TRENDING TAGS :
Politician Janardan Mishra Wikipedia: समर्पण, सादगी और सेवा का प्रतीक हैं भाजपा के लोकप्रिय जननेता जनार्दन मिश्रा
Politician Janardan Mishra Wikipedia: भाजपा के वरिष्ठ नेता और रीवा लोकसभा क्षेत्र के सांसद जनार्दन मिश्रा अपने सामाजिक योगदान के लिए आम जन में काफी लोकप्रिय हैं।
Politician Janardan Mishra Wikipedia (Image Credit-Social Media)
Politician Janardan Mishra Wikipedia: भारतीय राजनीति में कुछ नेता ऐसे होते हैं जो न केवल अपनी राजनीतिक दक्षता से बल्कि अपने सामाजिक योगदान और जनसंवेदनशीलता से भी विशेष पहचान बनाते हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और रीवा लोकसभा क्षेत्र के सांसद जनार्दन मिश्रा ऐसे ही व्यक्तित्व हैं। वे उस पीढ़ी से आते हैं जिन्होंने जमीनी स्तर पर राजनीति सीखी, समाज की नब्ज़ को समझा और जन-सेवा को अपना जीवन उद्देश्य बनाया। शिक्षा से लेकर सामाजिक सुधार और कृषि उन्नयन तक, मिश्रा की यात्रा प्रेरक और अनुकरणीय रही है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
जनार्दन मिश्रा का जन्म 1 मई, 1956 को मध्य प्रदेश के रीवा जिले के हिनौता गांव में एक साधारण ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री रामाधार मिश्रा और माता का नाम श्रीमती कैलाशू देवी है। पारिवारिक पृष्ठभूमि ग्रामीण और परंपरागत थी, जिसमें संस्कार, सेवा और सादगी प्रमुख मूल्य थे। मिश्रा की प्रारंभिक शिक्षा रीवा में हुई और उन्होंने आगे की पढ़ाई ठाकुर रणमत सिंह डिग्री कॉलेज से की। 1978 में उन्होंने बीए की डिग्री प्राप्त की और फिर 1985 में उसी संस्थान से विधि स्नातक (एलएलबी) की पढ़ाई पूरी की। उनके विद्यार्थी जीवन में अनुशासन, सामाजिक मुद्दों के प्रति सजगता और नेतृत्व क्षमता की झलक दिखने लगी थी, जिसने आगे चलकर उन्हें जननेता बनने की दिशा में प्रेरित किया।
राजनीति में प्रवेश और शुरुआती यात्रा
जनार्दन मिश्रा का राजनीति में प्रवेश पारंपरिक राजनीतिक ढांचे से भिन्न था। उन्होंने राजनीति को सत्ता का माध्यम नहीं, सेवा का साधन माना। भाजपा की विचारधारा और राष्ट्रवादी चिंतन से प्रभावित होकर वे पार्टी से जुड़ गए। प्रारंभिक वर्षों में उन्होंने संगठनात्मक कार्यों में भाग लिया और धीरे-धीरे पार्टी के प्रति निष्ठा और कार्यकुशलता के बल पर भाजपा के रीवा जिला अध्यक्ष के पद तक पहुंचे।
भाजपा संगठन के लिए उन्होंने अनेक बार संघर्ष किए और पार्टी की जमीनी पकड़ को मजबूत किया। उन्होंने युवाओं को राजनीति से जोड़ने, बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं का नेटवर्क तैयार करने और संगठन के विचारों को जनमानस तक पहुंचाने का कार्य प्रभावी ढंग से किया।
लोकसभा में पदार्पण और चुनावी सफलता
2014 के आम चुनावों में भाजपा ने उन्हें रीवा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता सुंदरलाल तिवारी को करारी शिकस्त दी। जनार्दन मिश्रा को 3,83,320 वोट मिले जबकि तिवारी को 2,14,594 मतों पर ही संतोष करना पड़ा। यह जीत न केवल भाजपा के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी बल्कि यह इस बात का प्रमाण भी थी कि जनता ने मिश्रा की सादगी और सेवा को सराहा। 2019 में वह पुनः निर्वाचित हुए और 17वीं लोकसभा के सदस्य बने। इस बार उनकी भूमिका और अधिक सक्रिय रही। उन्हें लोकसभा की सार्वजनिक उपक्रम समिति, ग्रामीण विकास और पंचायती राज संबंधी स्थायी समिति और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति में नामित किया गया। इससे पहले, 2014-16 में भी उन्होंने कृषि समिति, अधीनस्थ विधान समिति और लाभ के पदों पर संयुक्त समिति में कार्य किया था।
सामाजिक और पर्यावरणीय सरोकार
