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उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: खाली कुर्सी, तारीखें तय और रणनीतियों का खेल चालू
Vice President Election 2025: चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। इस बीच आज ही राहुल गांधी के घर पर INDIA गठबंधन के सभी सांसदों और नेताओं के लिए रात्रिभोज भी है।
Vice President Election 2025
Vice President Election 2025: भारत के राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। जिसकी वजह देश के उपराष्ट्रपति पद का खाली होना और उसके लिए चुनाव की तारीख का ऐलान है। इस मामले पर चुनाव आयोग ने आज, गुरुवार को अधिसूचना जारी कर दी है, जिससे चुनावी प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत हो चुकी है। इस पद के लिए चुनाव 9 सितंबर को होगा और उसी दिन शाम तक रिजल्ट भी घोषित कर दिए जाएंगे। ऐसे में अब राजनीतिक दलों में रणनीति बनाने और उम्मीदवार तय करने की कवायद तेज हो गई है। इस चुनाव की प्रक्रिया भी तय हो चुकी है, जिसमें नामांकन से लेकर मतदान तक की पूरी समयसीमा तय कर दी गई है।
चुनावी कार्यक्रम क्या है?
चुनाव आयोग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 21 अगस्त है। इसके बाद नामांकन पत्रों की जांच की तारीख 22 अगस्त है और नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 25 अगस्त है। आखिर में फिर मतदान की तारीख 9 सितंबर है, फिर इसी दिन शाम तक वोटों की गिनती कर रिजल्ट घोषित कर दिए जाएंगे। यह पूरी प्रक्रिया संवैधानिक नियमों के तहत होगी और सभी मान्य पार्टियों को इसमें हिस्सा लेने का अधिकार होगा।
अभी तक किसी पार्टी ने नहीं किया उम्मीदवार का ऐलान
उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की घोषणा अभी तक न तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने की और न ही INDIA गठबंधन ने। इससे साफ है कि दोनों खेमे अंदरखाने गहन रणनीति बना रहे हैं, जिससे कोई चौंकाने वाला नाम सामने आ सकता है।
इस बीच लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक अहम पहल की है। उन्होंने आज INDIA गठबंधन के सभी सांसदों और नेताओं को अपने घर पर रात में खाने पर बुलाया है। यकीनन इसका मकसद सिर्फ खाना नहीं, बल्कि उपराष्ट्रपति चुनाव की रणनीति पर चर्चा और संसद में सरकार को घेरने की तैयारी है। जम्मू-कश्मीर के नेता उमर अब्दुल्ला जैसे प्रमुख नेता भी इस बैठक में शामिल होंगे।
उपराष्ट्रपति पद कैसे हुआ खाली?
उपराष्ट्रपति पद पर जगदीप धनखड़ थे, लेकिन उन्होंने 22 जुलाई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को अचनाक अपना इस्तीफा सौंप दिया था। यह इस्तीफा उन्होंने मानसून सत्र शुरू होने के एक दिन बाद रात 9:30 बजे दिया। उन्होंने इसके पीछे की वजह स्वास्थ्य कारण बताए, लेकिन विपक्षी दलों का कहना है कि उनके और केंद्र सरकार के बीच नीति और कार्यशैली को लेकर मतभेद थे, जो इस्तीफा के असली कारण हो सकते हैं।
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