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सबसे बड़े सेक्स स्कैंडल की नायिका! कैसे एक भारतीय सुंदरी का नाम हुआ ब्रिटेन में?

Biggest Sex Scandal Pamella Bordes: हालांकि पामेला पर लगे सभी आरोपों को लेकर न तो कभी कोई कानूनी प्रमाण सामने आया और न ही कोई आधिकारिक जांच रिपोर्ट जिससे ये बातें मुख्यत...

Shivani Jawanjal
Published on: 29 Jun 2025 4:26 PM IST
Biggest Sex Scandal Pamella Bordes
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Biggest Sex Scandal Pamella Bordes 

Biggest Sex Scandal Pamella Bordes History: पामेला चौधरी सिंह - एक ऐसा नाम जो कभी भारत की सुंदरता, आत्मविश्वास और अंतरराष्ट्रीय पहचान का प्रतीक था लेकिन कुछ ही वर्षों में वह ब्रिटेन की सबसे सनसनीखेज राजनीतिक और सेक्स स्कैंडल की केंद्रबिंदु बन गईं। 1982 में मिस इंडिया का ताज पहनने वाली पामेला, जब लंदन की हाई-सोसाइटी में पामेला बोर्डेस के नाम से प्रसिद्ध हुईं तब उनका जीवन केवल ग्लैमर और शोहरत तक सीमित नहीं रहा बल्कि सत्ता, रहस्य, और षड्यंत्रों के जाल में उलझ गया। मुंबई की साधारण पृष्ठभूमि से निकलकर ब्रिटिश संसद के गलियारों तक पहुँचना और फिर वहीं एक बड़े विवाद का चेहरा बन जाना यह सफर रोमांच से कहीं अधिक एक चेतावनी है कि शोहरत की चमक के पीछे कितना अंधकार छिपा होता है।

आइये जानते है मिस इंडिया पामेला चौधरी सिंह की जिंदगी के बारे में, जिसके सेक्स स्कैंडल ने ब्रिटेन तक को हिला दिया।

आर्मी परिवार से थी पामेला


पामेला बोर्डेस(Pamela Bordes) का जन्म 1961 में भारत की राजधानी नई दिल्ली(Delhi) में हुआ था। शादी से पहले पामेला का नाम पामेला चौधरी सिंह(Pamella Chaudhary Singh) था। उनके पिता, महिंदर सिंह कादियान(Mahindar Singh Kadiyan), भारतीय सेना में मेजर थे और 1962 की भारत-चीन युद्ध के दौरान शहीद हो गए। पामेला का पालन-पोषण उनकी मां शकुंतला ने अकेले किया। पति की शहादत के बाद शकुंतला चंडीगढ़ के एक सरकारी कॉलेज में हॉस्टल वार्डन बन गईं। इसी दौरान उनकी मुलाकात हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री बंसीलाल से हुई। बंसीलाल की सिफारिश पर शकुंतला को जनवरी 1975 में हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन में नियुक्ति मिली। हालांकि, कहा जाता है कि यह पद उन्हें परीक्षा पास करने के बाद नहीं बल्कि राजनीतिक प्रभाव के चलते मिला था।

माँ से पामेला के रिश्ते

अब पामेला की ज़िम्मेदारी उनकी मां शकुंतला के कंधों पर थी, जो एक मिडिल क्लास हरियाणवी जाट परिवार से ताल्लुक रखती थीं। घर की आर्थिक स्थिति सीमित थी और ऐसे में पामेला की देखभाल और अपनी नौकरी दोनों को संभालना शकुंतला के लिए बेहद कठिन हो गया। हालात को देखते हुए उन्होंने पामेला को एक बोर्डिंग स्कूल में दाखिल करा दिया, ताकि उसे बेहतर शिक्षा और अनुशासित वातावरण मिल सके। हालांकि, इस फैसले से मां-बेटी के बीच दूरियाँ बढ़ने लगीं और उनके रिश्ते में धीरे-धीरे खटास आ गई। कहा जाता है कि पामेला के स्वभाव में जिद और आज़ादी की चाह इतनी हावी हो गई थी कि वह अपनी मां की कोई बात नहीं मानती थीं। इस कारण दोनों के बीच टकराव होने लगा और कभी-कभी स्थिति इतनी बिगड़ जाती थी कि शकुंतला उन्हें डांटने या मारने पर मजबूर हो जाती थीं।

