विश्व साँप दिवस 2025, साँपों की दुनिया और उनके संरक्षण की कहानी

World Snake Day 2025: 16 जुलाई को हर साल विश्व साँप दिवस के रूप में मनाया जाता है आइये जानते हैं इसका इतिहास और महत्त्व।

Akshita Pidiha
Published on: 16 July 2025 10:07 PM IST
World Snake Day 2025
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World Snake Day 2025 (Image Credit-Social Media)

World Snake Day 2025: हर साल 16 जुलाई को विश्व साँप दिवस मनाया जाता है। यह दिन उन रहस्यमयी और आकर्षक जीवों को समर्पित है, जिन्हें हम साँप कहते हैं। साँपों को अक्सर डरावना और खतरनाक समझा जाता है, लेकिन यह दिन हमें उनके महत्व, विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र में उनकी भूमिका को समझने का मौका देता है। विश्व साँप दिवस का मकसद न केवल साँपों के प्रति जागरूकता फैलाना है, बल्कि उनके संरक्षण और गलत धारणाओं को दूर करना भी है। क्या आप जानते हैं कि साँपों की मदद से आप विदेशी धरती पर भी कदम रख सकते हैं? आइए, इस रोचक यात्रा में साँपों की दुनिया को जानें और देखें कि कैसे यह दिन हमें नई जगहों की सैर करा सकता है।

साँपों की दुनिया: एक अनोखी विविधता

दुनिया में साँपों की 3,789 से ज्यादा प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इनमें से करीब 600 प्रजातियाँ जहरीली हैं, लेकिन केवल 200 ही ऐसी हैं, जो इंसानों के लिए गंभीर खतरा बन सकती हैं। भारत में साँपों की लगभग 300 प्रजातियाँ हैं, जिनमें भारतीय कोबरा, किंग कोबरा, रसेल वाइपर और करैत जैसी प्रजातियाँ शामिल हैं। साँप हर महाद्वीप पर पाए जाते हैं, सिवाय अंटार्कटिका, आइसलैंड, आयरलैंड, ग्रीनलैंड और न्यूजीलैंड के। उनकी यह विविधता उन्हें प्रकृति का एक अनोखा हिस्सा बनाती है।


साँपों की खासियत उनकी अनुकूलन क्षमता है। रेगिस्तान से लेकर जंगल, पहाड़ों से लेकर समुद्र तक, साँप हर जगह अपना घर बना लेते हैं। कुछ साँप, जैसे समुद्री साँप, पानी में रहते हैं, जबकि कुछ, जैसे पायथन, पेड़ों पर चढ़ने में माहिर होते हैं। विश्व साँप दिवस हमें इन जीवों की विविधता को समझने और उनकी सुंदरता की सराहना करने का मौका देता है।

विश्व साँप दिवस का इतिहास

विश्व साँप दिवस की शुरुआत को लेकर जानकारों में कुछ मतभेद हैं, लेकिन माना जाता है कि इसकी नींव 1967 में अमेरिका के टेक्सास में पड़ी। वहाँ एक साँप फार्म शुरू हुआ, जिसने साँपों के प्रति जागरूकता फैलाने का काम किया। 1970 तक यह फार्म इतना लोकप्रिय हो गया कि 16 जुलाई को विश्व साँप दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई। धीरे-धीरे गैर-सरकारी संगठनों और प्रकृति प्रेमियों ने इस दिन को विश्व स्तर पर बढ़ावा दिया।

इस दिन का मुख्य उद्देश्य साँपों के बारे में गलत धारणाओं को तोड़ना और उनके संरक्षण को बढ़ावा देना है। भारत में साँपों को लेकर कई मिथक हैं। लोग उन्हें खतरनाक मानते हैं और अक्सर डर के मारे मार देते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि साँप प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

पारिस्थितिकी तंत्र में साँपों की भूमिका


साँप प्रकृति के सफाईकर्मी हैं। वे चूहों, कीड़ों और अन्य छोटे जीवों को खाकर उनकी आबादी को नियंत्रित करते हैं। इससे फसलों को नुकसान कम होता है और बीमारियों का प्रसार रुकता है। उदाहरण के लिए, एक साँप एक रात में कई चूहों को खा सकता है, जो खेतों को बर्बाद करने में माहिर होते हैं। इसके अलावा, साँप खाद्य श्रृंखला का हिस्सा हैं। वे बाज, उल्लू और अन्य शिकारी पक्षियों का भोजन हैं।

