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5 किलो मिटर तक चला मौत का तांडव....डम्पर और ट्रक के बढ़ रहे हैं हादसे, जानें भारत में क्यों बढ़ रहा सड़क हादसा?
Road Accidents: भारत में सड़क हादसों के कारण मौतोे की संख्या बढ़ती जा रही है, इसके बहुत से मुख्य कारण हो सकते हैं, आइए आपको बताते है-
Road Accidents
Road Accidents: भारत में सड़क दुर्घटनाएँ लगातार एक गंभीर समस्या बनी हुई हैं। हालांकि डम्पर चालकों द्वारा होने वाली दुर्घटनाओं के राज्यवार आँकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 में सबसे अधिक सड़क दुर्घटना मौतें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान और कर्नाटक में दर्ज की गईं। इन छह राज्यों में देशभर की कुल सड़क दुर्घटनाओं का 50% से अधिक हिस्सा शामिल है।
सड़क दुर्घटनाओं के राज्यवार रुझान
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान और कर्नाटक ऐसे राज्य हैं जहां सबसे ज्यादा सड़क हादसे और मौतें होती हैं। इन राज्यों में औद्योगिक विकास, ट्रैफिक का घनत्व और भारी वाहनों की आवाजाही अधिक होने के कारण दुर्घटनाओं की संख्या भी बढ़ी हुई है। अगर प्रति जनसंख्या सड़क दुर्घटना दर की बात करें, तो तमिलनाडु, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में यह दर सबसे ज्यादा पाई गई है। उदाहरण देखा जाएं तो जयपुर हादसा-
जयपुर हादसा
राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक भीषण सड़क हादसा हुआ है। सीकर रोड के पास लोहा मंडी रोड पर तेज़ रफ्तार डंपर ने अनियंत्रित होकर कई वाहनों को टक्कर मारी। बताया जा रहा है कि डंपर का ब्रेक अचानक फेल हो गया, जिससे वह सड़क पर आगे बढ़ते हुए सामने आने वाली गाड़ियों और मोटरसाइकिलों को कुचलता गया। इस हादसे में अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है और मृतकों की संख्या बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। इसके अलावा कई लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। स्थानीय लोगों ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने मौके पर पहुँचकर ट्रैफिक नियंत्रण किया और दुर्घटना की जांच शुरू कर दी है।
दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण क्या है?
भारत में सड़क दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण अब भी तेज गति (ओवरस्पीडिंग) है। वर्ष 2022 के आंकड़ों के अनुसार, कुल सड़क दुर्घटना मौतों में से 71.2% मौतें तेज गति के कारण हुईं। इसके अलावा, सड़क नियमों की अनदेखी, नशे की हालत में गाड़ी चलाना, मोबाइल का उपयोग, थकान और वाहन की खराब स्थिति भी बड़ी वजहें हैं। एक और चिंताजनक तथ्य यह है कि लगभग 80% दुर्घटनाएँ असुरक्षित कार्यों जैसे कि गलत दिशा में वाहन चलाना, सिग्नल तोड़ना, ओवरटेक करना या हेलमेट/सीट बेल्ट का उपयोग न करना के कारण होती हैं।
हिट एंड रन मामलों पर सख्त कानून
भारत सरकार ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत धारा 106 लागू की है। इस कानून के अनुसार, अगर कोई ड्राइवर हिट एंड रन (दुर्घटना कर भाग जाना) मामले में शामिल होता है और वह पुलिस को सूचित नहीं करता, तो उसे 10 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है। इसके साथ ही, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने हिट एंड रन मामलों के पीड़ितों के लिए नई मुआवजा योजना अधिसूचित की है। आपको बता दे इसके तहत गंभीर चोट के लिए ₹50,000 और मृत्यु की स्थिति में ₹2,00,000 का मुआवजा दिया जाएगा।
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