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'अपनी बारी आई तो नियम बदल दिये...', अखिलेश ने संघ प्रमुख के बयान पर की टिप्पणी!
अखिलेश यादव ने मोहन भागवत द्वारा रिटायरमेंट की उम्र पर दिए बयान पर टिप्पणी की है।
Akhilesh Yadav on Mohan Bhagwat (PHOTO: social media)
Akhilesh Yadav on Mohan Bhagwat: अखिलेश यादव ने मोहन भागवत के रिटायरमेंट संबंधी बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने बिना किसी का नाम लिए स्पष्ट रूप से बोला कि वे न तो खुद रिटायर होंगे और न ही किसी को रिटायर होने देंगे। उनका मानना है कि जब अपनी बारी आती है तो नियम बदल देने का यह व्यव्हार उचित नहीं है। अखिलेश यादव ने ये भी कहा कि जो लोग अपनी बात से पीछे हटते हैं, वे न केवल दूसरों का बल्कि अपना भी विश्वास खो देते हैं।
संघ प्रमुख ने क्या कहा था?
डॉ. मोहन भागवत ने गुरुवार को '100 वर्ष की संघ यात्रा: नए क्षितिज' कार्यक्रम के दौरान सेवानिवृत्ति के मानदंडों पर चल रहे विवादों पर बयान दिया। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि उन्होंने कभी भी किसी को 75 साल की उम्र में रिटायर होने की सलाह नहीं दी, जो वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर चल रही भेष को निशाना बनाते हुए व्यान दिया। पूर्व RSS नेता मोरोपंत पिंगले के उदाहरण का जिक्र करते हुए, भागवत ने स्पष्ट किया कि वे जीवन में किसी भी समय रिटायर होने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अगर संघ 80 साल की उम्र में भी उनसे शाखा चलाने को कहता है, तो वे तुरंत तैयार हो जाएंगे।
75 साल के पार होने पर रिटायर
बीजेपी में 75 साल की उम्र में नेताओं के रिटायरमेंट की कोई आवश्यक नहीं है, लेकिन साल 2014 के बाद से यहाँ एक अलग ही प्रथा देखी गई है, जहां 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को पार्टी से विदा कर दिया जाता है।
उदाहरण के लिए आपको बता दे, साल 2019 के लोकसभा चुनाव में लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को चुनाव में टिकट नहीं दिया गया और उन्हें मार्गदर्शक मंडल में भेज दिया था। आनंदीबेन पटेल और नजमा हेपतुल्ला ने साल 2016 में एक साथ अपने पद से इस्तीफा दिया था। हेपतुल्ला ने केंद्रीय मंत्री के पद से और पटेल ने गुजरात के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।
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