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Operation Mahadev: पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा ढेर,भारतीय सेना ने ले लिया बदला
Operation Mahadev: भारतीय सेना ने ऑपरेशन महादेव के तहत पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड हाशिम मूसा को मुठभेड़ में ढेर कर दिया है।
Operation Mahadev: भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के शीर्ष कमांडर, हाशिम मूसा को मुठभेड़ में ढेर कर दिया है। हाशिम मूसा पहले पाकिस्तानी सेना में था। मुठभेड़ की तस्वीरें अब सामने आई हैं। बता दें हाशिम मूसा ही पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड था। साथ ही सोनमर्ग टनल हमले में भी उसकी संलिप्तता रही थी।
हाशिम मूसा को पकड़ने या मारने के लिए भारतीय सेना ने 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। वो गांदरबल और बारामुला जैसे कई हमलों में शामिल था।
कौन था हाशिम मूसा?
हाशिम मूसा, लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रमुख और खतरनाक कमांडर था जिस पर 20 लाख रुपये का इनाम घोषित था। वह पाकिस्तानी सेना की स्पेशल फोर्स का पूर्व पैरा कमांडो था और उसे आतंकवाद फैलाने के लिए विशेष ट्रेनिंग दी गई थी। आधुनिक हथियारों और युद्ध तकनीकों में माहिर मूसा ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले की पूरी साजिश तैयार की थी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, मूसा ने पाकिस्तान में आतंकवादी प्रशिक्षण प्राप्त किया था और लंबे समय से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। उसका मुख्य उद्देश्य घाटी में दहशत फैलाना और भारतीय सुरक्षा बलों को निशाना बनाना था। 22 अप्रैल को पहलगाम हमले में भी मूसा की महत्वपूर्ण भूमिका थी। इस हमले के बाद से वह सुरक्षा एजेंसियों की नजरों में था।
खुफिया एजेंसियों ने उसकी गतिविधियों को ट्रैक किया और उसे पकड़ने के लिए एक योजनाबद्ध ऑपरेशन चलाया। इस ऑपरेशन में हाशिम मूसा को ढेर कर दिया गया, साथ ही उसके दो अन्य साथी आतंकवादियों को भी मारा गया। तीनों आतंकवादियों की पहचान हो चुकी है और उनके नेटवर्क से जुड़े लिंक की जांच अब भी जारी है।
कैसे मूसा हुआ ट्रेस
ऑपरेशन की शुरुआत में भारतीय सेना ने ड्रोन, थर्मल इमेजिंग और मानव खुफिया जानकारी (ह्यूमिंट) का इस्तेमाल करते हुए हाशिम मूसा की लोकेशन का पता लगाया। उसे लिडवास के जंगलों में छिपा हुआ पाया गया।
28 जुलाई की सुबह भारतीय सेना ने इलाके को पूरी तरह से घेर लिया और हाशिम मूसा तथा उसके दो साथियों ने सेना पर फायरिंग शुरू कर दी। छह घंटे तक चली इस मुठभेड़ के बाद तीनों आतंकवादी मारे गए।
मुठभेड़ के दौरान सेना को AK-47, ग्रेनेड और IED जैसे विस्फोटक पदार्थ बरामद हुए। इसके अलावा, हाशिम मूसा के पास एक पाकिस्तानी पासपोर्ट और सैटेलाइट फोन भी मिला। इससे साफ हुआ कि वह पाकिस्तान के खुफिया एजेंसी ISI से संपर्क में था।
लिडवास एनकाउंटर की तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिनमें मारे गए आतंकवादियों के शव और उनके हथियार दिखाए गए हैं जो भारतीय सेना की सफलता का प्रमाण हैं। यह ऑपरेशन भारतीय सुरक्षा बलों के लिए एक महत्वपूर्ण जीत है जो आतंकवाद के खिलाफ उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता को सिद्ध करता है।
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