साँपों का जहर भी चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है। उनके जहर से कई दवाइयाँ बनाई जाती हैं, जो ब्लड प्रेशर, कैंसर और हृदय रोगों के इलाज में मदद करती हैं। विश्व साँप दिवस हमें यह समझने का मौका देता है कि साँप डरावने नहीं, बल्कि उपयोगी हैं।

साँपों के साथ विदेश की सैर

साँपों की विविधता और उनके संरक्षण के लिए विश्व साँप दिवस पर कई देशों में आयोजन होते हैं, जो आपको विदेश यात्रा का मौका दे सकते हैं। ये आयोजन न केवल शैक्षिक हैं, बल्कि रोमांचक भी हैं। आइए, कुछ ऐसे देशों और उनके साँपों के बारे में जानते हैं, जहाँ आप विश्व साँप दिवस के बहाने सैर कर सकते हैं।

1. ऑस्ट्रेलिया: जहरीले साँपों की भूमि

ऑस्ट्रेलिया दुनिया के सबसे जहरीले साँपों का घर है। यहाँ इनलैंड टाइपन, जिसे छोटा स्केल साँप भी कहते हैं और ईस्टर्न ब्राउन साँप जैसे खतरनाक साँप पाए जाते हैं। विश्व साँप दिवस पर ऑस्ट्रेलिया में साँप संरक्षण संगठन कार्यशालाएँ और प्रदर्शनियाँ आयोजित करते हैं। सिडनी और मेलबर्न जैसे शहरों में आप साँपों के बारे में जान सकते हैं और उनके प्राकृतिक आवास को देखने के लिए ऑस्ट्रेलियाई आउटबैक की यात्रा कर सकते हैं। यहाँ के वन्यजीव अभयारण्य आपको साँपों की दुनिया से रूबरू कराते हैं।

2. ब्राजील: अमेजन के जंगल और पायथन

ब्राजील का अमेजन जंगल साँपों की कई अनोखी प्रजातियों का घर है, जैसे एनाकोंडा और बोआ कंस्ट्रिक्टर। विश्व साँप दिवस पर यहाँ साँपों के संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं। आप अमेजन के जंगलों में गाइडेड टूर ले सकते हैं, जहाँ वन्यजीव विशेषज्ञ आपको साँपों के बारे में बताते हैं। ये टूर न केवल शैक्षिक हैं, बल्कि अमेजन की प्राकृतिक सुंदरता को देखने का मौका भी देते हैं।

3. दक्षिण अफ्रीका: ब्लैक माँबा का रोमांच

दक्षिण अफ्रीका में ब्लैक माँबा जैसे तेज और जहरीले साँप पाए जाते हैं। यहाँ विश्व साँप दिवस पर वन्यजीव पार्क और साँप रेस्क्यू सेंटर खास प्रदर्शनियाँ आयोजित करते हैं। आप केपटाउन या जोहान्सबर्ग में साँपों के बारे में जान सकते हैं और वहाँ के नेशनल पार्क में साँपों को उनके प्राकृतिक आवास में देख सकते हैं। यह यात्रा रोमांच और ज्ञान का अनोखा मिश्रण है।

4. थाईलैंड: साँपों का गाँव

थाईलैंड का बन कोक सा-नगा गाँव साँपों के लिए मशहूर है। यहाँ लोग साँपों के साथ रहते हैं और उन्हें पालते हैं। विश्व साँप दिवस पर यहाँ साँप शो और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित होते हैं। आप यहाँ कोबरा और पायथन जैसे साँपों को करीब से देख सकते हैं और स्थानीय लोगों से उनके बारे में सीख सकते हैं। यह गाँव साँप प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है।

5. भारत: नाग पंचमी और साँपों की पूजा

भारत में साँपों का सांस्कृतिक महत्व भी है। यहाँ नाग को देवता माना जाता है और सावन के महीने में नाग पंचमी पर उनकी पूजा की जाती है। विश्व साँप दिवस पर भारत के कई शहरों, जैसे दिल्ली, मुम्बई और चेन्नई में साँप रेस्क्यू संगठन कार्यशालाएँ आयोजित करते हैं। आप इन्हें जॉइन करके साँपों के संरक्षण में योगदान दे सकते हैं और विदेशी पर्यटकों के साथ इन आयोजनों में शामिल हो सकते हैं।

साँपों के प्रति गलत धारणाएँ और सच्चाई


भारत में साँपों को लेकर कई मिथक हैं। कुछ लोग मानते हैं कि साँप दूध पीते हैं, जबकि सच्चाई यह है कि साँप मांसाहारी होते हैं। कुछ का मानना है कि साँप बदला लेते हैं, जो पूरी तरह गलत है। विश्व साँप दिवस इन गलत धारणाओं को तोड़ने का मौका देता है। यह दिन हमें सिखाता है कि साँपों से डरने की बजाय उनके साथ सह-अस्तित्व बनाना चाहिए।

साँपों का संरक्षण: क्यों जरूरी है?

