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Sawan Famous Mandir: सावन में देश के इन रहस्यमयी शिव मंदिरों के दर्शन मात्र से पूरी होती हैं भक्तों की मनोकामनाएं

Sawan 2025 Famous Mandir: सावन में, शिवभक्ति अपने चरम पर होती है ऐसे में आइए जानते हैं ऐसे कुछ शिव मंदिरों के बारे में जो अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा और रहस्यमयी इतिहास के लिए जाने जाते हैं।

Jyotsna Singh
Published on: 17 July 2025 9:00 AM IST (Updated on: 17 July 2025 9:01 AM IST)
Sawan 2025
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Sawan 2025 (Image Credit-Social Media)

Sawan 2025 Famous Mandir: सावन का महीना हिंदू धर्म में भगवान शिव की भक्ति और आराधना का सबसे पवित्र समय माना जाता है। इस दौरान देशभर में लाखों शिव भक्त दूर-दूर से प्राचीन और रहस्यमयी शिव मंदिरों के दर्शन के लिए जाते हैं। भारत में ऐसे कई शिव मंदिर हैं जो न केवल अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता के लिए प्रसिद्ध हैं, बल्कि जिनके बारे में कहा जाता है कि वहां सिर्फ दर्शन मात्र से भक्तों की हर मुराद पूरी हो जाती है। इन मंदिरों की अनोखी कहानियां, चमत्कारिक कथाएं और रहस्यमयी पहलू भक्तों को विशेष रूप से आकर्षित करते हैं। जहां सावन में, शिवभक्ति अपने चरम पर होती है आइए जानते हैं ऐसे कुछ शिव मंदिरों के बारे में, जिनकी आध्यात्मिक ऊर्जा और रहस्यमयी इतिहास देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न हिस्सा हैं। जहां सावन माह में शिव भक्ति की महिमा देखते ही बनती है -

कैलाश मंदिर, महाराष्ट्र


महाराष्ट्र के एलोरा की गुफाओं में बना कैलाश मंदिर एक अद्भुत वास्तुशिल्प चमत्कार है। यह मंदिर पूरी तरह से एक विशाल पत्थर को काटकर तराशा गया है, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह जाता है कि इतनी विशाल और जटिल संरचना बिना आधुनिक तकनीक के कैसे बन पाई। कहते हैं कि यह मंदिर आठवीं सदी में राष्ट्रकूट वंश के शासक कृष्ण प्रथम द्वारा बनवाया गया था। यहां आने वा यह मंदिर बिना किसी आधुनिक तकनीक और इंजीनियरिंग के बनाए जाने के कारण रहस्यमयी माना जाता है। भक्तों का मानना है कि जो भी सच्चे मन से यहां दर्शन करता है उसकी मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती हैं। यह मंदिर अपनी पवित्रता के साथ-साथ यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में भी दर्ज है।

निष्कलंक महादेव मंदिर, गुजरात


गुजरात के भावनगर जिले के कोलियाक तट पर स्थित निष्कलंक महादेव मंदिर समुद्र के बीच में मौजूद है। यह मंदिर पांच शिवलिंगों का घर है, जिन्हें स्वयंभू कहा जाता है, यानी ये शिवलिंग अपने आप प्रकट हुए थे। समुद्र के ज्वार के समय ये शिवलिंग समुद्र की लहरों में डूब जाते हैं। कहा जाता है कि इस स्थान पर पांडवों ने महाभारत काल में वर्षों तक तपस्या की थी। यह मंदिर अपने अद्भुत प्राकृतिक परिवेश और रहस्यमयी इतिहास के कारण श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है। यहां आने वाले भक्तों की मन्नतें पूरी होती हैं और यह स्थल धार्मिक आस्था का एक महत्वपूर्ण केंद्र है।

