'मणिपुर' में गृह मंत्रालय का एक्शन, PM मोदी के जाने से पहले हुआ बड़ा ऐलान, अब लौटेगी शांति?

मणिपुर में हिंसा के बीच गृह मंत्रालय की पहल से NH-2 खुला, त्रिपक्षीय समझौते से शांति की उम्मीद।

Harsh Srivastava
Published on: 4 Sept 2025 4:42 PM IST
मणिपुर में गृह मंत्रालय का एक्शन, PM मोदी के जाने से पहले हुआ बड़ा ऐलान, अब लौटेगी शांति?
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NH 2 reopening in Manipur: मणिपुर में पिछले कई महीनों से चल रही हिंसा और तनाव के बीच एक बड़ी और सकारात्मक खबर सामने आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मणिपुर दौरे की चर्चाओं के बीच, 'कुकी-जो' परिषद ने राष्ट्रीय राजमार्ग-2 को फिर से खोलने का फैसला किया है। यह राजमार्ग मणिपुर को नागालैंड से जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण जीवनरेखा है, जिसे मई 2023 से जातीय संघर्ष के कारण बंद कर दिया गया था। यह कदम केंद्र सरकार के साथ कई दौर की बैठकों के बाद लिया गया है और इसे राज्य में विश्वास बहाली और शांति स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा संकेत माना जा रहा है।

केंद्र सरकार की पहल, गृह मंत्रालय की सफलता

केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने बताया कि यह फैसला नई दिल्ली में गृह मंत्रालय के अधिकारियों और केजेडसी (कुकी-जो परिषद) के प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई कई बैठकों के बाद लिया गया। गृह मंत्रालय के अनुसार, केजेडसी ने राष्ट्रीय राजमार्ग-2 पर शांति बनाए रखने के लिए भारत सरकार द्वारा तैनात सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करने का वचन दिया है। इस राजमार्ग को फिर से खोलने से विस्थापित परिवारों और राहत शिविरों में रह रहे लोगों को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति आसान होगी, जिससे उनकी कठिनाइयां कम होंगी।

त्रिपक्षीय समझौता, स्थायी शांति का रोडमैप

गृह मंत्रालय ने यह भी बताया कि गुरुवार को नई दिल्ली में गृह मंत्रालय, मणिपुर सरकार, केएनओ (कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन) और यूपीएफ (यूनाइटेड प्रोग्रेसिव फ्रंट) के प्रतिनिधियों के बीच एक त्रिपक्षीय बैठक हुई। इस बैठक का मुख्य परिणाम एक त्रिपक्षीय परिचालन निलंबन (एसओओ) समझौते पर हस्ताक्षर था। इस समझौते में दो प्रमुख बातें सामने आईं: मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता और राज्य में स्थायी शांति व स्थिरता के लिए बातचीत के माध्यम से समाधान की आवश्यकता। यह समझौता एक साल के लिए प्रभावी रहेगा।

विदेशी नागरिकों पर नकेल: सुरक्षा बलों का सहयोग

इस समझौते के तहत, कुकी-जो संगठनों ने सुरक्षा बलों के साथ पूर्ण सहयोग करने का भी वादा किया है। केएनओ और यूपीएफ ने संघर्ष की आशंका वाले क्षेत्रों से अपने कैडरों को सात निर्दिष्ट शिविरों में स्थानांतरित करने, शिविरों की संख्या कम करने, और अपने हथियारों को निकटतम सीआरपीएफ और बीएसएफ शिविरों में स्थानांतरित करने पर सहमति व्यक्त की है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने सुरक्षा बलों द्वारा कैडरों का कठोर भौतिक सत्यापन करने की भी सहमति दी है, ताकि विदेशी नागरिकों (यदि कोई हों) को सूची से हटाया जा सके। यह कदम मणिपुर में विदेशी तत्वों की भूमिका को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

क्या अब लौटेगी शांति?

इन सभी कदमों को पीएम मोदी के संभावित मणिपुर दौरे से पहले सद्भावना के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है। ये फैसले यह दर्शाते हैं कि केंद्र सरकार मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, मेइती और कुकी-जो समुदायों के बीच विश्वास की कमी अभी भी एक बड़ी चुनौती है, लेकिन राजमार्ग का खुलना और त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर करना एक महत्वपूर्ण शुरुआत है। यह उम्मीद की जा रही है कि इन कदमों से राज्य में शांति और सद्भाव की बहाली का मार्ग प्रशस्त होगा।

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Harsh Srivastava

Harsh Srivastava

News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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