साँपों की कई प्रजातियाँ आवास के नुकसान, मानव-पशु संघर्ष और अवैध शिकार के कारण खतरे में हैं। भारत में किंग कोबरा और रसेल वाइपर जैसी प्रजातियाँ तेजी से कम हो रही हैं। विश्व साँप दिवस पर साँप रेस्क्यू और पुनर्वास जैसे प्रयासों को बढ़ावा दिया जाता है। ये संगठन साँपों को बचाते हैं और उन्हें उनके प्राकृतिक आवास में छोड़ते हैं।

भारत में कई संगठन, जैसे स्नेक सेल और वाइल्डलाइफ SOS, साँपों के संरक्षण में सक्रिय हैं। ये संगठन लोगों को साँपों के सुरक्षित प्रबंधन और उनके महत्व के बारे में सिखाते हैं। विश्व साँप दिवस पर आप इन संगठनों के साथ जुड़ सकते हैं और साँपों की रक्षा में योगदान दे सकते हैं।

विश्व साँप दिवस के आयोजन

विश्व साँप दिवस पर दुनिया भर में कई गतिविधियाँ आयोजित होती हैं। इनमें शामिल हैं:

जागरूकता कार्यशालाएँ: स्कूलों और कॉलेजों में साँपों के बारे में जानकारी दी जाती है।

प्रदर्शनियाँ: साँपों की प्रजातियों और उनके व्यवहार को प्रदर्शित किया जाता है।

रेस्क्यू डेमो: साँप रेस्क्यू की प्रक्रिया को दिखाया जाता है।

गाइडेड टूर: जंगलों और अभयारण्यों में साँपों को देखने के लिए टूर आयोजित होते हैं।

ये आयोजन आपको साँपों की दुनिया को करीब से जानने का मौका देते हैं। विदेशों में ये टूर आपको नई संस्कृतियों और प्राकृतिक सुंदरता से भी जोड़ते हैं।

विदेश यात्रा का रोमांच

विश्व साँप दिवस के बहाने आप विदेशी धरती पर साँपों की दुनिया को जान सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और थाईलैंड जैसे देशों में साँपों के संरक्षण के लिए आयोजित कार्यक्रम आपको वहाँ की संस्कृति, भोजन और प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव कराते हैं। उदाहरण के लिए, अमेजन के जंगलों में साँपों को देखने का रोमांच आपको प्रकृति के और करीब लाता है।

इन देशों की यात्रा के लिए आपको वैध पासपोर्ट और वीजा की जरूरत हो सकती है। यात्रा से पहले साँप संरक्षण संगठनों की वेबसाइट्स पर जाकर उनके आयोजनों की जानकारी ले लें। ये यात्राएँ न केवल शैक्षिक हैं, बल्कि आपके लिए एक यादगार अनुभव भी बन सकती हैं।

साँपों के साथ एक नया रिश्ता


विश्व साँप दिवस हमें सिखाता है कि साँप हमारे दुश्मन नहीं, बल्कि प्रकृति के दोस्त हैं। उनकी विविधता, उनके व्यवहार और उनके संरक्षण की कहानी हमें नई नजर से दुनिया को देखने की प्रेरणा देती है। यह दिन हमें यह भी सिखाता है कि डर को ज्ञान से बदला जा सकता है। साँपों के प्रति जागरूकता फैलाकर और उनके संरक्षण में योगदान देकर हम प्रकृति के संतुलन को बनाए रख सकते हैं।

तो इस 16 जुलाई को विश्व साँप दिवस पर साँपों की दुनिया को जानें, उनके बारे में फैली गलतफहमियों को दूर करें और शायद एक ऐसी यात्रा पर निकल पड़ें, जो आपको विदेश की सैर कराए। साँपों की यह दुनिया न केवल रोचक है, बल्कि हमें प्रकृति के साथ एक गहरा रिश्ता जोड़ने की सीख भी देती है।

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Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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