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बेटे की शादी में 10 हजार विधवाओं को न्यौता दे तोड़ी परंपरा
पालनपोर: आधुनिक युग में दकियानूसी विचार रखने वालों की कमी नहीं है। इसका मतलब ये भी नहीं कि अच्छे लोगों का अकाल पड़ गया है। समाज में आज भी ऐसे लोग हैं जो ऐसी कुप्रथाओं को तोड़ने में विश्वास रखते हैं। गुजरात के एक व्यापारी जितेन्द्र पटेल ने भी कुछ ऐसा ही किया। उनसे अपने बेटे रवि की शादी में विधवाओं को आमंत्रित कर इस परंपरा को तोड़ा कि ऐसे मौके पर उनका रहना अपशकुन होता है। जितेन्द्र पटेल ने बेटे की शादी में दस हजार विधवाओं को आमंत्रित किया। ऐसा कर उसने परंपरा और धर्म के नाम पर विधवाओं के शोषण को रोकने की कोशिश की।
- विधवाएं बांसकाथा,मेहसाणा,पतन और अरावली जिलों से बुलाई गईं।
- जितेन्द्र की इच्छा थी कि विवाहित जोड़े को विधवाएं आशीर्वाद दें।
- हिंदू समाज में शादी में विधवाओं को बुलाना अपशकुन माना जाता है।
- जितेन्द्र साबित करना चाहते थे कि ऐसी परंपराएं गलत हैं।
- शादी में आईं विधवाओं को कंबल वितरित किये गये।
- पांच सौ विधवाओं को गाय दान में दी गईं ताकि वह आत्मनिर्भर हो सकें।
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