बिंदास मिजाज वाली पामेला


स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद पामेला ने उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली के प्रतिष्ठित लेडी श्रीराम कॉलेज में दाखिला लिया। कॉलेज में वह अपनी खुले मिज़ाज और बिंदास अंदाज़ के लिए जानी जाने लगीं। उन्हें दोस्तों के साथ घूमना-फिरना, मज़े करना बेहद पसंद था और उनके बोलने और जीने के अंदाज़ में एक अलग ही आत्मविश्वास झलकता था। पामेला को सिगरेट पीने की आदत थी जो उस दौर की लड़कियों में आम नहीं मानी जाती थी और इसी कारण वे अक्सर चर्चा का विषय बनी रहती थीं। पामेला बेहद बेबाक और आत्मविश्वासी स्वभाव की थीं। वह किसी से भी बिना झिझक बातचीत कर लेती थीं और अपनी राय खुले तौर पर व्यक्त करने से कभी नहीं कतराती थीं। युवावस्था में उनके जीवन में एक नया मोड़ तब आया जब सेंट स्टीफंस कॉलेज के एक छात्र के साथ उनका प्रेम संबंध शुरू हुआ। यह रिश्ता उनके युवा जीवन को भावनात्मक रूप से और भी जटिल और गहराई से प्रभावित करने वाला साबित हुआ।

मिस इंडिया से मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में पामेला


पामेला न सिर्फ खूबसूरत थीं बल्कि उन्होंने अपनी सुंदरता और आत्मविश्वास को अपनी सबसे बड़ी ताकत बना लिया। उन्होंने मॉडलिंग की दुनिया में कदम रखा और जल्द ही अपनी छवि को निखारते हुए 1982 में फेमिना मिस इंडिया का खिताब जीतकर देश का नाम रोशन किया। उसी साल उन्होंने मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया। मिस इंडिया बनने के बाद पामेला ने ग्लैमर वर्ल्ड में अपनी पहचान बनाई और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई। इसी सिलसिले में वे इंग्लैंड पहुँचीं।

पामेला के प्यार के चर्चे

न्यूयॉर्क में अपने एक प्रवास के दौरान पामेला की मुलाकात सऊदी अरब के चर्चित हथियार व्यापारी अदनान खाशोगी से हुई। इसी दौर में उनका नाम कतर के अमीर से भी जोड़ा गया। कहा जाता है कि पामेला की निकटता पाने के लिए इन दोनों रसूखदार शख्सियतों के बीच जबरदस्त प्रतिस्पर्धा थी और उन्होंने पामेला पर पानी की तरह पैसा बहाया। मीडिया में यह भी अफवाह उड़ी कि पामेला का संबंध लीबियाई तानाशाह कर्नल गद्दाफी के भाई से था और उनके कई अंतरराष्ट्रीय हथियार डीलरों से भी रिश्ते थे। जब पामेला लंदन पहुँचीं तो वे वहां के प्रसिद्ध फिल्म निर्माता डोमिनिक बोर्डेस के संपर्क में आईं। दोनों के बीच प्रेम संबंध गहराया और 1984 में उन्होंने विवाह कर लिया। हालांकि यह रिश्ता ज़्यादा लंबा नहीं चला। बावजूद इसके, पामेला ने ‘बोर्डेस’ उपनाम को अपने साथ बनाए रखा और वहीं से वे 'पामेला बोर्डेस' के नाम से जानी जाने लगीं।

लंदन की रातें और हाई प्रोफाइल जीवन


लंदन पहुंचने के बाद पामेला ने शीघ्र ही वहां के उच्चवर्गीय समाज में अपनी खास जगह बना ली। वे अक्सर चर्चित समाजसेवियों, प्रभावशाली राजनीतिज्ञों, अरब शेखों और ब्रिटिश लॉर्ड्स के साथ देखी जाने लगीं। लेकिन जल्द ही मीडिया में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ कि पामेला एक हाई-प्रोफाइल कॉल गर्ल या एस्कॉर्ट के रूप में काम कर रही थीं जिनके संबंध ब्रिटिश राजनीति के शीर्ष स्तर तक फैले हुए थे। इस रहस्योद्घाटन ने ब्रिटेन की राजनीति और मीडिया में जबरदस्त हलचल मचा दी थी।