जनार्दन मिश्रा की पहचान एक जागरूक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी है। वे लगातार समाज के वंचित, पिछड़े और उपेक्षित वर्गों के लिए कार्य करते आए हैं। उन्होंने शिक्षा के प्रचार-प्रसार पर विशेष बल दिया और बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए कई पहल कीं। उनका मानना है कि शिक्षा ही वह माध्यम है जिससे समाज को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाया जा सकता है। नशा मुक्ति अभियान में उनकी भागीदारी उल्लेखनीय है। वे रीवा में कई नशा मुक्ति शिविरों का आयोजन कर चुके हैं और युवाओं को व्यसनमुक्त जीवन की प्रेरणा देते हैं। इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण में भी उनकी रुचि विशेष है। उन्होंने हजारों की संख्या में नीम के वृक्ष रोपित करवाए हैं और जल स्रोतों के संरक्षण की दिशा में भी निरंतर कार्य किया है।
कृषि सुधार के लिए प्रतिबद्धता
जनार्दन मिश्रा का एक विशेष क्षेत्र है – कृषि। वे कृषि क्षेत्र की दुर्दशा और किसानों की समस्याओं को बखूबी समझते हैं। उन्होंने पारंपरिक कृषि पद्धतियों में आधुनिक तकनीकों के एकीकरण की आवश्यकता को पहचाना और इस दिशा में कार्य किया।
वे देशी पशुधन नस्लों के संवर्धन और उनके माध्यम से दूध उत्पादन में वृद्धि को बढ़ावा देते हैं। साथ ही वे रासायनिक खादों के बजाय जैविक खेती की वकालत करते हैं जिससे न केवल किसानों की लागत कम हो, बल्कि खाद्यान्नों की गुणवत्ता भी बनी रहे। उन्होंने जल प्रबंधन, सिंचाई योजनाओं और सूखे की समस्या के समाधान की दिशा में स्थानीय स्तर पर प्रभावशाली प्रयास किए हैं।
सांस्कृतिक जुड़ाव और बघेली भाषा का संवर्धन
एक जननेता होने के साथ-साथ जनार्दन मिश्रा सांस्कृतिक चेतना के संवाहक भी हैं। वे रीवा और बुंदेलखंड क्षेत्र की प्राचीन संस्कृति, परंपराओं और भाषाओं के संरक्षण के लिए प्रयासरत हैं। खासकर बघेली भाषा के पुनर्जीवन की दिशा में उनकी पहल सराहनीय रही है। वे जनसभाओं में बघेली भाषा का प्रयोग कर युवाओं को अपनी सांस्कृतिक विरासत से जोड़ते हैं और इस भाषा के साहित्यिक स्वरूप को बढ़ावा देते हैं।
व्यक्तिगत जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि
जनार्दन मिश्रा का जीवन अत्यंत सादगीपूर्ण रहा है। उन्होंने अपनी जीवन यात्रा को अपनी धर्मपत्नी विजय कुमारी के साथ साझा किया है। यह दंपती तीन बच्चों के माता-पिता हैं। मिश्रा का पारिवारिक जीवन उनके सामाजिक मूल्यों और परंपराओं से गहराई से जुड़ा है। उनका कहना है कि परिवार ही वह इकाई है जहां से सेवा, समर्पण और सामाजिक चेतना के संस्कार मिलते हैं।
वर्तमान भूमिका और भविष्य की दिशा
वर्तमान में जनार्दन मिश्रा भाजपा के जिला अध्यक्ष होने के साथ-साथ संसद सदस्य के रूप में भी कार्यरत हैं। उन्हें आगामी 2024 के आम चुनावों के लिए भाजपा ने पुनः रीवा से अपना प्रत्याशी घोषित किया, जो इस बात का संकेत है कि पार्टी को उन पर और उनके जनाधार पर पूर्ण विश्वास है।
उनकी कुल घोषित संपत्ति
2,03,59,750 रुपये है, और उनके खिलाफ किसी प्रकार का आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। यह भी उनकी पारदर्शिता और ईमानदारी का परिचायक है। जनार्दन मिश्रा की राजनीतिक यात्रा समर्पण, संघर्ष और सेवा की मिसाल है। वे उन नेताओं में से हैं जिनकी राजनीति ‘कुर्सी’ के लिए नहीं, ‘कर्तव्य’ के लिए है। कृषि से लेकर शिक्षा, पर्यावरण से लेकर सांस्कृतिक पुनरुत्थान तक उनके प्रयास निरंतर जारी हैं। रीवा ही नहीं, समूचे बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में जनार्दन मिश्रा एक जननेता, एक मार्गदर्शक और एक सच्चे सेवक के रूप में प्रतिष्ठित हैं। आने वाले समय में उनके कार्य और दृष्टिकोण देश की राजनीति में आदर्श बन सकते हैं।
Start Quiz
This Quiz helps us to increase our knowledge