Lucknow News: संस्कृति और लोककथाएं अब बनेंगी पर्यटन की नई पहचान: प्रदेश के सीमावर्ती 35 गांव बनेंगे 'टूरिस्ट विलेज', कौन-कौन से हैं गांव !

Lucknow News: पर्यटन विभाग ने प्रदेश के सात सीमावर्ती जिलों के 35 गांवों को टूरिस्ट विलेज के रूप में विकसित करने का फैसला किया है।

Virat Sharma
Published on: 19 May 2025 3:22 PM IST
UP Tourism Department Big Decision of turning 35 villages into tourist village check details
X

पर्यटन विभाग का बड़ा फैसला (फोटो- वेबसाइट/@upstdc) 

Lucknow Today News: पर्यटन विभाग की ओर से प्रदेश के सीमावर्ती गांवों को भी पर्यटन के मानचित्र पर लाने की दिशा में बड़ा कदम उठा रहा है। राज्य सरकार सात सीमावर्ती जिलों के 35 गांवों को टूरिस्ट विलेज के रूप में विकसित करेगा। इस पहल से न केवल इन गांवों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, बल्कि देश-दुनिया के पर्यटक भी यहां की लोकसंस्कृति, जीवनशैली, परंपराओं, परिधानों, खान-पान तथा जैव विविधिता से परिचित हो सकेंगे।

कितने गांवों किया गया चयनित

यूपी के पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, बलरामपुर, बहराइच, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत जिलों के चयनित गांवों में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। हर गांव में 10-10 होमस्टे यूनिट तैयार किए जाएंगे, जहां पर्यटक ग्रामीण परिवेश में रहकर स्थानीय संस्कृति को जी सकेंगे।

पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि सिद्धार्थनगर जिले के दुल्हासुमाली, बजहा, खुनुवां, कोटिया, घरुआर बलरामपुर जिले के इमलिया कोडर, चंदनपुर, नरिहवा, पहाड़ापुर, बेलभरिया लखीमपुर खीरी जिले के बनकटी छिदिया पूरब मजरा हिम्मतनगर, पिपरौला, पुरैना, सिगंहिया, बहराइच जिले के बद्रिया, आंम्बा कारीकोट फकीरपुरी, विशुनापुर श्रावस्ती जिले के लालपुर कुसमहवां, मोतीपुर कला, कटकुईयां, मेढकिया, बेलहरी पीलीभीत जिले के नौजल्हा नकटहा, गभिया सहराई, ढ़किया ता. महाराजपुर, मटैइया लालपुर महराजगंज जिले के भेड़िहारी, इटहिया, गिरहिया, तरैनी व चण्डीथान आदि गांवों का चयन किया गया।

महिलाओं को पारंपरिक व्यंजन बनाने का मिलेगा प्रशिक्षण

मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इस योजना में स्थानीय युवाओं को स्टोरी टेलिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे गांव की कहानियों, किवदंतियों और ऐतिहासिक महत्व को पर्यटकों के सामने दिलचस्प तरीके से पेश कर सकें। वहीं, स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को पारंपरिक व्यंजन बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि पर्यटक गांव की रसोई से जुड़े स्वाद का भी आनंद ले सकें। सरकार की योजना के तहत थारू जनजाति के सुंदर हस्तशिल्प उत्पादों को स्थानीय बाज़ारों और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स से जोड़ा जाएगा, जिससे इन पारंपरिक कलाओं को न केवल पहचान मिलेगी, बल्कि स्थानीय कारीगरों की आय भी बढ़ेगी।

सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम

पर्यटन मंत्री ने बताया कि ‘टूरिस्ट विलेज’ योजना सिर्फ पर्यटन नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता, महिला सशक्तिकरण और सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे सीमावर्ती गांवों में विकास की रोशनी पहुंचेगी और वहां की विरासत को नया जीवन मिलेगा। उत्तर प्रदेश अब पर्यटन के ज़रिए अपने गांवों को विश्वस्तरीय मंच देने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

Start Quiz

This Quiz helps us to increase our knowledge

Gausiya Bano

Gausiya Bano

Content Writer

मैं गौसिया बानो आज से न्यूजट्रैक में कार्यरत हूं। माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएट हूं। पत्रकारिता में 2.5 साल का अनुभव है। इससे पहले दैनिक भास्कर, न्यूजबाइट्स और राजस्थान पत्रिका में काम कर चुकी हूँ।

Next Story