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Politician Brijmohan Agarwal Wiki: जनसेवा की मिशाल बृजमोहन अग्रवाल एक लोकप्रिय राजनेता, एक कर्मठ समाजसेवी और कुशल नेतृत्व का प्रतीक
Politician Brijmohan Agarwal Wikipedia: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता हैं और राज्य की राजनीति में एक प्रमुख चेहरा हैं बृजमोहन अग्रवाल जो छत्तीसगढ़ विधानसभा में रायपुर दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
Politician Brijmohan Agarwal Wikipedia (Image Credit-Social Media)
Politician Brijmohan Agarwal: छत्तीसगढ़ की राजनीति में यदि किसी नाम को विकास, संगठन, जनसेवा और प्रशासनिक क्षमता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है, तो वह है श्री बृजमोहन अग्रवाल। उनका जीवन एक ऐसे जनसेवक की मिसाल है, जो बाल्यकाल से ही राष्ट्रसेवा और सामाजिक सरोकारों से जुड़ा रहा, जिसने छात्र राजनीति से लेकर मंत्री पद तक की यात्रा में अपने मूल्यों और विचारधारा को कभी नहीं छोड़ा। वर्तमान में, बृजमोहन अग्रवाल छत्तीसगढ़ विधानसभा में रायपुर दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता हैं और राज्य की राजनीति में एक प्रमुख चेहरा बने हुए हैं। हालांकि, वर्तमान में वे किसी मंत्री पद पर नहीं हैं, लेकिन विपक्ष में रहते हुए भी वे सक्रिय रूप से जनहित के मुद्दों को उठाते हैं और विधानसभा में प्रभावी भूमिका निभाते हैं।उनकी राजनीतिक यात्रा और अनुभव उन्हें भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन बनाते हैं, और वे पार्टी के संगठनात्मक कार्यों में भी सक्रिय योगदान दे रहे हैं।
जन्म और पारिवारिक पृष्ठभूमि
श्री बृजमोहन अग्रवाल का जन्म 1 मई 1959 को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के एक प्रतिष्ठित व्यवसायी परिवार में हुआ। उनके पिता श्री रामजीलाल अग्रवाल, रामसागर पारा रायपुर के निवासी थे। परिवार में सामाजिक कार्यों की जड़ें गहरी थीं, जिसका प्रभाव श्री अग्रवाल के व्यक्तित्व पर बाल्यकाल से ही पड़ा।
Politician Brijmohan Agarwal (Image Credit-Social Media)
शिक्षा और वैचारिक आधार
श्री अग्रवाल का छात्र जीवन भी प्रेरणादायी रहा। उन्होंने शिक्षा के दौरान ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ाव स्थापित कर लिया था। संघ के अनुशासन, राष्ट्रप्रेम और विचारधारा ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया। यही कारण रहा कि उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से सक्रिय रूप से छात्र राजनीति में भाग लिया।
उन्होंने रायपुर के दुर्गा महाविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और रविशंकर विश्वविद्यालय छात्रसंघ के प्रतिनिधि भी बने। इसके अतिरिक्त वे कल्याण महाविद्यालय, भिलाई के भी अध्यक्ष रहे। यह कालखंड उनके नेतृत्व कौशल और जनसंपर्क क्षमता के विकास का आधार बना।
राजनीति में औपचारिक प्रवेश
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छात्र राजनीति के बाद वर्ष 1978 में उन्होंने तत्कालीन भारतीय जनसंघ से निकली भारतीय जनता पार्टी की सक्रिय सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान वे स्वर्गीय श्रीमती राजमाता विजयाराजे सिंधिया, अटल बिहारी वाजपेयी और कुशाभाऊ ठाकरे जैसे दिग्गज नेताओं के संपर्क में आए। उनके विचारों और कार्यशैली से प्रभावित होकर श्री अग्रवाल ने राजनीति को जनसेवा का माध्यम बनाया। बीजेपी के युवा मोर्चा में उन्होंने प्रदेश उपाध्यक्ष, महामंत्री और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जैसे पदों पर कार्य करते हुए संगठन विस्तार में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सत्ता से पहले संघर्ष
अपने युवा मोर्चा कार्यकाल के दौरान उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की नीतियों का विरोध किया और रायपुर में उन्हें काला झंडा दिखाया। इस घटना के बाद उन पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें वे घायल हुए और उन्हें जेल भी जाना पड़ा। इस संघर्ष ने उन्हें प्रदेश के युवाओं का चेहरा बना दिया। उन्होंने सरगुजा से बस्तर तक व्यापक जनसंपर्क कर पार्टी को मजबूत किया।
चुनावी राजनीति में शानदार शुरुआत
1990 में पहली बार बीजेपी ने उन्हें रायपुर नगर क्षेत्र से विधानसभा का प्रत्याशी बनाया। उन्होंने शानदार जीत हासिल कर मध्यप्रदेश विधानसभा पहुंचे। उनकी कार्यक्षमता को देखते हुए उन्हें सुंदरलाल पटवा की सरकार में स्थानीय शासन और नगरीय कल्याण विभाग का राज्य मंत्री बनाया गया।
