाता, जिससे फर्जी मतदान की आशंका बनी रहती है।
- तीसरा, विदेशी नागरिकों का पंजीकरण। उन्होंने कहा कि "किसी विदेशी का गलत तरीके से सूची में शामिल होना शामिल है।" यानी, अयोग्य विदेशी नागरिकों का मतदाता सूची में नाम आना भी एक बड़ी चिंता है।
इन कारणों से, मतदाता सूची की गुणवत्ता बनाए रखने और चुनावों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए SIR एक अनिवार्य कदम है। यह महाअभियान सुनिश्चित करेगा कि लोकतंत्र का आधार यानी मतदाता सूची पूरी तरह से साफ-सुथरी और विश्वसनीय हो।
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