Switzerland: जहां गरीब होना कानूनी अपराध है! जानिए क्यों यहां सड़कों पर भिखारी नहीं दिखते?

Switzerland Interesting Facts: स्विट्जरलैंड में भिक्षावृत्ति और ऐसी सामाजिक कुरीतियों के लिए सख्त नियम व नियमन हैं, जिस कारण सड़क पर भीख मांगना लगभग असंभव है।

Shivani Jawanjal
Published on: 25 Oct 2025 11:36 AM IST
Switzerland: जहां गरीब होना कानूनी अपराध है! जानिए क्यों यहां सड़कों पर भिखारी नहीं दिखते?
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Pic Credit - Social Media

why no beggars in Switzerland:इस दुनिया में सैकड़ों देश हैं और हर देश के अपने अलग-अलग कानून और नियम होते हैं। कहीं पर छोटे अपराधों के लिए सख्त सजा दी जाती है, तो कहीं पर वही अपराध मामूली माने जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में एक ऐसा देश भी है जहाँ गरीब होना ही अपराध माना जाता है? सुनने में यह अजीब जरूर लगता है, लेकिन यह सच है। यूरोप का खूबसूरत देश स्विट्ज़रलैंड जिसे दुनिया का सबसे अमीर और खुशहाल देश कहा जाता है, वहां गरीबी को सामाजिक समस्या नहीं बल्कि कानूनी अपराध समझा जाता है। यहां सड़कों पर किसी को भीख मांगते देखना लगभग असंभव है स्विट्जरलैंड में भीख मांगना कई जगहों पर प्रतिबंधित है और कड़ी सजा का प्रावधान है इसलिए सड़कों पर भिखारी कम देखे जाते हैं।

आर्थिक समृद्धि की अनोखी मिसाल

स्विट्ज़रलैंड दुनिया के सबसे अमीर और विकसित देशों में से एक है। यहां के लोगों की औसत आमदनी लगभग 70 से 75 लाख रुपये सालाना होती है, जो इसे दुनिया के सबसे समृद्ध देशों की सूची में शामिल करती है। यहां बेरोजगारी दर बेहद कम है सिर्फ करीब 2%, जिसका मतलब है कि लगभग हर व्यक्ति के पास काम या आय का कोई न कोई साधन है। स्विट्ज़रलैंड की सरकार अपने नागरिकों के लिए मजबूत सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था चलाती है, जिसमें बेहतरीन शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं और रोजगार के लिए कौशल विकास जैसे कार्यक्रम शामिल हैं। यही वजह है कि यहां लोग आत्मनिर्भर रहते हैं और गरीबी लगभग खत्म हो चुकी है। साथ ही स्विट्ज़रलैंड में भीख मांगना कानूनन अपराध माना जाता है, इसलिए वहां सड़कों पर भिखारी दिखना लगभग असंभव है।

स्विट्ज़रलैंड में भीख मांगने पर कानून

स्विट्ज़रलैंड में भीख मांगना एक कानूनी अपराध माना जाता है। जिनेवा जैसे बड़े शहरों में 2022 में नया कानून पारित किया गया, जिसके तहत किसी को भी भीख मांगते हुए पकड़ा गया तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है या जेल की सजा दी जा सकती है। स्विट्ज़रलैंड के कई प्रांतों (कैंटन) जैसे जिनेवा, ज्यूरिख और अन्य बड़े शहरों में इस कानून को काफ़ी सख्ती से लागू किया गया है। दरअसल, 2018 में जिनेवा में भीख मांगने पर रोक लगाने वाला कानून लागू किया गया था, जिसके बाद से यह प्रथा लगभग खत्म हो गई है।

यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय का फैसला

2021 में यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय (ECHR) ने इस मुद्दे पर एक अहम फैसला दिया। अदालत ने कहा कि अगर भीख मांगने पर अत्यधिक सख्ती की जाए या मानवीय दृष्टिकोण न अपनाया जाए, तो यह मानवाधिकारों का उल्लंघन हो सकता है। इस फैसले के बाद स्विट्ज़रलैंड की अदालतों ने भी माना कि हर स्थिति में भीख मांगने को अपराध मानना सही नहीं है, खासकर जब व्यक्ति मजबूरी में ऐसा कर रहा हो और उसके पास कोई सहारा न हो।

सामाजिक व्यवस्था और अनुशासन

स्विट्ज़रलैंड की सामाजिक संरचना इस तरह विकसित की गई है कि हर व्यक्ति को जीवनयापन के लिए पर्याप्त साधन मिल सके। यहां के नागरिक बचपन से ही स्वयं पर निर्भर रहना सीखते हैं। स्कूलों और कॉलेजों में वित्तीय शिक्षा का पाठ्यक्रम सामान्य रूप से पढ़ाया जाता है, जिससे व्यक्ति भविष्य के लिए आर्थिक रूप से तैयार रहते हैं।

यहां भ्रष्टाचार की दर बहुत कम है और प्रशासनिक पारदर्शिता इतनी प्रभावी है कि सामाजिक असमानता पनप ही नहीं पाती। स्विस समाज में भिखारियों को दया का नहीं, बल्कि सुधार का अवसर दिया जाता है। जरूरतमंद लोगों के लिए बेरोजगारी भत्ता, आवास सहायता और परामर्श केंद्र खोले गए हैं।

स्विट्ज़रलैंड की आर्थिक रीढ़

स्विट्ज़रलैंड की समृद्धि का मुख्य आधार उसके उद्योग और वित्तीय संस्थान हैं। दुनिया की सबसे बड़ी निवेश बैंकिंग कंपनियां, बीमा एजेंसियां और घड़ी निर्माण की विश्व प्रसिद्ध ब्रांडें (जैसे Rolex, Swatch, Omega) यहीं से संचालित होती हैं।

साथ ही, स्विट्ज़रलैंड टेक्नोलॉजी इनोवेशन का भी केंद्र है। यहां अनुसंधान केंद्रों में लाखों वैज्ञानिक काम करते हैं। कृषि, पर्यटन, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र भी समान रूप से मजबूत हैं। यही विविधता देश को आत्मनिर्भर और सामाजिक रूप से स्थिर बनाए रखती है।

अपराध दर और कानून व्यवस्था

स्विट्ज़रलैंड की पहचान एक अत्यंत अनुशासित और सुरक्षित देश के रूप में होती है। यहां अपराध दर दुनिया में सबसे कम में से एक है। पुलिस व्यवस्था न्यायपूर्ण और तेज़ है। यहां किसी व्यक्ति को सार्वजनिक स्थान पर असामाजिक व्यवहार या अनुचित गतिविधि के लिए तुरंत दंड मिल सकता है।

भीख माँगने से अधिक गंभीर अपराध यहाँ पर 'सामाजिक जवाबदेही से बचना' माना जाता है। सरकार हर नागरिक को यह जिम्मेदारी देती है कि वह समाज का उत्पादक हिस्सा बने। शायद इसी विचारधारा ने स्विट्ज़रलैंड को एक ऐसा देश बनाया है जिसे 'भिखारी-रहित' देश कहा जा सकता है।

भारत और अन्य देशों के अनुभव

स्विट्ज़रलैंड में न केवल सख्त कानून बनाए गए हैं, बल्कि साथ ही सामाजिक पुनर्वास की योजनाएं भी चलाई जाती हैं। जिन लोगों के पास घर या रोजगार नहीं होता, उन्हें सरकार की सहायता से पुनर्वास कार्यक्रमों के जरिए मुख्यधारा में वापस लाने की कोशिश की जाती है। इस तरह स्विट्ज़रलैंड में कानून की सख्ती और सामाजिक सहानुभूति दोनों का संतुलन देखने को मिलता है, जिससे वहां गरीबी और भीख मांगने जैसी समस्याएं लगभग समाप्त हो चुकी हैं।

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