बाद में उन्हें विज्ञान, टेक्नोलॉजी और पर्यटन विभागों का स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया। उनके कार्यों की प्रशंसा हर स्तर पर हुई, जिससे उनका राजनीतिक कद लगातार बढ़ता गया।
लगातार जीत का सिलसिला
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श्री अग्रवाल ने 1993 और 1998 में लगातार दूसरी और तीसरी बार विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की। इस दौरान वे बीजेपी विधायक दल के मुख्य सचेतक बने और 1997 में मध्यप्रदेश विधानसभा द्वारा "उत्कृष्ट विधायक" के रूप में सम्मानित किए गए। दिग्विजय सिंह सरकार के समय उन्होंने छत्तीसगढ़ की हीरा खदानों को विदेशी कंपनी डिबियर्स को सौंपने के प्रस्ताव का पुरजोर विरोध किया और रायपुर एयरपोर्ट से उन्हें वापस भेजने में भूमिका निभाई।
छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण के बाद प्रभावशाली भूमिका
Politician Brijmohan Agarwal (Image Credit-Social Media)
छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण के बाद श्री अग्रवाल की राजनीतिक यात्रा और अधिक गतिशील हुई। 2003 में वे चौथी बार रायपुर दक्षिण से विधायक बने और डॉ. रमन सिंह मंत्रिमंडल में गृह, जेल, श्रम, संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व जैसे महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री बने। 2006 में उन्हें वन, खेल एवं युवा कल्याण विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया। इसी प्रकार 2008 में वे पांचवीं बार विधायक बने और लोक निर्माण, स्कूल शिक्षा, संसदीय कार्य, संस्कृति, धार्मिक न्यास आदि विभागों की जिम्मेदारी मिली।
विकास कार्यों में अग्रणी भूमिका
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2013 में छठवीं बार विधायक निर्वाचित होने के बाद उन्हें कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, जल संसाधन, आयाकट, धार्मिक न्यास और धर्मस्व जैसे विभाग मिले। उनके कार्यकाल में छत्तीसगढ़ ने तीन वर्षों तक (2014, 2015, 2016) लगातार कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त किया। व्यक्तिगत रूप से भी उन्हें एग्रीकल्चर लीडरशिप अवार्ड से सम्मानित किया गया। कहा जाता है कि जिस विभाग की जिम्मेदारी उन्हें दी जाती है, वह विभाग एक नए रूप में निखर उठता है। उनकी नीति-निर्माण क्षमता, प्रशासनिक दक्षता और जमीनी समझ ने उन्हें जननेता के रूप में स्थापित किया।
सामाजिक और संगठनात्मक योगदान
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राजनीति के अलावा श्री अग्रवाल ने खेल, युवा कल्याण और सामाजिक गतिविधियों में भी सक्रिय योगदान दिया। वे नेहरू युवा केंद्र छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष रहे हैं। केंद्र सरकार ने भी उनके अनुभव को मान्यता दी और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की सलाहकार समिति के चेयरमेन के रूप में नियुक्त किया। वर्तमान में वे छत्तीसगढ़ भाजपा के कोर ग्रुप सदस्य हैं और सत्ता-संगठन के बीच समन्वय की मजबूत कड़ी बने हुए हैं। श्री बृजमोहन अग्रवाल की पहचान एक ईमानदार, कर्मठ, जनसेवक और दूरदर्शी नेता के रूप में रही है। वे कार्यकर्ताओं के बीच सहज रूप से घुल-मिल जाने वाले नेता हैं। उनकी 33 वर्षों की संसदीय यात्रा अनुभव और प्रशासनिक कुशलता से परिपूर्ण है।
उनका व्यक्तित्व संगठनात्मक दृष्टिकोण से दृढ़ है और उन्होंने हमेशा कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी है। उनके जीवन में संघ अनुशासन, बीजेपी की राष्ट्रवादी विचारधारा, और जनता के प्रति उत्तरदायित्व स्पष्ट रूप से परिलक्षित होते हैं। छत्तीसगढ़ की राजनीति में श्री बृजमोहन अग्रवाल एक ऐसा नाम हैं, जिन्होंने संघर्ष, सेवा और संगठन को अपनी कार्यशैली का मूल बनाया। जनसंपर्क, योजनाओं का क्रियान्वयन और समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने की नीति ने उन्हें जनता का प्रिय नेता बना दिया है।
आज जब भारतीय राजनीति में कार्यकुशल नेताओं की आवश्यकता बढ़ रही है, तब श्री बृजमोहन अग्रवाल जैसे अनुभवी जननेता का होना, छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का विषय है।
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