'15 लोग लेकर आइए, जो जिंदा हैं लेकिन कागज में मृत दिखाया...', बिहार SIR मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

Bihar SIR Controversy: बिहार में चल रहे SIR को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि अगर 65 लाख वोटरों के नाम गलत तरीके से हटाए गए हैं, तो पूरी प्रक्रिया रद्द हो सकती है।

Gausiya Bano
Published on: 29 July 2025 1:13 PM IST
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Bihar SIR Controversy: बिहार में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने साफ कहा कि अगर बड़े स्तर पर मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए हैं, तो वो इस मामले में हस्तक्षेप करेगा। याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट को बताया गया कि करीब 65 लाख वोटरों के नाम सूची से हटाए जा रहे हैं। इनमें से कुछ लोग अपने घर से बाहर चले गए हैं, कुछ की मृत्यु हो चुकी है और कुछ को बिना वजह "मृत" दिखाकर नाम काटा गया है।

कोर्ट का सवाल: जिंदा होकर भी ‘मरे’ क्यों बताए गए?

इस मामले पर जस्टिस जॉयमाल्या बागची ने बेहद गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा, “ऐसे 15 लोगों को लेकर आइए, जो जीवित हैं लेकिन दस्तावेजों में मरे हुए दिखाए जा रहे हैं।” इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर नामों को बिना पर्याप्त जांच के हटाया गया है, तो पूरी प्रक्रिया को रद्द किया जा सकता है।

SIR पर रोक नहीं, लेकिन कड़ी निगरानी जरूरी

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल SIR पर रोक लगाने से इनकार किया है, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि अगर प्रक्रिया में गंभीर खामियां पाई गईं, तो चुनाव आयोग को जवाबदेह ठहराया जाएगा।

अदालत ने सवाल उठाया कि वोटर आईडी, आधार कार्ड और राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों को वोटर पहचान के रूप में क्यों नहीं माना जा रहा है? इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि राशन कार्ड व्यापक रूप से फर्जी बनाए जाते हैं, इसलिए उसे मान्यता देना जोखिम भरा हो सकता है। इसका पलटवार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तीखी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा, “अगर फर्जीवाड़े की बात करें, तो दुनिया में ऐसा कोई डॉक्यूमेंट नहीं है जिसकी नकल न हो सके।”

65 लाख नामों में किसका क्या हुआ?

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, पहले बिहार में मतदाताओं की संख्या 7.89 करोड़ थी, जो अब घटकर 7.24 करोड़ हो गई है। यानी 65 लाख नाम हटा दिए गए। इनमें से 22 लाख लोग मृत पाए गए, 36 लाख लोग दूसरी जगह शिफ्ट हो चुके हैं और 7 लाख वोटर अब किसी और क्षेत्र के निवासी बन चुके हैं।

अगली सुनवाई कब?

इस मामले में राजद सांसद मनोज झा, TMC की महुआ मोइत्रा समेत 11 याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट का रुख किया है। याचिकाकर्ताओं की पैरवी वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, गोपाल शंकर नारायणन और अभिषेक मनु सिंघवी ने की। वहीं, चुनाव आयोग की ओर से केके वेणुगोपाल, राकेश द्विवेदी और मनिंदर सिंह ने पक्ष रखा। अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने 12 अगस्त से विस्तृत सुनवाई शुरू करने की बात कही है।

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Gausiya Bano is a Multimedia Journalist based in Lucknow, the capital city of Uttar Pradesh, currently serving as Desk In-Charge at Newstrack. She holds a postgraduate degree in Journalism from Makhanlal Chaturvedi National University, Bhopal, Madhya Pradesh. With over 2.5 years of experience, she has worked with leading organizations including Rajasthan Patrika and NewsBytes. She has expertise in news desk operations, reporting and digital journalism. At Newstrack She oversees content management, ensures editorial accuracy and coordinates with reporters to maintain high newsroom standards. Passionate about ethical reporting and adapting to the evolving media landscape, Gausiya Bano continues to grow as a dedicated and responsible journalist.

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