'इस बार ट्रंप ने की हदें पार...' भारत को दिया अब तक सबसे बड़ा झटका, 8 नागरिक और 10 कंपनी को किया बैन

अमेरिका ने ईरान के ऊर्जा व्यापार में मदद के आरोप में भारत के 8 व्यक्तियों और 10 कंपनियों पर कड़ा प्रतिबंध लगाया, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में तनाव बढ़ा।

Harsh Srivastava
Published on: 11 Oct 2025 7:36 PM IST
इस बार ट्रंप ने की हदें पार... भारत को दिया अब तक सबसे बड़ा झटका, 8 नागरिक और 10 कंपनी को किया बैन
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US blocks 10 Indian companies: अमेरिका ने एक बड़ा और चौंकाने वाला फैसला लेते हुए ईरान के ऊर्जा व्यापार में कथित रूप से मदद करने के आरोप में भारत के कुल 8 व्यक्तियों और उनसे जुड़ी 10 कंपनियों पर कड़ा प्रतिबंध लगा दिया है। यह कार्रवाई अमेरिकी विदेश और ट्रेजरी विभाग द्वारा ईरान के पेट्रोलियम और तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG) निर्यात से जुड़े 50 से ज़्यादा व्यक्तियों, संस्थाओं और जहाजों पर किए गए वैश्विक एक्शन का हिस्सा है। भारत की कंपनियों पर लगे इन प्रतिबंधों ने दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों में गर्मी ला दी है।

ईरान के 'दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों' पर लगाम

अमेरिकी विदेश विभाग ने साफ किया है कि यह कदम ईरान की 'दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों' को सपोर्ट देने वाले पैसे के प्रवाह को रोकने के लिए उठाया गया है। वहीं, अमेरिकी वित्त मंत्रालय (ट्रेजरी डिपॉर्टमेंट) ने तेहरान के एनर्जी एक्सपोर्ट नेटवर्क को पूरी तरह से खत्म करने पर ज़ोर दिया है। ट्रेजरी विभाग ने चेतावनी दी है कि प्रतिबंधों की लिस्ट में शामिल किए गए व्यक्तियों और कंपनियों की संपत्ति जब्त की जा सकती है। यह संपत्ति या तो अमेरिका में होनी चाहिए या अमेरिकी व्यक्तियों के कब्ज़े में होनी चाहिए। इसके अलावा, इन व्यक्तियों और कंपनियों के साथ अमेरिकी नागरिकों का कारोबारी लेनदेन पूरी तरह से बैन रहेगा। साथ ही, इन लोगों पर यात्रा प्रतिबंध भी लगाए जा सकते हैं। ट्रेजरी विभाग ने कहा है कि इन भारतीय व्यक्तियों और कंपनियों ने सामूहिक रूप से अरबों डॉलर के पेट्रोलियम और पेट्रोलियम उत्पादों का आयात किया, और यह राजस्व ईरान द्वारा आतंकवादी समूहों को दिए जा रहे समर्थन को सीधा सपोर्ट करता है।

इन भारतीय व्यक्तियों और कंपनियों पर गिरी गाज

अमेरिकी प्रतिबंधों की लिस्ट में जिन प्रमुख भारतीय व्यक्तियों और उनकी कंपनियों को शामिल किया गया है, उनका विवरण इस प्रकार है:

नीति उन्मेष भट्ट और इंडिसोल मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड: उन पर जनवरी और दिसंबर 2024 के बीच एक अमेरिकी नामित फर्म से लगभग 74 मिलियन डॉलर मूल्य के ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल्स का आयात करने का आरोप है।

पीयूष मगनलाल जाविया और केमोविक प्राइवेट लिमिटेड: इनकी फर्म ने 2024 और 2025 के बीच 7 मिलियन डॉलर से ज़्यादा के ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल्स का आयात किया।

कमला कनयालाल कासट, कुणाल कनयालाल कासट, और पूनम कुणाल कासट: इनकी कंपनी हरेश पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड ने इसी अवधि में लगभग 10 मिलियन डॉलर के ईरानी पेट्रोकेमिकल उत्पाद का आयात किया।

वरुण पुला और बर्था शिपिंग इंक: मार्शल द्वीप स्थित बर्था शिपिंग इंक के मालिक वरुण पुला पर कोमोरोस ध्वज वाले जहाज PAMIR के ज़रिए जुलाई 2024 से चीन को लगभग 4 मिलियन बैरल ईरानी एलपीजी का आयात करने का आरोप है।

इयप्पन राजा और इवी लाइन्स इंक: मालिक इयप्पन राजा और पनामा-ध्वजांकित सैफायर गैस पर अप्रैल 2025 से चीन को 1 मिलियन बैरल से अधिक ईरानी एलपीजी पहुँचाने का आरोप है।

सोनिया श्रेष्ठा और वेगा स्टार शिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड: इनकी कंपनी ने जनवरी 2025 से ईरानी एलपीजी को पाकिस्तान लेकर जाने का काम किया।

प्रतिबंध झेलने वाली अन्य भारतीय कंपनियाँ

ऊपर सूचीबद्ध व्यक्तियों से जुड़ी कंपनियों के अलावा, कई अन्य भारतीय कंपनियाँ भी इस प्रतिबंध सूची में शामिल हैं।

बीके सेल्स कॉर्पोरेशन

सीजे शाह एंड कंपनी

मोदी केम

पारीकेम रिसोर्सेज एलएलपी

शिव टेक्सकेम लिमिटेड

अमेरिका के इस कड़े कदम से यह साफ हो गया है कि वह ईरान पर अपने आर्थिक दबाव को कम करने के लिए तैयार नहीं है, और ऐसा करने वाले किसी भी देश या संस्था को बख्शा नहीं जाएगा। भारत सरकार और इन कंपनियों की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन इस मामले से द्विपक्षीय संबंधों में कुछ समय के लिए तनाव पैदा होना निश्चित है।

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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