24 घंटे में बनाया विश्व रिकॉर्ड! गंगा एक्सप्रेसवे पर हुआ ऐसा कारनामा जिसने दुनिया को चौंका दिया

Ganga Expressway: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्त्वाकांक्षी परियोजना ‘गंगा एक्सप्रेसवे’ अब सिर्फ एक निर्माण योजना नहीं, बल्कि देश के तकनीकी कौशल और रफ्तार की प्रतीक बन चुकी है।

Harsh Srivastava
Published on: 19 May 2025 6:55 PM IST
Ganga Expressway
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Ganga Expressway: क्या आपने कभी सोचा है कि एक दिन यानी मात्र 24 घंटे में कोई सड़क परियोजना विश्व रिकॉर्ड रच सकती है? और वो भी ऐसी सड़क जो प्रदेश के छह जिलों से होकर गुज़रे, हजारों करोड़ की लागत से बन रही हो, और देश की सबसे लंबी एक्सप्रेसवे बनने वाली हो? अगर नहीं, तो अब सोचिए — क्योंकि उत्तर प्रदेश ने यह कर दिखाया है! मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्त्वाकांक्षी परियोजना ‘गंगा एक्सप्रेसवे’ अब सिर्फ एक निर्माण योजना नहीं, बल्कि देश के तकनीकी कौशल और रफ्तार की प्रतीक बन चुकी है। पिछले 18 मई को प्रदेश के हरदोई-उन्नाव खंड में इस परियोजना के तहत 24 घंटे में जो निर्माण कार्य हुआ, उसने न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में रिकॉर्ड कायम कर दिया।

24 घंटे में बना विश्व रिकॉर्ड

गंगा एक्सप्रेसवे के पैकेज-3 (हरदोई–उन्नाव प्रभाग) के अंतर्गत एक दिन में 34.24 लेन किलोमीटर बिटुमिनस कंक्रीट का कार्य पूरा किया गया। इस दौरान 20,105 घन मीटर बिटुमिनस मिक्स का इस्तेमाल करते हुए कुल 1,71,210 वर्ग मीटर सड़क बिछाई गई — जो कि अब तक का वैश्विक कीर्तिमान है। इससे पहले 2023 में गाज़ियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेसवे पर 12,455 घन मीटर मिक्स और 27 लेन किलोमीटर का रिकॉर्ड था, जिसे अब उत्तर प्रदेश ने ध्वस्त कर दिया है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि को हासिल करने के लिए 200 टन प्रति घंटे की क्षमता वाले 5 अत्याधुनिक हॉट मिक्स प्लांट का उपयोग किया गया। पूरी प्रक्रिया की निगरानी और परीक्षण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से युक्त ज़्यूरिक की ETH यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित तकनीक से की गई ताकि राइडिंग क्वालिटी व कम्फर्ट में कोई समझौता न हो।

क्रैश बैरियर पर भी बना रिकॉर्ड

सिर्फ सड़क ही नहीं, सुरक्षा मानकों में भी यूपी ने मिसाल कायम की। इसी 24 घंटे की अवधि में हरदोई-उन्नाव खंड में 10 किलोमीटर थ्राई-बीम क्रैश बैरियर लगाए गए — यह भी अब तक का विश्व रिकॉर्ड है। पहली बार यह उपलब्धि ‘रिकॉर्ड बुक’ में दर्ज की गई है। इस असाधारण उपलब्धि के साक्षी बने देश और दुनिया की तीन प्रमुख रिकॉर्ड संस्थाएं — गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स। इन संस्थाओं के प्रतिनिधि मौके पर मौजूद थे और उन्होंने पूरे कार्य का निरीक्षण कर इसे रिकॉर्ड के रूप में प्रमाणित किया।

‘अडानी’ और ‘पटेल’ ने मिलकर रचा इतिहास

इस पूरे पैकेज-3 का निर्माण कार्य मेसर्स अडानी इंटरप्राइज़ेज़ लिमिटेड द्वारा कराया जा रहा है, जबकि रिकॉर्ड तोड़ कार्य को अंजाम दिया है मेसर्स पटेल इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने। यूपीडा (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी) की देखरेख में यह सब कुछ संभव हुआ — जो अब पूरे प्रदेश और देश के लिए गर्व का विषय बन चुका है।

गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश की विकास गाथा का मेरुदंड

गौरतलब है कि गंगा एक्सप्रेसवे कुल 594 किलोमीटर लंबा और 6 लेन चौड़ा (8 लेन तक विस्तारणीय) होगा, जिसकी कुल लागत ₹36,230 करोड़ है। निर्माण कार्य नवंबर 2022 में शुरू हुआ था और इसे नवंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है। यह परियोजना मेरठ से प्रयागराज तक उत्तर प्रदेश की जीवनरेखा बनेगी, जो आर्थिक, सामाजिक और रणनीतिक दृष्टि से ऐतिहासिक साबित होने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में हरदोई, शाहजहांपुर और हापुड़ में इस परियोजना का निरीक्षण कर स्पष्ट निर्देश दिए कि कार्य समयबद्ध और उच्च गुणवत्ता वाला होना चाहिए। अब जब रिकॉर्ड टूट रहे हैं और नाम विश्व पटल पर अंकित हो रहा है, यह साफ है — उत्तर प्रदेश बदल रहा है, और तेज़ी से बदल रहा है। अब सवाल यह नहीं कि एक्सप्रेसवे कब बनेगा — बल्कि यह है कि अगला रिकॉर्ड क्या होगा?

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News Cordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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