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जीवन की असफलताओं में मार्गदर्शक बनेंगे श्रीकृष्ण के ये विचार, सुबह- सुबह जरूर पढ़ें

Bhagavad Gita Shlokas: जीवन में हर व्यक्ति को कभी न कभी असफलताओं का सामना करना पड़ता है। सुबह उठकर ये श्लोक जरूर पढ़ें।

Ragini Sinha
Published on: 6 July 2025 6:00 AM IST (Updated on: 6 July 2025 7:08 AM IST)
Bhagwat Gita Shlokas
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Bhagwat Gita Shlokas (Social Media)

Bhagavad Gita Shlokas: जीवन में हर व्यक्ति को कभी न कभी असफलताओं का सामना करना पड़ता है। यह असफलताऐं ही हमें सिखाती हैं कि कहां गलत हुए हैं और कैसे बेहतर बना जा सकता है। यही अनुभव इंसान को और भी मजबूत, समझदार और धैर्यवान बनाते हैं। लेकिन कई बार बार-बार मिली असफलता से मन निराश, नकारात्मक और तनाव से भर जाता है।

ऐसे समय में भगवद गीता के श्लोक न सिर्फ मार्गदर्शन देते हैं, बल्कि मानसिक शांति और संतुलन भी प्रदान करते हैं।आइए जानते हैं इन श्लोकों के बारे में।


"कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन"

इसका अर्थ है कि तुम्हारा अधिकार केवल कर्म करने में है, फल में नहीं। अगर व्यक्ति बिना फल की चिंता किए अपने लक्ष्य पर काम करे, तो सफलता अवश्य मिलती है। ये श्लोक सुबह उठकर पढ़ने से आप हमेशा सफल होंगे।

ध्यायतो विषयान्पुंसः सङ्गस्तेषूपजायते...

यह बताता है कि बार-बार किसी वस्तु के बारे में सोचने से उसमें अशांति पैदा होती है और जब वह पूरी नहीं होती तो क्रोध आता है, इसलिए इच्छाओं पर नियंत्रण जरूरी है।

कामः क्रोधस्तथा लोभस्तस्मादेतत्त्रयं त्यजेत्

काम, क्रोध और लोभ को श्रीकृष्ण तीन नरक द्वार बताते हैं। इनसे दूर रहना ही जीवन की सफलता और शांति की कुंजी है।


श्रद्धावान्ल्लभते ज्ञानं...

जो व्यक्ति श्रद्धा और संयम रखता है, वह ज्ञान को प्राप्त करता है और शांति को भी पा लेता है।

इसलिए जब जीवन कठिन लगे, तो गीता के श्लोकों से प्रेरणा लें। यह न केवल राह दिखाएंगे, बल्कि मन को स्थिर और शांत भी बनाएंगे।

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