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मैथिली ठाकुर ने BJP जॉइन की, बिहार में इस सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना
मैथिली ठाकुर को दरभंगा की अलीनगर सीट से विधानसभा चुनाव का टिकट मिल सकता है, जबकि मौजूदा विधायक मिश्रीलाल यादव का टिकट कटना लगभग तय माना जा रहा है। जानकारी के अनुसार, मैथिली मंगलवार को आधिकारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई हैं।
बिहार विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी में नए चेहरों को जोड़ने की प्रक्रिया तेज हो गई है। इसी सिलसिले में मंगलवार को लोकगायिका मैथिली ठाकुर बीजेपी में शामिल होने जा रही हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, उन्हें दरभंगा की अलीनगर सीट से विधानसभा चुनाव में उतारा जा सकता है।
सूत्रों का कहना है कि अलीनगर सीट से मौजूदा विधायक मिश्रीलाल यादव का टिकट कटना लगभग तय है, और पार्टी इस सीट पर एक युवा और लोकप्रिय चेहरा लाने का मन बना चुकी है। मैथिली ठाकुर के सोशल मीडिया पर बड़े फैन बेस और मिथिला क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता को देखते हुए बीजेपी उन्हें अपने प्रचार अभियान का चेहरा भी बना सकती है।
लोकगायिका मैथिली ठाकुर ने हाल ही में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और संगठन महासचिव विनोद तावड़े से मुलाकात की थी, जिसके बाद उनके पार्टी में शामिल होने की चर्चाएँ बढ़ गई हैं। इस मुलाकात के बाद आजतक से बात करते हुए मैथिली ने कहा था कि वह आधे घंटे तक बीजेपी नेताओं के साथ बातचीत में शामिल हुईं, और यह बातचीत सकारात्मक रही। उन्होंने यह भी बताया कि वे एनडीए के समर्थन में हैं और हमेशा से बीजेपी उनकी प्राथमिकता रही है।
मैथिली ने इस मौके पर कहा था, "मैं दिल्ली में काम करती हूं, लेकिन मेरी आत्मा बिहार से जुड़ी हुई है। मैं बिहार में रहकर लोगों की सेवा करना चाहती हूं और राज्य के विकास में अपना योगदान देना चाहती हूं।"
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने 5 अक्टूबर को अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर मैथिली ठाकुर के साथ तस्वीर साझा करते हुए लिखा, "1995 में लालू राज के दौरान जिन परिवारों ने बिहार छोड़ा था, उनकी बिटिया मैथिली ठाकुर अब बदलते बिहार को देखकर वापस आना चाहती हैं।"
मैथिली ठाकुर कौन हैं?
मैथिली ठाकुर, बिहार के दरभंगा की रहने वाली मशहूर लोक गायिका हैं। वह अपनी लोक संगीत और मिथिला संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए जानी जाती हैं। मैथिली सोशल मीडिया पर अपनी बड़ी फैन फॉलोइंग रखती हैं और विदेशों में भी कॉन्सर्ट करती हैं। इस साल मैथिली 25 साल की हो गई हैं।
बचपन से ही मैथिली को गाने का शौक था और उन्होंने क्लासिकल म्यूजिक की ट्रेनिंग ली है। वह कई भाषाओं में गाने गा चुकी हैं। उनके पिता रमेश ठाकुर और मां भारती ठाकुर भी मैथिली म्यूजिशियन हैं और संगीत के शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। मैथिली के दो भाई भी संगीत क्षेत्र में अपने करियर को लेकर मेहनत कर रहे हैं। परिवार के सभी बच्चों को उनके दादा और पिता ने संगीत की शिक्षा दी है, और तीनों को हिंदुस्तानी क्लासिकल म्यूजिक के साथ-साथ हारमोनियम और तबला बजाने की भी ट्रेनिंग दी गई है।
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