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Shimla Hidden Tourist Places: शिमला में मौजूद वो अनदेखी जगहें, जहां प्रकृति, शांति और संस्कृति एक साथ करती हैं आपका स्वागत

Shimla Hidden Tourist Places: अगर आप भीड़-भाड़ से दूर एक ऐसा अनुभव चाहते हैं जहां प्रकृति की शांति सुनाई देती हों तो आज हम आपको शिमला में मौजूद कुछ अनदेखी जगहों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं।

Jyotsna Singh
Published on: 4 July 2025 5:42 PM IST
Shimla Famous Hidden Tourist Places
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Shimla Famous Hidden Tourist Places (Image Credit-Social Media)

Unseen Places in Shimla: शिमला को अक्सर मॉल रोड, रिज और पुराने अंग्रेज़ी बंगले जैसे आम पर्यटन स्थलों तक ही सीमित समझा जाता है। लेकिन इस पहाड़ी रानी की असली आत्मा वहां के शांत जंगलों, प्राचीन मंदिरों और छिपे हुए गांवों में बसती है, जिन्हें ज़्यादातर पर्यटक कभी देख ही नहीं पाते। यदि आप भीड़-भाड़ से दूर एक ऐसा अनुभव चाहते हैं जहां प्रकृति की शांति सुनाई देती हों और हर पत्थर, पेड़ और पगडंडी कोई कहानी समेटे हुए हो तो शिमला की खूबसूरत वादियों में मौजूद ये छुपे हुए मनोरम प्राकृतिक स्थल आपका इंतज़ार कर रहे हैं।

आइए जानते हैं शिमला के उन अनछुए पर्यटन स्थलों की यात्रा से जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में, जो न केवल सुंदरता में बेजोड़ हैं, बल्कि अपने भीतर इतिहास, संस्कृति और अध्यात्म का खज़ाना भी समेटे हुए हैं।

पक्षियों की चहचहाहट और शांत जंगलों का घर है पॉटर्स हिल-

पॉटर्स हिल, शिमला के बाहरी इलाके में स्थित एक घना जंगल है। जो कभी कुम्हारों का गांव हुआ करता था। आज यह जगह सैर-सपाटे, बर्ड वॉचिंग और फोटोग्राफी प्रेमियों के लिए स्वर्ग बन चुकी है। यहां देवदार और चीड़ के पेड़ों के बीच से निकलती धूप, पक्षियों की चहचहाहट और ताज़ा हवा एक आत्मिक अनुभव देती है।


यह स्थान अब हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के नज़दीक है और पर्यावरण शिक्षा के लिए एक कैंपस के रूप में भी विकसित किया गया है। इतिहास से जुड़े लोग बताते हैं कि यहां पहले मिट्टी के बर्तन बनाने की पारंपरिक विधियां प्रचलित थीं।

ब्रिटिश युग की खामोश गवाही देता है ओकओवर कब्रिस्तान

शिमला में मुख्यमंत्री निवास के पीछे स्थित यह ब्रिटिशकालीन कब्रिस्तान (स्थापना: 1828) अपने आप में एक अद्भुत विरासत है। यह शिमला के औपनिवेशिक इतिहास का एक मूक दस्तावेज़ है। यहां

पत्थर की कब्रें, काई से ढकी चिमनियां और विशाल पेड़ों की छांव में छुपी इस जगह की सन्नाटे से भरी हुई चुप्पी, एक ऐसी ऐतिहासिक कहानी कहती है। जिसे सुनने के लिए कान नहीं, एक कलेजा चाहिए। रहस्यमई आहटों के लिए जानी जाने वाली इस जगह को लेकर

स्थानीय लोगों का कहना है कि, यहां दफन कुछ अधिकारी उस दौर के प्रमुख निर्णयों में शामिल रहे थे।

छाया में छुपी प्रकृति की सुंदरता शैली पीक और ग्लेन वन –

समर हिल से शुरू होकर शैली पीक तक जाने वाला रास्ता ग्लेन वन के मध्य से होकर गुजरता है। यह ट्रेल शहर की चहल-पहल से दूर, देवदार के विशाल वृक्षों और पक्षियों की ध्वनि के बीच से होकर जाता है।


यहां से शिमला और उसके आसपास के बर्फीले पर्वतों का भव्य दृश्य दिखाई देता है। ये जगहें आज भी स्थानीय कॉलेज छात्रों और कुछ पुराने ट्रेकर्स के अलावा अनजान हैं, इसलिए इनकी प्राकृतिक सुंदरता अब तक अछूती है।

संस्कृति, मंदिर और चुप्पी का संगम है शोघी गांव –

शिमला से मात्र 7 किलोमीटर दूर स्थित शोघी एक छोटा सा पहाड़ी गांव है। जो शहरी जीवन की भागदौड़ से दूर, सादगी और आत्मिक शांति का अनुभव कराता है।