मीडिया का खुलासा और ब्रिटिश राजनीति में हलचल

1989 में ब्रिटिश मीडिया में एक ऐसा खुलासा हुआ जिसने ब्रिटिश राजनीति और खुफिया एजेंसियों को हिला कर रख दिया। पामेला बोर्डेस पर आरोप लगा कि वे एक राजनैतिक दल की ओर से जासूसी कर रही थीं, और उनका संबंध कई वरिष्ठ राजनेताओं, उद्योगपतियों और अंतरराष्ट्रीय हस्तियों से था। खास बात यह थी कि वे एक कंज़र्वेटिव पार्टी के सांसद के लिए रिसर्च असिस्टेंट के रूप में काम कर रही थीं जिसके चलते उन्हें ब्रिटिश संसद हाउस ऑफ कॉमन्स का आधिकारिक पास भी मिला हुआ था। यह तथ्य सामने आने के बाद संसद में सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे और राजनीतिक हलकों में भूचाल आ गया।

ब्रिटिश मीडिया में छपी रिपोर्टों ने यह दावा किया कि ब्रिटेन की House of Commons में काम करने वाले कई सांसदों के साथ पामेला के यौन संबंध थे, जिनमें कुछ ऐसे भी थे जो राष्ट्रीय सुरक्षा की गोपनीय जानकारी तक पहुँच रखते थे। यह खुलासे न सिर्फ राजनीतिक हलकों में सनसनी का कारण बने बल्कि सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बन गए। खासकर तब जब यह खबरें सामने आईं कि पामेला के लीबियाई खुफिया अधिकारियों से भी संपर्क थे। इन संभावित सुरक्षा खतरों को देखते हुए ब्रिटिश संसद में पामेला से जुड़े मामलों की गहराई से जांच की माँग उठी।

पामेला पर जासूसी के आरोप


पामेला बोर्डेस को लेकर मीडिया में एक और बड़ा आरोप सामने आया कि वे किसी राजनीतिक दल या विदेशी एजेंसियों के लिए जासूसी कर रही थीं। कुछ रिपोर्ट्स ने दावा किया कि उनका उद्देश्य ब्रिटिश राजनीति और संसद से गोपनीय जानकारी हासिल करना था। हालांकि इन दावों को लेकर सार्वजनिक स्तर पर कोई ठोस प्रमाण कभी सामने नहीं आया। न तो ब्रिटेन की सुरक्षा एजेंसियों ने इसे साबित किया और न ही संसद की ओर से कोई औपचारिक पुष्टि हुई। एक ब्रिटिश अखबार The Sunday Times ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि पामेला ने कई सांसदों के साथ संबंध बनाकर न केवल व्यक्तिगत लाभ कमाया बल्कि विदेशी एजेंसियों को जानकारी भी उपलब्ध कराई। इस रिपोर्ट के बाद पामेला का नाम ब्रिटिश राजनीति के सबसे बड़े सेक्स और जासूसी स्कैंडल से जुड़ गया।

तीन पासपोर्ट, तीन ज़िंदगियों का सच

पामेला बोर्डेस के जीवन से जुड़े कई पहलुओं को लेकर समय-समय पर मीडिया में विवादास्पद दावे सामने आते रहे। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि उनके पास भारतीय, ब्रिटिश और डिप्लोमैटिक तीन पासपोर्ट थे, लेकिन इस दावे की कभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई। पामेला मूल रूप से भारतीय नागरिक थीं और उन्हें ब्रिटिश संसद हाउस ऑफ कॉमन्स का एक सिक्योरिटी पास मिला हुआ था जो उन्हें एक सांसद के रिसर्च असिस्टेंट के रूप में प्राप्त हुआ था। इसके अलवा लंदन की हाई सोसाइटी में उन्होंने कई भूमिकाएँ निभाईं कभी रिसर्च असिस्टेंट तो कभी हाई-प्रोफाइल एस्कॉर्ट के रूप में पामेला के नाम की चर्चा हुई ।

