TRENDING TAGS :
मायावती ने राहुल गांधी को लताड़ा, कहा- इनके दिल में कुछ और जुबान में कुछ, OBC समाज की कांग्रेस कभी नहीं रही हितैषी
मायावती ने कांग्रेस और एनडीए पर जमकर हमला बोला, ओबीसी समाज के प्रति उनके दोहरे रवैये की आलोचना की। कांग्रेस और एनडीए की जातिवादी सोच पर भी तंज, BSP को बहुजन समाज का सच्चा हितैषी बताया।
Mayawati And Rahul Gandhi
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ओबीसी से जुड़े बयान पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के इस बयान पर अब बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने तंज कसा है। मायावती ने कहा कि कांग्रेस के दिल में कुछ और है, और जुबान पर कुछ और। उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए का रवैया भी ओबीसी के मामले में ऐसा ही है।
मायावती ने एक्स पर लिखा
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष द्वारा यह स्वीकार किया गया कि कांग्रेस पार्टी ओबीसी समाज के लोगों के राजनीतिक, आर्थिक हक और आरक्षण को लेकर सच्ची और विश्वासपात्र नहीं रही है, यह कोई नई बात नहीं है। यह तो दिल में कुछ और और जुबान पर कुछ और' जैसा स्वार्थी राजनीति का उदाहरण है। मायावती ने आगे कहा, कांग्रेस का यही रवैया एससी/एसटी समाज के प्रति भी रहा है, जो देश के करोड़ों शोषित और वंचित लोगों के लिए दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। इसी वजह से इन समाजों के लोगों को अपनी पार्टी बहुजन समाज पार्टी बनानी पड़ी, ताकि वे अपने अधिकारों के लिए खड़े हो सकें।
ओबीसी समाज के प्रति दोहरे चरित्र जैसा- NDA
मायावती ने एनडीए पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उनका रवैया भी ओबीसी समाज के प्रति दोहरे चरित्र जैसा है। उन्होंने कहा, "कुल मिलाकर इसके कारण कांग्रेस पार्टी यूपी सहित कई बड़े राज्यों की सत्ता से बाहर हो चुकी है। अब जब सत्ता हाथ से जा चुकी है, तो इनको ओबीसी वर्ग की याद आ रही है। मगर, इनकी नीयत और नीति में हमेशा खोट रही है, इसलिए यह घड़ियाली आंसू नहीं तो और क्या कहेंगे। वर्तमान में बीजेपी और एनडीए का भी ओबीसी वर्ग के प्रति यही दोहरा रवैया दिखता है।
जातिवादी सोच का नतीजा
मायावती ने आगे कहा, "एससी/एसटी वर्गों को आरक्षण का सही लाभ न मिलना, संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को भारतरत्न से सम्मानित न करना, और देश की आज़ादी के बाद लगभग 40 वर्षों तक ओबीसी वर्गों को आरक्षण का अधिकार न देना, यह सब जातिवादी रवैये का हिस्सा है। इन वर्गों के लिए सरकारी नौकरियों में पदों की कमी और बैकलॉग रखना, यह सब उसी जातिवादी सोच का नतीजा है, जो आज भी जारी है।
मायावती ने कहा कि जातिवादी पार्टियों ने हमेशा एक साथ मिलकर एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण को कमजोर किया है। उनका कहना था, इन जातिवादी पार्टियों ने मिलकर इन वर्गों के आरक्षण को किसी न किसी बहाने से निष्क्रिय बना दिया है। इन पार्टियों का मुख्य उद्देश्य दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़ों को सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक रूप से गुलाम बनाए रखना है। ये सभी जातिवादी पार्टियां हमेशा एक ही थैली के चट्टे-बट्टे रही हैं।
मायावती ने आगे कहा
जबकि बहुजन समाज पार्टी (BSP) हमेशा इन वर्गों की सच्ची हितैषी रही है। यूपी में चार बार बीएसपी की सरकार में सभी समाज के गरीबों और पिछड़े वर्गों के जान-माल की सुरक्षा, सम्मान और उनके कल्याण की पूरी गारंटी रही है। बीएसपी ही एकमात्र पार्टी है जो बहुजन समाज के हित की वास्तविक गारंटी देती है। इसलिए, खासकर दलित, आदिवासी और ओबीसी वर्ग के लोग कांग्रेस, सपा जैसी विरोधी पार्टियों के बहकावे में न आएं। यही उनके सुख, शांति और समृद्धि के लिए सबसे बेहतर होगा।
Start Quiz
This Quiz helps us to increase our knowledge
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!