यह गांव अपने पुराने मंदिरों, जैसे तारा देवी मंदिर और हनुमान मंदिर के लिए जाना जाता है। इसके अलावा यहां के जंगल के रास्ते ट्रेकिंग और मेडिटेशन के लिए आदर्श माने जाते हैं। स्थानीय परिवार अब होमस्टे भी चला रहे हैं, जिससे आपको हिमाचली संस्कृति का निकट अनुभव भी मिल सकता है।

रहस्य और अध्यात्म से भरी गुफा मल्याणा शिव गुफा मंदिर –

मल्याणा में स्थित यह शिव मंदिर एक प्राकृतिक गुफा में बना है, जो शिमला के धार्मिक और रहस्यमयी आयाम को दर्शाता है। यहां पहुंचने के लिए एक संकरी पगडंडी से गुजरना होता है जो जंगलों से होकर जाती है।


यह मंदिर कोई भव्य संरचना नहीं है लेकिन यहां का वातावरण इतना शांत और आध्यात्मिक होता है कि एक बार यहां बैठने पर मन कहीं और जाने को नहीं कहता।

स्थानीय कहानियों के अनुसार, इस गुफा में तपस्या करने वाले साधु आज भी रहस्यमयी रूप में देखे गए हैं।

सर्द हवाओं के बीच प्रकृति का अजूबा है तत्तापानी गर्म झरना

शिमला से करीब 50 किलोमीटर दूर सतलुज नदी के किनारे स्थित तत्तापानी अपने गर्म सल्फर युक्त झरनों के लिए प्रसिद्ध है। इन झरनों में नहाना त्वचा और जोड़ों के लिए लाभकारी माना जाता है। यह स्थान धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। मकर संक्रांति के अवसर पर हजारों श्रद्धालु यहां डुबकी लगाते हैं। तत्तापानी का शांत वातावरण और स्पा जैसे प्राकृतिक झरने इसे एक अनूठा अनुभव बनाते हैं।

शाली टिब्बा और करोल टिब्बा-ट्रेकिंग प्रेमियों का छुपा हुआ स्वर्ग


शाली टिब्बा, शिमला से लगभग 35 किमी दूर है और 9,400 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह एक देवस्थान भी है। जहां माता शाली का मंदिर स्थित है। स्थानीय ग्रामीण मानते हैं कि माता शाली पूरे क्षेत्र की रक्षा करती हैं। यहां तक पहुंचने के लिए एक मध्यम ट्रेकिंग रूट है, जो रोडोडेंड्रोन और जंगली स्ट्रॉबेरी से भरे रास्तों से होकर गुजरता है। करोल टिब्बा की चढ़ाई थोड़ी कठिन है लेकिन यहां से दिखने वाला किन्नौर और मंडी का दृश्य हर थकान भुला देता है।

मशोबरा में छिपा इतालवी आकर्षण है क्रेग्नानो नेचर पार्क-

क्रेग्नानो मशोबरा में स्थित एक शांत नेचर पार्क है। जहां एक पुराना इटैलियन स्टाइल विला और बगीचा मौजूद है। यह जगह शांति और ध्यान के लिए उपयुक्त है।


यह पार्क हरे-भरे वृक्षों, चट्टानों और छोटी-छोटी झीलों से घिरा हुआ है। स्थानीय लोग मानते हैं कि यहां कई जड़ी-बूटियां प्राकृतिक रूप से उगती हैं। जिनका उपयोग पारंपरिक हिमाचली चिकित्सा में होता रहा है। शिमला के इन स्थलों की यात्रा का मकसद भीड़ से दूर, शांति और आत्मिक अनुभव के लिए,

हिमाचली संस्कृति और इतिहास को करीब से जानने के लिए, प्राकृतिक सौंदर्य और फोटोग्राफी के लिए,

ट्रेकिंग और मेडिटेशन जैसी गतिविधियों के लिए उपयुक्त माना जाता है। शिमला केवल अंग्रेज़ों की बनाई गलियों और चर्चों तक सीमित नहीं है। असली शिमला वो है जो प्रकृति की गोद में बसा है जहां हर पगडंडी पर एक कहानी, हर मंदिर एक विश्वास की दीवार और हर पेड़ एक खास अनुभूति देता है। अगर आप शिमला जाने का प्लान बना रहें हैं, तो मॉल रोड के कैमरे से हटकर इन छुपे हुए प्राकृतिक स्थलों तक भी ज़रूर पहुंचें। जहां पर आप असली ‘शिमला एक्सपीरियंस’ को एक्सप्लोर कर सकते हैं।

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