लखनऊ में इलेक्ट्रिक वाहनों की तेजी से बढ़ रही मांग, सरकार और SIAM की रिपोर्ट से खुला राज

लखनऊ में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में तेजी, SIAM रिपोर्ट के अनुसार इलेक्ट्रिक रिक्शा प्रमुख। सरकार की सब्सिडी और बेहतर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर से ईवी की बढ़ती मांग। पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ परिवहन के लिए लखनऊ बन रहा ईवी हब।

Harsh Sharma
Published on: 27 May 2025 3:03 PM IST (Updated on: 27 May 2025 3:05 PM IST)
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राजधानी लखनऊ में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में पिछले कुछ वर्षों में जबरदस्त तेजी देखी गई है। SIAM की ताजा रिपोर्ट और सरकारी आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ में ईवी बाजार तेजी से फैल रहा है और यह शहर इलेक्ट्रिक रिक्शा समेत अन्य ई-वाहनों का बड़ा केंद्र बनता जा रहा है।

बिक्री में भारी उछाल

2020 में लखनऊ में केवल 56 इलेक्ट्रिक रिक्शा बेचे गए थे, जबकि 2024 में यह संख्या बढ़कर 3,572 तक पहुंच गई है। यह लगभग 6,000 प्रतिशत की वृद्धि है। लखनऊ में इलेक्ट्रिक रिक्शा इस बढ़ोतरी में सबसे बड़ा योगदान दे रहे हैं। यह तेजी न केवल उपभोक्ताओं की बढ़ती पर्यावरण जागरूकता बल्कि सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी और प्रोत्साहनों का नतीजा है।

चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार

लखनऊ में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ चार्जिंग स्टेशन भी तेजी से बढ़ाए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने पांच प्रमुख एक्सप्रेसवे पर 72 चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का काम शुरू किया है, जिनमें कई लखनऊ में भी हैं। इनमें से कई चार्जिंग स्टेशन सौर ऊर्जा पर आधारित हैं, जो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम है।

सरकारी योजनाएं और सब्सिडी

उत्तर प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई लाभकारी योजनाएं शुरू की हैं। इनमें खरीद पर सब्सिडी, रोड टैक्स में छूट और पंजीकरण शुल्क में कमी शामिल है। दोपहिया ई-वाहन खरीदने वाले को 5,000 रुपये तक, तिपहिया वाहनों को 12,000 रुपये तक और चार पहिया इलेक्ट्रिक कारों को एक लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है। यह सब्सिडी योजना लोगों को ईवी खरीदने के लिए प्रेरित कर रही है।

बढ़ती मांग के पीछे कारण

बढ़ती पर्यावरणीय चिंता और प्रदूषण कम करने की कोशिशें,पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें,ईवी तकनीक में हो रही प्रगति और बेहतर बैटरी क्षमता,चार्जिंग सुविधा का विस्तार सरकार का प्रोत्साहन और सब्सिडी लखनऊ में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है और आने वाले वर्षों में यह वृद्धि और भी तेज होने की संभावना है। बेहतर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, सब्सिडी और बढ़ती जागरूकता से लखनऊ जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहनों का एक बड़ा हब बन सकता है। इस कदम से न केवल पर्यावरण को फायदा होगा बल्कि शहर में स्वच्छ और हरित परिवहन को बढ़ावा मिलेगा।

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