स्वर्ण मंदिर में हवाई रक्षा प्रणाली की तैनाती की खबरों का सच क्या है? सेना और SGPC ने किया बड़ा खुलासा

Golden Temple Operation Sindoor: सेना के इस बयान ने अफवाहों पर विराम लगाने की कोशिश की, लेकिन कई सवाल अब भी हवा में तैर रहे हैं: आखिर ये खबरें कहां से आईं? किस मकसद से फैलाई गईं? और क्या ये सिर्फ भ्रम था या कोई सुनियोजित राजनीतिक एजेंडा?

Harsh Srivastava
Published on: 20 May 2025 9:53 PM IST
Golden Temple Operation Sindoor
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Golden Temple Operation Sindoor

Golden Temple Operation Sindoor: जब सरहदों पर तनाव हो, तब अफवाहें सबसे तेज़ उड़ान भरती हैं। कुछ ऐसा ही हुआ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान, जब यह खबर जंगल की आग की तरह फैल गई कि अमृतसर स्थित पवित्र श्री हरमंदर साहिब (स्वर्ण मंदिर) में भारतीय सेना ने पाकिस्तान से संभावित ड्रोन या मिसाइल हमलों से निपटने के लिए *एयर डिफेंस सिस्टम तैनात कर दिया है। इस खबर ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी, धार्मिक भावनाएं भड़क उठीं और कई सिख संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी। लेकिन इस पूरे विवाद के बीच मंगलवार को भारतीय सेना ने स्पष्ट रूप से बयान जारी करते हुए कहा "स्वर्ण मंदिर में कोई भी हवाई रक्षा प्रणाली या एयर डिफेंस गन तैनात नहीं की गई थी।" सेना के इस बयान ने अफवाहों पर विराम लगाने की कोशिश की, लेकिन कई सवाल अब भी हवा में तैर रहे हैं: आखिर ये खबरें कहां से आईं? किस मकसद से फैलाई गईं? और क्या ये सिर्फ भ्रम था या कोई सुनियोजित राजनीतिक एजेंडा?

सेना ने किया पूरी तरह इनकार

भारतीय सेना ने अपने बयान में सख्त शब्दों में कहा कि “स्वर्ण मंदिर परिसर में कोई हवाई रक्षा प्रणाली, संसाधन या एयर डिफेंस गन तैनात नहीं की गई थी।” सेना ने यह भी स्पष्ट किया कि “मीडिया में जो कुछ रिपोर्टें सामने आई हैं, वे आधारहीन हैं और उनका कोई तथ्यों से संबंध नहीं है।” यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि यह देश के सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक को लेकर फैल रही भ्रांतियों को सीधे तौर पर नकारता है।

SGPC और धार्मिक नेताओं ने भी दी सफाई

सेना के बयान के पहले ही, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने भी इस तरह की सभी खबरों को खारिज कर दिया था। SGPC के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने स्पष्ट किया कि किसी भी सैन्य अधिकारी ने स्वर्ण मंदिर में हवाई रक्षा प्रणाली तैनात करने को लेकर उनसे संपर्क नहीं किया। धामी ने कहा, “हमें सिर्फ प्रशासन की ओर से ब्लैकआउट के दौरान लाइटें बंद करने का अनुरोध मिला था। हमने धार्मिक मर्यादा को ध्यान में रखते हुए बाहरी लाइटें बंद कर दीं, लेकिन *धार्मिक मर्यादा वाले स्थानों की रोशनी और क्रियाएं पूर्ववत जारी रहीं।”

मुख्य ग्रंथियों की स्पष्ट प्रतिक्रिया

स्वर्ण मंदिर के अतिरिक्त मुख्य ग्रंथी ज्ञानी अमरजीत सिंह ने कहा, “यह दावा कि सेना ने परिसर में एयर डिफेंस सिस्टम तैनात किया था, पूरी तरह झूठ है। ऐसी कोई अनुमति दी ही नहीं गई।” वहीं, मुख्य ग्रंथी ज्ञानी रघबीर सिंह जो उस वक्त विदेश यात्रा पर थे, उन्होंने भी ऐसी किसी चर्चा या सूचना से इनकार किया। धार्मिक नेताओं ने यह भी दोहराया कि धार्मिक स्थल की पवित्रता को पूरी जिम्मेदारी के साथ बनाए रखा गया और ‘ब्लैकआउट’ के दौरान भी उन क्षेत्रों में लाइटें नहीं बंद की गईं जहां धार्मिक नियमों का पालन होता है।

ऑपरेशन सिंदूर’ और बढ़ता तनाव

‘ऑपरेशन सिंदूर’ हाल के दिनों में भारतीय सेना द्वारा किया गया एक गुप्त सैन्य अभ्यास है, जो भारत-पाक तनाव के परिप्रेक्ष्य में सुरक्षा उपायों का हिस्सा था। पाकिस्तान की तरफ से बढ़ती ड्रोन गतिविधियों और सीमावर्ती क्षेत्रों में आक्रामक रुख के कारण भारत ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी थी। ऐसे में यह खबर सामने आई कि स्वर्ण मंदिर को लेकर भी हवाई हमलों की आशंका में सैन्य तैनाती की गई लेकिन अब यह पूरी तरह खंडित हो चुकी है।

अफवाहों का स्रोत और मकसद?

अब सवाल ये उठता है कि इतनी गंभीर और संवेदनशील खबर आखिर आई कहां से? क्या यह किसी राजनीतिक लाभ के लिए फैलाई गई अफवाह थी? या फिर किसी की गलतफहमी ने इसे मीडिया की सुर्खी बना दिया? धामी ने कहा कि “ऐसे संवेदनशील समय में इस तरह की झूठी बातें फैलाना बेहद चौंकाने वाला और गैर-जिम्मेदाराना है।” SGPC ने स्पष्ट किया कि यदि ऐसी कोई गतिविधि होती, तो हजारों श्रद्धालु और संगत निश्चित रूप से उसे देखती और प्रतिक्रिया देती।

पवित्रता और सुरक्षा, दोनों अहम

यह पूरा विवाद एक बात साफ करता है जब धर्म और सुरक्षा जैसे दो गंभीर विषय एक साथ आते हैं, तो संवेदनशीलता और सटीकता सबसे जरूरी हो जाती है।अफवाहें केवल धार्मिक भावनाओं को आहत नहीं करतीं, बल्कि सेना की गरिमा और विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े करती हैं। सेना ने अपनी भूमिका निभाते हुए स्थिति स्पष्ट कर दी है, SGPC ने भी जिम्मेदारी दिखाई, और अब बारी मीडिया और जनता की है कि वे तथ्यों को परखकर ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचें।

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Harsh Srivastava

News Cordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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