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नोबेल शांति पुरस्कार के हकदार हैं राहुल गांधी! कांग्रेस नेता बोले - 'मचाडो' जैसा ही कर रहे काम...
Congress Leader Demands Nobel Prize For Rahul Gandhi: विपक्ष का आरोप है कि देश में लगातार बेरोजगारी बढ़ रही है, अर्थव्यवस्था कमजोर हुआ रही है, अल्पसंख्यक और अनुसूचित वर्गों के अधिकारों से समझौता हुआ है और असहमति के स्वर दबाए जा रहे हैं।
Congress Leader Demands Nobel Prize For Rahul Gandhi (photo: social media)
Congress Leader Demands Nobel Prize For Rahul Gandhi: देश की सियासत में अक्सर अपने बयानों को लेकर गर्म चर्चाओं का विषय बनी रहने वाली कांग्रेस पार्टी एक बार फिर से सुर्ख़ियों में आ गयी है। लेकिन... इस बार कारण है पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का ऐसा बयान, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी के लिए नोबेल शांति पुरस्कार देने की मांग कर डाली है। उनका कहना है कि राहुल गांधी समाज में प्रेम, समानता और भाईचारे का संदेश फैला रहे हैं, और संविशान को बचाने की बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं। ठीक वैसे ही जैसे वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो (Machado) ने 'तानाशाही से लोकतंत्र में शांतिपूर्ण बदलाव' को लेकर मानवता के लिए बड़ा काम किया है।
कांग्रेस नेता का कहना है कि राहुल गांधी का 'भारत जोड़ो यात्रा' से लेकर 'भारत न्याय यात्रा' तक का अभियान देश में एकता और सद्भाव का प्रतीक रहा है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी लगातार नफरत के खिलाफ समाज में आवाज़ उठा रहे हैं और लोगों के बीच प्रेम, भाईचारे और समानता का संदेश फैला रहे हैं। यही वजह है कि उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया जाना चाहिए।
नोबेल पुरस्कार के बीच आखिर कांग्रेस नेता ने क्यों लिया राहुल गांधी का नाम
भारत में कांग्रेस का काफी वक़्त से ऐसा मानना है कि राहुल गांधी मौजूदा NDA सरकार की 'तानाशाही' के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं। हाल के दिनों में, उन्होंने 'वोट चोरी', बिहार SIR प्रक्रिया का विरोध सहित कई मुद्दों पर आवाज उठाई। समूचे विपक्ष ने भाजपा के नेतृत्व वाले NDA और केंद्र और विभिन्न राज्यों में सत्ताधारी मोदी सरकार से मुकाबला करने के लिए 'INDIA' गठबंधन बनाकर कांग्रेस का समर्थन किया।
सुरेंद्र राजपूत की पोस्ट तो यूजर्स जमकर बरसे
उनका दावा है कि देश में लगातार बेरोजगारी बढ़ रही है, देश की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से नुकसान पहुंच रहा है, अल्पसंख्यकों और SC/ST के अधिकारों से समझौता किया गया, और असहमति की आवाजों को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी बीच कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत नोबेल शांति पुरस्कार के ऐलान के बाद राहुल गांधी को लेकर पोस्ट करके हैरत में दाल दिया। उनके पोस्ट पर यूजर्स भी जमकर रिएक्ट कर रहे और उनकी कमेंट पर निशाना साधा।
विपक्ष तगड़ा प्रहार...
वहीं, विपक्ष ने इस बयान पर बड़ा हमला बोला है। भाजपा नेताओं ने इसे 'राजनीतिक ड्रामा' बताते हुए कहा कि कांग्रेस को पहले इसपर ध्यान देना चाहिए चाहिए कि जनता राहुल गांधी को कितना स्वीकार कर रही है। एक भाजपा प्रवक्ता ने कहा, 'देश में बेरोजगारी, महंगाई और आर्थिक चुनौतियों पर ठोस कार्य करने की बजाय कांग्रेस नेता अब राहुल गांधी के लिए नोबेल की मांग कर रहे हैं। ये केवल सुर्खियां बटोरने की कोशिश है, और कुछ नहीं...।”
विपक्ष के अन्य दलों का कहना है कि कांग्रेस खुद देश की वास्तविक मुश्किलों को ध्यान भटकाने का प्रयास कर रही है। उनका आरोप है कि सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कांग्रेस अक्सर भावनात्मक बयानबाजी में चली जाती है, जिससे असल मुद्दे अक्सर पीछे छूट जाते हैं। हालांकि कांग्रेस के समर्थक सोशल मीडिया पर इस मांग को लेकर बहुत एक्टिव हो गए हैं।
बता दे, इस तरह की मांगें कांग्रेस के अंदरूनी 'इमेज पॉलिटिक्स' का भाग हैं, जो राहुल गांधी की साख को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत दिखाने की कोशिश है। हालांकि, यह भी सच है कि नोबेल पुरस्कार जैसी प्रक्रिया राजनीतिक इच्छा से नहीं बल्कि स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय मूल्यांकन से तय होती है। लेकिन अब देखना होगा कि कांग्रेस नेता के इस बयान का आगे क्या प्रभाव पड़ता है.... क्या यह केवल एक बयानबाजी रह जाएगा या फिर... राहुल गांधी को वास्तव में इस दिशा में कोई अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिल पाएगी।
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