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माइकल जॉर्डन के जूतों की नीलामी: आइकॉनिक जॉर्डन जूतों की कीमत लग सकती है करोड़ों
Michael Jordan Shoe Auction: माइकल जॉर्डन के 5 आइकॉनिक जूतों की नीलामी शुरू; दुनियाभर के कलेक्टर्स की नजर, कीमतें रिकॉर्ड तोड़ सकती हैं
Michael Jordan Shoe Auction: एक लग्जरी ब्रांड बन चुकी जॉर्डन आज के दौर का क्रेज बन चुकी है। बास्केटबॉल की दुनिया के महानतम खिलाड़ी माइकल जॉर्डन का नाम सुनते ही दिमाग में खेल से कहीं ज्यादा स्टाइल नजर आती है। ‘एयर जॉर्डन’ केवल एक जूता नहीं, बल्कि जुनून और विरासत की पहचान है। अब उनके चाहने वालों के लिए एक शानदार मौका आने वाला है। जॉर्डन के 5 बेहद खास जूते जल्द नीलामी के लिए पेश किए जाएंगे। ये वही जूते हैं जिन्हें उन्होंने अपने करियर के ऐतिहासिक मौकों पर पहना था...
खेल और इतिहास का संगम है जॉर्डन के जूतों की नीलामी
माइकल जॉर्डन के ये जूते ‘जूपिटर’ नामक नीलामीघर द्वारा नीलाम किए जा रहे हैं। यह नीलामी 6 नवंबर से शुरू होकर 18 नवंबर तक चलेगी। इस दौरान दुनियाभर के कलेक्टर्स और प्रशंसक इन दुर्लभ जूतों पर बोली लगा सकेंगे। इन जूतों को ‘जॉर्डेन्स जॉर्डेन्स’ नामक विशेष बिक्री के तहत रखा गया है, जो खेल और कला दोनों का संगम मानी जा रही है।
इन सभी जूतों की खासियत यह है कि जॉर्डन ने इन्हें अपने करियर के अहम पड़ावों में पहना था। यही वजह है कि इन जूतों का मूल्य सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि भावनात्मक और ऐतिहासिक भी है।
‘एयर जॉर्डन 1S’ नीलामी का सबसे चर्चित जूता
इस नीलामी में सबसे ज्यादा ‘एयर जॉर्डन 1S’ जूतों को लेकर चर्चा में है, जिसे 1985 में तैयार किया गया था। यह वही जूता है जिसने बास्केटबॉल कोर्ट पर जॉर्डन की पहचान को फैशन और ब्रांड की दुनिया से जोड़ा।
दिलचस्प बात यह है कि इस जोड़ी के दोनों जूतों का आकार अलग है। यानी हर जोड़ी जॉर्डन के लिए कस्टम-मेड थी। इन जूतों पर उनके हस्ताक्षर भी मौजूद हैं, जिससे इनकी कीमत और बढ़ जाती है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह जोड़ी करोड़ों रुपये में बिक सकती है।
कलेक्शन में शामिल हैं जॉर्डन के पसंदीदा ‘एयर जॉर्डन 11S’
नीलामी में दो ‘एयर जॉर्डन 11S’ जोड़ी भी शामिल की गई हैं। इन्हें जॉर्डन ने अपने करियर के उस दौर में पहना था, जब वे कोर्ट पर अपने चरम प्रदर्शन पर थे।
पहली जोड़ी ‘कॉनकॉर्ड-11’ की है, जिस पर जॉर्डन के दोहरे हस्ताक्षर मौजूद हैं।
दूसरी जोड़ी काले और लाल रंग की ‘एयर जॉर्डन 11’ है, जिसे उन्होंने खेल के दौरान पहना था। इन दोनों जूतों को कलेक्टर्स के बीच बेहद प्रतिष्ठित माना जाता है।
जब जॉर्डन ने उतारी बास्केटबॉल की जर्सी और पहने बेसबॉल के जूते
बहुत कम लोग जानते हैं कि माइकल जॉर्डन ने अपने करियर के दौरान कुछ समय के लिए बेसबॉल भी खेला था। इसी दौर के ‘एयर जॉर्डन IX बेसबॉल क्लीट्स’ भी इस नीलामी का हिस्सा होंगे।
इसके अलावा, 1993 में पहने गए ‘एयर जॉर्डन VIII’ की जोड़ी भी बिकने वाली है।
‘जूपिटर’ की ग्लोबल सेल्स प्रमुख कैटलिन डोनोवन का कहना है 'माइकल जॉर्डन की महानता को उनके खेलों के दौरान पहने गए जूतों जितनी स्पष्टता से कोई चीज नहीं दिखा सकती। हर जोड़ी विरासत और नवाचार की कहानी कहती है।
अब तक के सबसे महंगे बिके हैं जॉर्डन के जूते
जॉर्डन के जूते केवल खेल या फैशन का हिस्सा नहीं रहे, बल्कि दुनिया के सबसे महंगे बिकने वाले जूतों की सूची में भी शीर्ष पर हैं। कुछ साल पहले सोथबी नीलामीघर ने उनके द्वारा पहने गए 6 एयर जॉर्डन जूतों के संग्रह ‘द डायनेस्टी कलेक्शन’ को बेचा था, जिससे लगभग 68 करोड़ रुपये की भारी रकम हासिल हुई थी। इसी तरह, जॉर्डन द्वारा पहना गया एयर जॉर्डन 13 करीब 18 करोड़ रुपये में बिका था।
वहीं, सॉलिड गोल्ड से बने OVO x एयर जॉर्डन की कीमत भी लगभग ₹18 करोड़ रही। जो अब तक के सबसे महंगे जूतों में शुमार है।
क्यों हैं ‘एयर जॉर्डन’ इतने खास?
‘एयर जॉर्डन’ केवल जूते नहीं, बल्कि पॉप कल्चर का हिस्सा बन चुके हैं।
1984 में नाइकी और जॉर्डन के सहयोग से शुरू हुई यह जूता श्रृंखला आज अरबों डॉलर का वैश्विक ब्रांड बन चुकी है। जॉर्डन ने खेल के साथ-साथ फैशन की दुनिया में भी ऐसा मुकाम हासिल किया, जो शायद ही किसी अन्य खिलाड़ी को नसीब हुआ हो। हर ‘एयर जॉर्डन’ डिजाइन एक नए युग की पहचान बना कहीं रबर सोल ने बेहतर ग्रिप दी, तो कहीं एयर कुशन ने कम्फर्ट का स्तर बढ़ाया। यही वजह है कि इन जूतों को पहनना न केवल एक ट्रेंड बल्कि एक स्टेटस सिंबल बन गया है।
नीलामी से पहले ही मचा है फैंस के बीच क्रेज
नीलामी शुरू होने से पहले ही सोशल मीडिया और कलेक्टर समुदाय में उत्साह चरम पर है। नीलामी से जुड़े कई लोगों का अनुमान यह भी हैं कि इस बार जॉर्डन के जूतों की कीमत पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ सकती है।
क्योंकि यह नीलामी केवल एक फैन के लिए कलेक्शन नहीं, बल्कि खेल के इतिहास का हिस्सा बनने का मौका है।
माइकल जॉर्डन के ये जूते केवल चमड़े और लेस से सुसज्जित नहीं बल्कि यह उस खिलाड़ी की यात्रा के प्रतीक भी हैं जिसने बास्केटबॉल को ग्लोबल आइडेंटिटी दी।
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