Tea App: टी ऐप क्या है, जिसके कारण 72 हजार महिलाओं की तस्वीरें हुईं लीक?

Tea App: टी ऐप खासतौर पर महिलाओं के लिए बनाया गया था, ताकि वे ऑनलाइन डेटिंग की दुनिया में सुरक्षित महसूस कर सकें।

Akshita Pidiha
Published on: 31 July 2025 9:29 AM IST
Tea App
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Tea App (Image Credit-Social Media)

Tea App: इंटरनेट की दुनिया हर दिन नई कहानियाँ जन्म देती है। कोई ऐप अचानक सुर्खियों में छा जाता है, तो कोई एक गलती से बदनामी का शिकार हो जाता है। इन दिनों चर्चा में है एक ऐसा ही ऐप—टी (Tea)। यह ऐप खासतौर पर महिलाओं के लिए बनाया गया था, ताकि वे ऑनलाइन डेटिंग की दुनिया में सुरक्षित महसूस कर सकें। लेकिन हाल ही में इस ऐप से जुड़ी एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जब 72 हजार महिलाओं की तस्वीरें लीक हो गईं। यह खबर न सिर्फ टेक्नोलॉजी जगत को हिला गई, बल्कि उन लाखों महिलाओं की सुरक्षा और भरोसे पर भी सवाल खड़ा कर गई, जिन्होंने इस ऐप पर अपनी जानकारी साझा की थी। आइए जानते हैं टी ऐप की कहानी, इसके मकसद और इस डेटा लीक के पीछे की सच्चाई।

टी ऐप की शुरुआत: महिलाओं के लिए सुरक्षा कवच


टी ऐप, जिसका पूरा नाम Tea Dating Advice है, 2022 में अमेरिकी सॉफ्टवेयर इंजीनियर सीन कुक ने बनाया। इसकी प्रेरणा उन्हें अपनी मां से मिली, जिन्हें ऑनलाइन डेटिंग के दौरान धोखे और कैटफिशिंग का सामना करना पड़ा था। सीन ने देखा कि उनकी मां जैसे कई महिलाएं डेटिंग प्लेटफॉर्म्स पर नकली पहचान, आपराधिक रिकॉर्ड वाले लोगों और भावनात्मक धोखाधड़ी की शिकार हो रही हैं।

यही वजह थी कि सीन ने एक ऐसा मंच बनाया, जो महिलाओं को डेटिंग में सशक्त और सुरक्षित बनाए। इस ऐप पर महिलाएं पुरुषों को रेड फ्लैग (खतरे का संकेत) या ग्रीन फ्लैग (सुरक्षित संकेत) देकर रेट कर सकती थीं। इसके साथ ही, ऐप में कई सुविधाएँ थीं—

• बैकग्राउंड चेक: किसी पुरुष की वैवाहिक स्थिति और आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी।

• रिवर्स इमेज सर्च: पुरुष की तस्वीर की सत्यता और कैटफिशिंग का पता लगाना।

• अनाम टिप्पणी: पुरुषों के बारे में बिना पहचान उजागर किए राय देना।

• टी पार्टी ग्रुप चैट: महिलाओं का साझा संवाद और अनुभवों का आदान-प्रदान।

ऐप की टैगलाइन थी—“महिलाओं को डेटिंग की दुनिया में सशक्त बनाना।” जुलाई 2025 तक इसके 46 लाख से अधिक सक्रिय यूजर्स हो चुके थे और यह एप्पल ऐप स्टोर पर सबसे ज्यादा डाउनलोड किया जाने वाला फ्री ऐप बन गया था। लेकिन इसी बीच एक घटना ने इस लोकप्रियता पर ग्रहण लगा दिया।

72 हजार तस्वीरें कैसे लीक हुईं?

