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J&K: राज्यसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 4 सीटों में 3 पर हासिल की जीत, BJP ने एक सीट जीती
जम्मू-कश्मीर के हालिया राज्यसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने चार में से तीन सीटें जीतकर दबदबा बनाया, जबकि बीजेपी ने एक सीट हासिल की। क्रॉस वोटिंग और राजनीतिक गठबंधनों ने चुनाव के नतीजों में निर्णायक भूमिका निभाई, जिससे राज्य की राजनीतिक परिस्थितियों में नया समीकरण सामने आया।
जम्मू-कश्मीर में हाल ही में सम्पन्न राज्यसभा चुनाव के परिणाम सामने आ गए हैं। केंद्र शासित प्रदेश की कुल चार सीटों में से तीन सीटों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने जीत हासिल की है, जबकि एक सीट भाजपा (BJP) के खाते में गई है। यह चुनाव राजनीतिक समीकरणों और क्रॉस वोटिंग की वजह से काफी चर्चा में रहा।
राज्यसभा सीट नोटिफिकेशन-1 से नेशनल कॉन्फ्रेंस के चौधरी रमजान ने चुनाव जीतकर अपने समर्थकों और पार्टी के लिए बड़ी सफलता दर्ज की। वहीं, नोटिफिकेशन-2 से सज्जाद अहमद ने जीत हासिल की, उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार राकेश महाजन को हराया। तीसरी सीट, नोटिफिकेशन-3 से, नेशनल कॉन्फ्रेंस के शम्मी ओबेराय ने विजय पाई। इस तरह से चार में से तीन सीटों पर NC की जीत सुनिश्चित हुई।
हालांकि चौथी और आखिरी सीट बीजेपी उम्मीदवार सत शर्मा के खाते में गई। उन्होंने 32 वोट हासिल किए, जिसमें चार क्रॉस वोट शामिल थे। क्रॉस वोटिंग की वजह से नेशनल कॉन्फ्रेंस का इमरान डार केवल 22 वोट ही प्राप्त कर पाए। इस चुनाव में जम्मू-कश्मीर के कुल 86 विधायकों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। खास बात यह रही कि आप विधायक मेहराज मलिक, जो इस समय हिरासत में हैं, का डाक मतपत्र भी रिटर्निंग ऑफिसर के पास पहुंचा और इसे मतगणना में शामिल किया गया। वहीं, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने इस बार मतदान से दूरी बनाए रखने का निर्णय लिया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि क्रॉस वोटिंग ने इस चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाई। नेशनल कॉन्फ्रेंस को कांग्रेस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, CPI(M) और कुछ निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त था, जिससे उनके गठबंधन की संख्या कुल 58 थी। आमतौर पर ऐसा माना जा रहा था कि नेशनल कॉन्फ्रेंस चारों सीटें आसानी से जीत जाएगी। लेकिन क्रॉस वोटिंग के चलते एक सीट बीजेपी को मिल गई, जिससे चुनाव के परिणाम में अप्रत्याशित मोड़ आया।
अब राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि कौन से नेता या विधायक ऐसे थे जिन्होंने क्रॉस वोटिंग करके बीजेपी को जीत दिलाने में मदद की। इस समय इसकी पुष्टि करना मुश्किल है, लेकिन यह घटना जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव और नए समीकरणों की ओर संकेत करती है।
इस चुनाव से स्पष्ट होता है कि राज्य में राजनीतिक गठबंधन और विधायकों के व्यक्तिगत निर्णय राज्यसभा चुनाव के नतीजों को प्रभावित करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। इससे यह भी संकेत मिलता है कि जम्मू-कश्मीर की राजनीति अब और अधिक गतिशील और अप्रत्याशित होती जा रही है।
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