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NDA की खुशी, INDIA की जीत! जाति जनगणना के ऐलान को राजनीतिक दलों ने बताया सामाजिक दिशा में अहम कदम
Caste Census: मोदी सरकार द्वारा जाति जनगणना के ऐलान के बाद राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। जहां एनडीए इस फैसले से खुश है, वहीं विपक्ष इसे अपनी बड़ी जीत मान रहा है। आरक्षण और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे इस निर्णय के केंद्र में हैं, जिससे आने वाले विधानसभा चुनावों पर असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।
Reactions of political parties on the announcement of caste census (Photo: Social Media)
Caste Census: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने हाल ही में जाति जनगणना कराने का ऐलान किया, जिससे देशभर में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। यह कदम कई वर्षों से चली आ रही मांग का परिणाम है, जिस पर अब राजनीतिक दलों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। जहां एनडीए के दल इस फैसले को ऐतिहासिक और स्वागतयोग्य मान रहे हैं, वहीं विपक्ष इसे अपनी बड़ी जीत बता रहा है।
गृह मंत्री अमित शाह ने बताया ऐतिहासिक कदम
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे "सामाजिक न्याय के लिए एक ऐतिहासिक कदम" बताते हुए कहा कि मोदी सरकार ने इस फैसले से हर वर्ग के अधिकारों के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धता का संदेश दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने दशकों तक जातिगत जनगणना का विरोध किया, लेकिन अब इस फैसले से समाज के हर वर्ग का सशक्तिकरण होगा और समावेशन को बढ़ावा मिलेगा।
कांग्रेस का बयान, सामाजिक न्याय की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण पल
कांग्रेस ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह "सामाजिक न्याय की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम" है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने इसे लोगों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए जरूरी बताया। कांग्रेस का मानना है कि इस फैसले के बाद हर व्यक्ति को उनके वास्तविक हक का मिलना संभव होगा। हालांकि, पार्टी ने यह भी कहा कि इस फैसले में देर हुई है और सरकार को जल्द से जल्द जातिगत जनगणना करानी चाहिए।
सपा ने बताया प्रो PDA
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने जाति जनगणना के फैसले को पीडीए (प्रो गरीब, दलित, आदिवासी) की 100% जीत बताया। उन्होंने कहा कि यह सरकार के लिए एक चेतावनी है कि वह जाति जनगणना को चुनावी राजनीति से अलग रखे। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि यह सरकार की नकारात्मक राजनीति का अंत है और अब समाजवादियों का एजेंडा लागू होगा।
नीतीश कुमार ने किया स्वागत
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जाति जनगणना कराने के सरकार के फैसले का स्वागत किया और इसे ऐतिहासिक बताया। उनका कहना था कि जाति जनगणना से समाज के विभिन्न वर्गों की संख्या का सही पता चलेगा, जिससे उनके विकास के लिए प्रभावी योजनाएं बनाई जा सकेंगी। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद भी किया।
लालू यादव ने बताया उनकी पुरानी मांग
आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने जाति जनगणना की पुरानी मांग का हवाला देते हुए कहा कि 1996-97 में जब वे जनता दल के अध्यक्ष थे, तब इस पर पहला कदम उठाया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि उनके संघर्षों के कारण ही जातिगत जनगणना को आगे बढ़ाया गया।
तेजस्वी बोले- 30 साल पुरानी मांग पूरी
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि यह 30 साल पुरानी मांग पूरी हुई है, जो समाजवादियों और उनके पिता लालू यादव की जीत है। उन्होंने कहा कि अब उनकी अगली लड़ाई यह होगी कि विधानसभा चुनावों में दलित, आदिवासी और पिछड़ों के लिए सीटें आरक्षित की जाएं।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने बताया जातीय जनगणना को सही दिशा में कदम
बसपा सुप्रीमो मायावती ने जातीय जनगणना का समर्थन कहते हुये कहा, देश में मूल जनगणना के साथ ही ’जातीय जनगणना’ कराने का केन्द्र सरकार द्वारा आज लिया गया फैसला काफी देर से उठाया गया सही दिशा में कदम। इसका स्वागत। बीएसपी इसकी माँग काफी लम्बे समय से करती रही है। उम्मीद है कि सरकार ’जनगणना से जनकल्याण’ के इस फैसले को समय से जरूर पूरा कराएगी।
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