प्रसिद्ध अख़बार संडे टाइम्स और अन्य टैब्लॉइड्स ने उनकी गतिविधियों पर विस्तार से रिपोर्ट की जिसमें दावा किया गया कि उनके हाई-प्रोफाइल ग्राहकों में ब्रिटिश सांसद, अमीर व्यवसायी, अंतरराष्ट्रीय हथियार डीलर और कुछ अरब देशों के शेख शामिल थे। यही नहीं, मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि वे एक रात के लिए हजारों पाउंड चार्ज करती थीं और उनका संबंध एक अंतरराष्ट्रीय जासूसी नेटवर्क से था। विशेषकर लीबियाई खुफिया अधिकारियों और हथियार सौदागरों के साथ।

राजनीति, जासूसी और गुप्तचर एजेंसियों का रोल

1989 के सेक्स स्कैंडल के दौरान पामेला बोर्डेस का नाम न केवल ब्रिटिश मीडिया में सुर्खियों में रहा बल्कि उनके अंतरराष्ट्रीय संपर्कों को लेकर खुफिया एजेंसियों में भी चिंता जताई गई। अरब देशों, लीबियाई अधिकारियों और हथियार डीलरों से उनके कथित संबंधों के चलते MI5 और CIA जैसी एजेंसियों का संदर्भ भी बार-बार आया। मीडिया में यह आशंका जरूर जताई गई कि पामेला भारत, मध्य-पूर्व और ब्रिटेन के बीच सूचनाओं की दलाली में शामिल हो सकती थीं। कुछ रिपोर्ट्स में तो यह भी कहा गया कि उनके लीबियाई अधिकारियों और कर्नल गद्दाफी के भाई से संबंध थे जिससे उन्हें कथित तौर पर खुफिया मीटिंग्स में मध्यस्थ की भूमिका दी गई। इसके अलावा विश्लेषकों और टैब्लॉइड मीडिया ने उन्हें 'हनी ट्रैप' के रूप में भी प्रस्तुत किया। एक ऐसी महिला जो उच्च पदों पर बैठे पुरुषों को फँसाकर उनसे गोपनीय जानकारी निकलवाती है।

मीडिया ट्रायल और समाज की बेरहमी


1989 में जब पामेला बोर्डेस का नाम ब्रिटिश सेक्स और राजनीतिक घोटाले से जुड़ा, तो मीडिया ने उनकी छवि को पूरी तरह बदल कर रख दिया। टैब्लॉइड्स और प्रमुख अखबारों ने उन्हें ‘साजिशकर्ता’, ‘डबल एजेंट’, ‘गुनहगार’ और ‘सुनहरी चाल चलने वाली महिला’ जैसी सनसनीखेज उपाधियाँ दीं। उनके निजी जीवन को सार्वजनिक मंच पर लाकर उनके संबंधों, गतिविधियों और समय-सीमा का विस्तार से विश्लेषण किया गया। मीडिया ने उनके संपर्कों के चार्ट बनाए और घर के बाहर पत्रकारों की भीड़ लगी रहने लगी। यह सार्वजनिक हमलावर छवि इतनी तीव्र थी कि पामेला को कई महीनों तक सार्वजनिक जीवन से दूरी बनानी पड़ी। इस दबाव और चरित्रहनन के बीच पामेला ने कभी सार्वजनिक रूप से कहा था कि यदि उनकी पूरी कहानी सामने आ जाए तो सरकार तक गिर सकती है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि लोग सिर्फ उनका शरीर देखते हैं लेकिन उनके भीतर की पीड़ा को कोई नहीं समझता।

अचानक गायब हो जाना और वर्तमान जीवन


1989 के विवादास्पद सेक्स स्कैंडल के बाद पामेला बोर्डेस अचानक सार्वजनिक जीवन से पूरी तरह गायब हो गईं। मीडिया और राजनीतिक हलकों में चर्चाओं के केंद्र में रहने वाली पामेला ने लंदन छोड़ दिया और वर्षों तक गुमनामी में रहीं। रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने एकांत और शांत जीवन को अपना लिया था। कई मीडिया स्रोतों ने दावा किया कि उन्हें भारत, नेपाल या सिंगापुर जैसे दक्षिण एशियाई देशों में देखा गया खासकर उत्तर प्रदेश के वृंदावन में लेकिन इन खबरों की कभी औपचारिक पुष्टि नहीं हो सकी। 2003 में प्रकाशित कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने समाज सेवा, योग, ध्यान और फोटोग्राफी को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया था।

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