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ट्रंप भारत पर हुये मेहरबान! ईरान में भारत के चाबहार पोर्ट पर अमेरिकी प्रतिबंधों से मिली छूट
भारत और अमेरिका के रिश्तों में रूस के कच्चे तेल को लेकर बढ़े तनाव में कमी, चाबहार पोर्ट पर छह महीने की अमेरिकी प्रतिबंध छूट, भारत का रणनीतिक निवेश और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी मजबूत करने की पहल।
रूस के कच्चे तेल को लेकर भारत और अमेरिका के बीच बढ़े तनाव में अब कमी आने लगी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को बड़ी राहत दी है। भारत ने पुष्टि की है कि ईरान के चाबहार बंदरगाह पर अमेरिकी प्रतिबंध अगले छह महीने तक लागू नहीं होंगे। विदेश मंत्रालय (MEA) ने गुरुवार, 30 अक्टूबर 2025 को यह जानकारी दी।
ईरान के साथ 10 साल का समझौता
सरकार ने पिछले साल ईरान के साथ 10 साल का रणनीतिक समझौता किया था। इसके तहत इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (IPGL) ने चाबहार पोर्ट में 37 करोड़ डॉलर का निवेश किया था। यह पोर्ट भारत के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पाकिस्तान को बाईपास करते हुए अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक सीधा व्यापार मार्ग प्रदान करता है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और अमेरिका एक बड़े व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत जारी रखेंगे। मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया, "दोनों पक्ष लगातार वार्ता कर रहे हैं और व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने का प्रयास कर रहे हैं।"
छह महीने की छूट और परियोजना का महत्व
पहले अमेरिका ने ईरान से जुड़े पोर्ट पर प्रतिबंध छूट की समयसीमा 29 सितंबर तय की थी, जिसे अब छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। भारत इस पोर्ट पर एक टर्मिनल विकसित कर रहा है, ताकि ईरान, अफगानिस्तान, कजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान तक माल पहुंचाया जा सके।
यह परियोजना, जिसे भारत ने 2023 में प्रस्तावित किया था, इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (INSTC) के जरिए क्षेत्रीय कनेक्टिविटी मजबूत करने का लक्ष्य रखती है। यह पहला मौका है जब भारत ने किसी विदेशी पोर्ट का प्रबंधन संभाला है।
चाबहार पोर्ट के माध्यम से भारत अपने पड़ोसी और मध्य एशियाई देशों तक व्यापारिक पहुंच बढ़ाने के लिए रणनीतिक रूप से काम कर रहा है, जिससे क्षेत्रीय सहयोग और आर्थिक कनेक्टिविटी मजबूत होगी।
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