25 जुलाई 2025 की सुबह 6:44 बजे (पैसिफिक टाइम) टी ऐप की सिक्योरिटी में सेंध लगी। हैकर्स ने ऐप के पुराने डेटा स्टोरेज सिस्टम को निशाना बनाया और 72,000 तस्वीरें चुरा लीं। इनमें से—


• 13,000 तस्वीरें यूजर्स द्वारा पहचान सत्यापन के लिए अपलोड की गई सेल्फी और सरकारी पहचान पत्र (जैसे ड्राइविंग लाइसेंस) थीं।

• 59,000 तस्वीरें ऐप की पोस्ट, कमेंट और डायरेक्ट मैसेज से जुड़ी थीं।

चौंकाने वाली बात यह थी कि टी ऐप ने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में दावा किया था कि पहचान सत्यापन के लिए अपलोड की गई तस्वीरें तुरंत डिलीट कर दी जाती हैं। लेकिन यह लीक साबित करता है कि ऐप ने पुराना डेटा स्टोर कर रखा था और वह बेहद असुरक्षित था। यह डेटा 2024 से पहले के यूजर्स का था, जब ऐप की सुरक्षा व्यवस्था अपेक्षाकृत कमजोर थी।

हैकर्स ने यह डेटा 4chan नामक कुख्यात ऑनलाइन फोरम पर लीक किया, जिसे इंटरनेट की अंधेरी गलियों में से एक माना जाता है। वहाँ से कुछ लोगों ने Google Map पर लीक डेटा के आधार पर एक नक्शा तक बना दिया, जिसमें यूजर्स की संभावित लोकेशन दिखाई गई। नाम और पते भले ही न हों, लेकिन यह महिलाओं की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन गया।

टी ऐप की आलोचना और विवाद

टी ऐप के फीचर्स जितने अनोखे थे, विवाद भी उतने ही बड़े। कई पुरुषों ने इसे पुरुष-विरोधी करार दिया। उनका कहना था कि बिना ठोस सबूत के कोई भी महिला किसी पुरुष को रेड फ्लैग देकर उसकी छवि खराब कर सकती थी।

सोशल मीडिया और रेडिट पर इसे साइबरबुलिंग और डॉक्सिंग का जरिया बताया गया। कुछ लोगों ने इसके जवाब में Teaborn नाम का पुरुषों के लिए ऐप बनाया, लेकिन बदले की भावना से बने कंटेंट के कारण उसे ऐप स्टोर से हटा दिया गया।

डेटा लीक के परिणाम और खतरे


इस लीक ने टी ऐप की साख को गहरा झटका दिया।

• महिलाओं को स्टॉकिंग और आइडेंटिटी थेफ्ट का खतरा बढ़ गया।

• गोपनीय सेल्फी और पहचान पत्र गलत हाथों में पहुँचने से बैंक धोखाधड़ी या ब्लैकमेल का खतरा है।

• साइबरसिक्योरिटी एक्सपर्ट्स के अनुसार, यूजरनेम को असली पहचान और लोकेशन से जोड़ना अत्यंत जोखिमपूर्ण है।

सोशल मीडिया पर ऐप की आलोचना और बहस तेज हो गई। कई यूजर्स ने भरोसा खो दिया, जबकि कुछ ने अब भी इसके नेक मकसद की सराहना की।

कंपनी की सफाई और भविष्य की चुनौती

टी ऐप ने बयान जारी कर कहा कि—

1. यह लीक केवल 2024 से पहले साइन अप करने वाले यूजर्स तक सीमित है।

2. ईमेल और फोन नंबर सुरक्षित हैं।

3. सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए थर्ड-पार्टी साइबरसिक्योरिटी विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है।

हालांकि सवाल यह है कि क्या यह सफाई भरोसा वापस दिला पाएगी? और क्या भविष्य में यूजर्स अपनी निजी जानकारी साझा करने में सहज रहेंगे?

सबक और निष्कर्ष

टी ऐप की यह घटना हमें तीन बड़े सबक देती है—

1. कोई भी ऐप पूरी तरह सुरक्षित नहीं होता।

2. अपनी निजी जानकारी सोच-समझकर साझा करें।

3. डेटिंग ऐप्स पर पूरी तरह निर्भर न रहें, अपनी समझ और सतर्कता सबसे जरूरी है।

यह घटना याद दिलाती है कि इंटरनेट की चमकदार दुनिया के पीछे हमेशा सतर्कता और मजबूत सुरक्षा की जरूरत होती है। टी ऐप ने महिलाओं को एक मंच देकर नया रास्ता दिखाया, लेकिन डेटा लीक ने उसकी साख पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। अब यह देखना होगा कि क्या यह ऐप भरोसा वापस जीत पाएगा या यह घटना ऑनलाइन डेटिंग दुनिया के लिए एक चेतावनी बनकर रह जाएगी।

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