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मेरी बेटी का ख्याल रखना...कन्यादान करने के बाद भावुक हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत
RSS chief Mohan Bhagwat: कन्यादान होने के बाद रजवंती और अमन ने आरएसएस प्रमुख से आषीर्वाद लिया। इस पर संघ प्रमुख ने नवविवाहित दंपती को 501 रुपए का शगुन दिया। साथ ही कन्यादान के क्षण ने मोहन भागवत को भावुक कर दिया।
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RSS chief Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने काशी में अक्षय कन्यादान समारोह में शामिल होकर 125 जोड़ों का आशीर्वाद दिया। अक्षय कन्यादान समारोह में आरएसएस प्रमुख ने सोनभद्र के रेनूकुट की रहने वाली आदिवासी समाज की रजवंती को बेटी मानकर उसके पांव पखारे। साथ ही उसका कन्यादान किया।
रजवंती सोनभद्र के जयनाथ की बेटी है और दो दिन पहले ही अमन ने उसे पसंद कर शादी के लिए हामी भरी थी। रजवंती के पिता जयनाथ माल ढुलाई का काम करते हैं। वहीं उसका पति अमन गाड़ी चलाता है। कन्यादान होने के बाद रजवंती और अमन ने आरएसएस प्रमुख से आषीर्वाद लिया। इस पर संघ प्रमुख ने नवविवाहित दंपती को 501 रुपए का शगुन दिया।
साथ ही कन्यादान के क्षण ने मोहन भागवत को भावुक कर दिया। उन्होंने अमन से कहा कि मेरी बेटी का ख्याल रखना और अच्छे से घर परिवार चलाना। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य समेत यूपी सरकार में कई मंत्री भी उपस्थित रहे।
कन्यादान महान कार्यः मोहन भागवत
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि कन्यादान महान कार्य होता है। हर व्यक्ति को एक बार यह पवित्र कार्य जरूर करना चाहिए। उन्होंने महाकुंभ का जिक्र करते हुए कहा कि महाकुंभ ने यह सिद्ध कर दिया कि सनातन संस्कृति के प्रति पूरे विश्व का दृष्टिकोण सकारात्मक है। परिवार में संस्कार बनाये रखने के हमें एक साथ मिलकर भोजन करना चाहिए। साथ ही व्यवहार और वेशभूषा अपनी संस्कृति के अनुरूप ही रखना चाहिए।
अक्षय कन्यादान समारोह में 125 जोड़े विवाह बंधन में बंधे
वाराणसी के शंकुल धारा पोखरे पर अक्षय तृतीया के अवसर पर अक्षय कन्यादान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न जातियों के 125 जोड़े विवाह के पवित्र बंधन में बंध गये। अक्षय कन्यादान समारोह में जब पहली बार सामूहिक विवाह में बारात निकली तो वह मनमोहक दृश्य सभी को भा गया। आचार्यों के वैदिक मंत्रोच्चार और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की उपस्थिति में 125 जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ।
श्री काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रोफेसर राम नारायण द्विवेदी की देख-रेख में अक्षय कन्यादान समारोह का आयोजन किया गया। विवाह संपन्न होने के बाद विदाई के समय प्रत्येक जोड़े को दूल्हा-दुल्हन को कपड़े, पायल, साइकिल, सिलाई मशीन और सुहाग की निशानी बिछिया उपहार स्वरूप दिया गया।
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