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उपराष्ट्रपति चुनाव की हलचल तेज, कल संसद भवन में होगा 'मॉक पोल',अखिलेश ने सांसदों को दिए सख्त निर्देश
उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले संसद में होगा 'मॉक पोल', अखिलेश यादव ने सांसदों को सख्त निर्देश दिए। क्या बदलेगा चुनावी समीकरण?
Vice President Election Mock Poll: दिल्ली की राजनीतिक फिजा में गरमाहट बढ़ गई है। उपराष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले इंडिया गठबंधन ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिसने सभी का ध्यान खींच लिया है। 8 सितंबर को चुनाव के एक दिन पहले गठबंधन के सभी सांसदों के लिए एक 'मॉक पोल' का आयोजन किया गया है। यह सिर्फ एक अभ्यास नहीं, बल्कि विपक्ष की एकजुटता और रणनीतिक तैयारी का एक बड़ा संकेत है। क्या यह मॉक पोल सिर्फ एक रिहर्सल है, या इसके पीछे कोई गहरी चुनावी रणनीति छिपी है?
अखिलेश यादव का सख्त निर्देश
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अपने सभी सांसदों को एक कड़ा संदेश भेजा है। इसमें उन्हें न सिर्फ मॉक पोल में अनिवार्य रूप से शामिल होने को कहा गया है, बल्कि 9 सितंबर को होने वाले वास्तविक मतदान में भी मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है। यह दर्शाता है कि इंडिया गठबंधन इस चुनाव को कितनी गंभीरता से ले रहा है। यह कदम यह भी सुनिश्चित करता है कि वोटिंग के दौरान कोई गलती न हो, जिससे कोई भी वोट बेकार न जाए।
रणनीतिक बैठक और वोटिंग प्रक्रिया की ट्रेनिंग
8 सितंबर को होने वाली इस बैठक का मुख्य उद्देश्य सांसदों को मतदान प्रक्रिया की पूरी जानकारी देना है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 66(1) के तहत उपराष्ट्रपति का चुनाव 'सिंगल ट्रांसफरेबल वोट' प्रणाली से होता है। यह एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें सांसदों को अपनी प्राथमिकताएं दर्ज करनी होती हैं। पहली प्राथमिकता दर्ज करना अनिवार्य होता है, अन्यथा वोट अमान्य हो जाता है। इसी जटिलता को समझने और गलती से बचने के लिए यह मॉक पोल करवाया जा रहा है। चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए विशेष पेन का ही इस्तेमाल करना भी एक महत्वपूर्ण नियम है, जिसकी ट्रेनिंग सांसदों को दी जाएगी।
दो दिग्गजों का सीधा मुकाबला: कौन मारेगा बाजी?
इस बार का उपराष्ट्रपति चुनाव दो बड़े नामों के बीच सीधा मुकाबला है। एक तरफ इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार और पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी हैं, वहीं दूसरी तरफ एनडीए के प्रत्याशी और महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन हैं। बैलट पेपर पर सुदर्शन रेड्डी का नाम पहले स्थान पर और राधाकृष्णन का नाम दूसरे स्थान पर होगा। भले ही संख्या बल के हिसाब से एनडीए उम्मीदवार की जीत तय मानी जा रही हो, लेकिन विपक्ष का यह मॉक पोल दर्शाता है कि वे हार मानने को तैयार नहीं हैं। इंडिया गठबंधन का यह कदम यह बताता है कि वे सिर्फ चुनाव में हिस्सा नहीं ले रहे, बल्कि अपनी पूरी ताकत और रणनीति के साथ मैदान में हैं। क्या यह मॉक पोल एनडीए के लिए किसी तरह की चुनौती पेश करेगा, यह तो चुनाव के नतीजों से ही पता चलेगा।
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