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मणिपुर में विकास का सपना पूरा होगा? पीएम मोदी के दावों पर Newstrack सर्वे में जनता का फीडबैक
PM Modi in Manipur: प्रधानमंत्री मणिपुर में किए गए अपने वादों पर खरे उतर पाएंगे या नहीं इसको लेकर न्यूजट्रैक ने एक सर्वे किया है, जिसमें सोशल मीडिया के जरिए हमने लोगों के मतों को जानने की कोशिश की है। इस दौरान पूरे देश भर से अनेकों बयान निकालकर सामने आई जिसमें लोगों ने ईमानदारी और निष्पक्षता से अपने बयान को हम तक पहुंचाया है।
PM Modi in Manipur: मणिपुर में राष्ट्रपति शासन होने की वजह से वहाँ किसी पार्टी का आधिकारिक शासन नहीं है। भारतीय जनता पार्टी के एन. बीरेन सिंह जो लगातार 2017 से मणिपुर के मुख्यमंत्री बने हुए थे। उन पर भी मणिपुर की आंतरिक कलह को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया था। अब मणिपुर में स्थति को कंट्रोल में लाने के लिए जिससे वहां फिर से चुनाव आयोजित हो सके, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 सितंबर को मणिपुर दौरा किया है। इस दौरान उन्होंने मणिपुर हिंसा में प्रभावित जनता को खूब सारी सौगातें भी प्रदान की। अब इन सौगातों पर पर वे कितने खरे उतर पाएंगे ये तो आने वाला वक्त तय ही कर देगा। अपने दौरे के दौरान पीएम मोदी ने 1200 करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ भी किया। हालाँकि 2023 हिंसा के बाद पीएम मोदी का यह पहला मणिपुर दौरा था। अब ऐसी स्थिति में मणिपुर समेत पूरे देश की जनता प्रधानमंत्री के इरादों पर सवाल उठा रही है। साथ ही यह भी बयान सामने आ रहे हैं कि भाजपा मणिपुर में विकास कार्यों को करने में असफल रहेगी। इन मुद्दों और जनता के बयानों को लेकर न्यूजट्रैक ने एक सर्वे किया है। इस सर्वे में 90 प्रतिशत लोगों ने प्रधानमंत्री के बयानों का विरोध ही किया है। तो आइए आपको अवगत कराते हैं जनता के मतों से।
प्रधानमंत्री मणिपुर में किए गए अपने वादों पर खरे उतर पाएंगे या नहीं इसको लेकर न्यूजट्रैक ने एक सर्वे किया है, जिसमें सोशल मीडिया के जरिए हमने लोगों के मतों को जानने की कोशिश की है। इस दौरान पूरे देश भर से अनेकों बयान निकालकर सामने आई जिसमें लोगों ने ईमानदारी और निष्पक्षता से अपने बयान को हम तक पहुंचाया है।
जनता के मत-
1. जगेश्वर अग्निहोत्री: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुकक पर जगेश्वर अग्निहोत्री ने पीएम पर कड़ा तंज कसते हुए कहा- आश्वासन पर खरे और पर निभाने में खोटे, फिर मतलब निकल गया तो पहचानते नहीं
2. निर्तन व्यास: वहीं PM मोदी के पक्ष में उतरते हुए निर्तन व्यास ने अपनी प्रतिक्रिया में लिखा- राजनीति में एक यही व्यक्ति है जिस पर भारत की जनता को पूरा विश्वास है सिर्फ कुछ चमचों को छोड़कर
3. सना हनबी कर: वहीं मणिपुर की ही निवासी सना हनबी कर ने फेसबूक पर अपने मत के द्वारा प्रधानमंत्री को सुझाव दिया- सना ने लिखा मणिपुर की स्थिति सुधारने वाला न तो कोई प्रधानमंत्री आया है, और न ही आने वाला है। और स्थिति में मोदीजी आपकी भी गलती है जो आपने रिफ़्यूज लोगों को आने दिया। मणिपुर में अगर स्थिति को सुधारकर शांति लानी है तो उसका सिर्फ एक ही तरीका है, मणिपुर में NRC लाइये।
4. महेश प्रसाद चौधरी: इन बयानों के अलावा महेश प्रसाद चौधरी ने बड़े बेबाकी से अपना मत रखते हुए कहा- आज तक प्रधानमंत्री ने जो बोला उसका विपरीत ही काम किया। देश नहीं बिकने दुंगा रेल से जहाज तक सब बेच दिया। ये केवल लच्छे दार बातें करना ही जानते है।
वैसे मणिपुर में आंतरिक संघर्ष के चलते वहाँ भारतीय जनता पार्टी की सरकार होने के बावजूद राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है। वहाँ मैतेई और कुकी संप्रदाय के बीच आपस में ही भीषण विद्रोह मचा हुआ था। इन विवादों को देखते हुए राष्ट्रपति शासन के तहत यह नियम तय किया गया है कि अगर मणिपुर में स्थितियाँ कंट्रोल में आ जाती है तो राष्ट्रपति शासन कुछ ही महीनों तक रहेगा। इसके अलावा निर्धारित समय 2027 से पहले ही मणिपुर में चुनाव कराए जा सकते हैं। वहीं स्थितियाँ कंट्रोल में न आने की स्थिति में हर 6 महीने पर संसद की मंजूरी से राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाई जा सकती है। ऐसी स्थिति में चुनाव निर्धारित समय तक टाले भी जा सकते हैं।
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