ऐरावतेश्वर मंदिर, तमिलनाडु


दक्षिण भारत में स्थित ऐरावतेश्वर मंदिर अपनी विशेषता के लिए विख्यात है, क्योंकि इसके पत्थर की सीढ़ियों पर कदम रखते ही मधुर संगीत की आवाज निकलती है। यह अनोखा रहस्य आज तक किसी वैज्ञानिक या विद्वान द्वारा समझा नहीं जा सका है। यह मंदिर न केवल शिवभक्ति का केन्द्र है, बल्कि स्थापत्य कला का भी शानदार नमूना है, जिसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता मिली है। ऐरावतेश्वर मंदिर की यह खासियत इसे अन्य शिव मंदिरों से अलग पहचान देती है और श्रद्धालु इसे अनुभव करने के लिए दूर-दूर से आते हैं।

बिजली महादेव मंदिर, हिमाचल प्रदेश



हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में समुद्र तल से लगभग 2460 मीटर ऊंचाई पर स्थित बिजली महादेव मंदिर अपनी अनोखी घटना के कारण प्रसिद्ध है। यहां हर बार 12 वर्षों में एक बार आकाशीय बिजली गिरती है, जिससे मंदिर के शिवलिंग टूट जाते हैं। इसके बाद पुजारी विशेष विधि से शिवलिंग को जोड़ते हैं और पुनः पूजा-अर्चना आरंभ करते हैं। यह मंदिर श्रद्धालुओं के साथ-साथ प्रकृति प्रेमियों और साहसिक यात्रियों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। साथ ही इस अनोखे चमत्कार और पुनर्निर्माण की परंपरा ने इस मंदिर को भक्तों के बीच खासा लोकप्रिय बना दिया है। सावन के महीने में यहां भक्तों की भीड़ कई गुना बढ़ जाती है।

जलोटी शिव मंदिर, हिमाचल प्रदेश


हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित जलोटी शिव मंदिर अपनी ऊंचाई और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर दक्षिण-द्रविड़ शैली में बना हुआ है और लगभग 111 फीट ऊंचा है। इसे बनने में करीब 39 साल लगे थे। कहा जाता है कि मंदिर के पत्थरों को छूते या थपथपाते ही डमरू की आवाज सुनाई देती है, जो इस मंदिर को और भी रहस्यमयी बनाती है। सावन के दौरान यहां भक्तों की भारी भीड़ लगती है। जो खासतौर से इस अद्भुत अनुभव का हिस्सा बनने के लिए आते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव ने इस स्थान पर विश्राम किया था, इसलिए इसे अत्यंत पवित्र माना जाता है।

भारत के अन्य प्रसिद्ध और रहस्यमयी शिव मंदिर

काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी में स्थित है, जो भारत के सबसे प्राचीन शिव मंदिरों में से एक है। यहां शिव स्वयं विराजमान हैं और सावन के महीने में यहां श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है और इसकी भस्म आरती बेहद प्रसिद्ध है। जम्मू-कश्मीर का अमरनाथ मंदिर जहां बर्फ से स्वयंभू शिवलिंग बनता है, वह भी अद्भुत प्राकृतिक चमत्कार माना जाता है। सावन में यह तीर्थयात्रा लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है।

सावन में इन मंदिरों का आध्यात्मिक और पर्यटन महत्व

सावन माह में इन शिव मंदिरों की यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह पर्यटन की दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण होती है। दूर-दूर से भक्त लंबी यात्राएं कर इन मंदिरों में आकर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। इस दौरान स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलती है। यह धार्मिक पर्यटन सांस्कृतिक आदान-प्रदान का माध्यम भी बनता है। साथ ही, कई मंदिर प्रकृति और साहसिक यात्रा प्रेमियों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र हैं, जहां ट्रैकिंग और हाइकिंग जैसी गतिविधियां भी की जाती हैं।

भारत के इन रहस्यमयी शिव मंदिरों की कहानियां केवल पौराणिक कथाएं नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत, आस्था और अटूट विश्वास की प्रतिमूर्ति हैं। सावन के इस पावन अवसर पर इन मंदिरों की यात्रा न केवल आध्यात्मिक अनुभूति कराती है, बल्कि भारतीय स्थापत्य कला और रहस्यमयी इतिहास से भी परिचित कराती है। यदि आप इस सावन शिवभक्ति के साथ-साथ देश की गहरी सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ना चाहते हैं, तो इन मंदिरों की यात्रा आपके लिए एक अविस्मरणीय अनुभूति होगी।

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