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CM Rekha Gupta को थप्पड़ मारने वाले व्यक्ति को कितनी हो सकती है सजा? जानें क्या पूरा कानून
Delhi CM Rekha Gupta Slapped: दिल्ली में जन सुनवाई के दौरान सीएम रेखा गुप्ता को थप्पड़ मारने वाले राजेश खिमजी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
CM Rekha Gupta slapped
Delhi CM Rekha Gupta Slapped: दिल्ली में आज जन सुनवाई के दौरान सीएम रेखा गुप्ता को एक व्यक्ति ने थप्पड़ मार दिया। बताया जा रहा है कि राजेश खिमजी नाम का शख्स सीएम आवास में जन सुनवाई कार्यक्रम में आया था। आरोपी ने जनसुनवाई के दौरान पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को कुछ कागज दिए और फिर उन पर हमला कर दिया। वरिष्ठ भाजपा नेता हरीश खुराना ने एक चैनल को बताया कि हमलावर ने मुख्यमंत्री को थप्पड़ मारा और उनके बाल भी खींचे।
भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत ये है थप्पड़ मारने की सजा का प्रावधान
कानून में उल्लेखित भारतीय न्याय संहिता (BNS) के अनुसार, किसी को थप्पड़ मारना अपराध की श्रेणी में आता है। इसे ‘जानबूझकर चोट पहुंचाना’ (Voluntarily Causing Hurt) माना जाता है। इस अपराध के लिए भारतीय न्याय संहिता की धारा 115 के तहत मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। यह धारा ‘जानबूझकर चोट पहुंचाना’ से संबंधित है। दोषी पाए जाने पर अधिकतम 1 साल तक की जेल हो सकती है। या 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। दोषी को जेल और जुर्माना दोनों की सजा भी दी जा सकती है।
दिल्ली सीएम पर ऐसे हुआ हमला
हमले के वक्त सीएम कार्यालय में उपस्थित लोगों के अनुसार, सीएम रेखा गुप्ता नागरिकों से बातचीत कर रही थीं और उनकी शिकायतें सुन रही थीं। तभी लगभग 30 साल का एक आदमी अचानक आगे बढ़ा, सीएम को एक कागज थमा दिया। फिर वह ऊंची आवाज में बात करने लगा और सीएम को थप्पड़ मारने से पहले गालियां भी दीं। मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने हमलावर को काबू में कर लिया और उसे हिरासत में ले लिया। पुलिस मामले की जांच में लगी है लेकिन हमले का मकसद अभी पता नहीं चल पाया है।
अगर डराने के उद्देश्य से किया गया हो हमला
अगर हमाल केवल डराने के लिए किया गया हो तो ये अलग श्रेणी में आता है और ये भारतीय दंड संहिता की धार के अंतर्गत आता है। अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को भयभीत करने के लिए आपराधिक बल या प्रतीकात्मक हमला करता है। जिससे किसी भी प्रकार की क्षति नहीं होती लेकिन पीड़ित व्यक्ति घबराहट महसूस करता है. तब भी ऐसा करने वाला व्यक्ति भारतीय दंड संहिता की धारा 358 के अंतर्गत दोषी माना जाएगा।
जैसी परिस्थिती, वैसी सजा
थप्पड़ मारने की अलग-अलग परिस्थितियों के लिए अलग-अलग सजा का प्रावधान है। किसको कैसी सजा देनी है ये अपराध की गंभीरता और परिस्थिती पर निर्भर करता है। यदि थप्पड़ मारने से किसी सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्य का पालन करने से रोका जाता है तो इसके लिए भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 (पहले IPC की धारा 353) के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। जिसमें दो साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है। यदि यह किसी अन्य गंभीर अपराध, जैसे लूट या डकैती के दौरान किया जाता है तो सजा और भी कठोर हो सकती है।
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