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महज 17 साल की उम्र में ज़िंदगी से हार रहे बच्चे! यूपी-बिहार के विद्यार्थी कर रहे सबसे ज्यादा आत्महत्या, रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा, पैरेंट्स हो जाएं सावधान
Kota Student Suicide Case Latest Report: फॉरेंसिक विभाग के डॉक्टरों ने स्टुडेंट्स के सुसाइड मामले में बड़ा चौंकाने वाला खुलासा किया है।
Kota Student Suicide Case Latest Forensic Report
Kota Student Suicide Case Latest Forensic Report: इन दिनों कोटा में छात्रों के सुसाइड करने के कई मामले सामने आये हैं। कोटा में कोचिंग छात्र पढ़ाई के तनाव और अपेक्षाओं के भार में दबकर मौत को गले लगा रहे हैं। ऐसे में ये सवाल उठना लाजमी है कि आखिर क्यों इतनी कम उम्र में ही बच्चे जिंदगी के संघर्षों से मुंह मोड़ ले रहे हैं? छात्रों की खुदखुशी की घटनाओं को लेकर कोटा मेडिकल कॉलेज के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के चिकित्सकों ने अपनी रिपोर्ट में चिंताजनक आंकड़ें पेश किये हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि कोटा में सुसाइड करने वाले छात्रों में 92.5 फिसदी नीट की तैयारी कर रहे थे, चौंकाने वाली बात ये है कि इनमें ज्यादातर की उम्र सिर्फ 17 साल थी। रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 के बीच कोटा में 253 आत्महत्याएं हुई, जिसमें 27 कोचिंग विद्यार्थी थे। इनमें से 25 छात्र नीट यूजी की कोचिंग कर रहे थे, जबकि दो छात्र इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (IIT JEE) की तैयारी कर रहे थे। सुसाइड करने वालों में 22 छात्र और 5 छात्राएं थीं।
यूपी-बिहार के विद्यार्थियों ने की सबसे ज्यादा आत्महत्या
इस फोरेंसिक रिपोर्ट में सामने आया है कि कोटा में पढ़ाई के तनाव के चलते सुसाइड करने वाले छात्रों में सबसे ज्यादा संख्या यूपी-बिहार के विद्यार्थियों की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि यूपी-बिहार के कुल 27 विद्यार्थियों ने खुदखुशी की है जिसमें 22 छात्र और 5 छात्राएं शामिल हैं।
रिपोर्ट में शामिल अहम तथ्य
- फंदा लगाकर आत्महत्या करने वालों की संख्या 23 है जिसमें 19 छात्र और 4 छात्राएं थीं।
- सुसाइड करने वाले 2 विद्यार्थी तो महज 15 साल के थे।
- 17 साल के एक छात्र की मौत दम घुटने से हुई वहीं, 17 और 19 साल के दो छात्रों ने इमारत से कूद कर जान दी।
इसलिए कर रहे छात्र सुसाइड
छात्रों के सुसाइड करने के पीछे सबसे बड़ा कारण पढ़ाई के तनाव को बताया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, खुदखुशी करने वाले 16 छात्र और 4 छात्राओं ने तनाव के चलते ऐसा किया, जबकि पांच छात्रों और छात्रा ने अवसाद के कारण मौत को गले लगाया। वहीं एक मामले में प्रेम प्रसंग को वजह बताया गया है।
रिपोर्ट में दिये गये ये सुझाव
- सभी हॉस्टल संचालक कमरों में एंटी हैंगिंग रॉड लगवाएं। सीसीटीवी कैमरों व अन्य निगरानी प्रणालियों का उपयोग करें।
- वीकली टेस्ट लेना बंद करें। टेस्ट के परिणाम नोटिस बोर्ड पर न लगाएं।
- बाहर से आये विद्यार्थियों के लोकल गार्जियन बनाएं, जिनके साथ विद्यार्थी अपने मन की बात कह सकें।
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