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Muzaffarnagar News: योगी सरकार के मंत्री कपिल देव अग्रवाल का अखिलेश यादव पर बड़ा हमला, बोले– 2027 में मिलेगा सबक
Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर में योगी सरकार के मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने अखिलेश यादव पर बड़ा हमला बोला। कहा– पूजा पाल का निष्कासन गैर-जिम्मेदाराना, 2027 में जनता सिखाएगी सबक।
योगी सरकार के मंत्री कपिल देव अग्रवाल का अखिलेश यादव पर बड़ा हमला, बोले– 2027 में मिलेगा सबक (Photo- Newstrack)
Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर। समाजवादी पार्टी (सपा) से विधायक पूजा पाल को निष्कासित करने के फैसले पर अब सियासी घमासान और तेज हो गया है। उत्तर प्रदेश सरकार में स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने मुजफ्फरनगर में बड़ा बयान देते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को गैर-जिम्मेदार करार दिया। उन्होंने कहा कि "पूजा पाल का सिर्फ इतना कहना था कि योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उन्हें न्याय दिया", लेकिन अखिलेश यादव ने इसे बर्दाश्त नहीं किया और उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।"
"पीडीए का गुब्बारा फूट चुका है" – कपिल देव अग्रवाल
कपिल देव अग्रवाल ने अखिलेश यादव पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि जिस पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) फार्मूले की दुहाई अखिलेश देते हैं, उसी को उन्होंने खुद ध्वस्त कर दिया है। पूजा पाल के निष्कासन ने दलितों, पिछड़ों और गरीबों में गहरी नाराजगी पैदा कर दी है। उन्होंने कहा, “पूरा प्रदेश देख रहा है कि पीडीए का गुब्बारा फूट चुका है। अखिलेश यादव केवल पूजा पाल को नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश की गरीब और पिछड़ी जनता की उम्मीदों को ठेस पहुंचा रहे हैं।”
2027 के चुनाव में सबक मिलने की चेतावनी
मंत्री अग्रवाल ने साफ कहा कि अखिलेश यादव का यह कदम सपा के लिए राजनीतिक रूप से घातक साबित होगा। उनके मुताबिक, “पूजा पाल की सिर्फ सरकार की सराहना करने पर उन्हें निष्कासित कर दिया गया। यह अत्यंत गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार है। आने वाले विधानसभा चुनाव 2027 में जनता इसका जवाब देगी और सपा को बड़ा सबक सिखाएगी।”
"भारत है पाकिस्तान नहीं"
बयान के दौरान मंत्री अग्रवाल ने यह भी कहा कि “यह पाकिस्तान नहीं, हिंदुस्तान है। यहां सभी धर्मों और वर्गों के लोग रहते हैं। अखिलेश यादव को जनता की भावनाओं को समझना चाहिए, न कि ऐसे गैर-जिम्मेदार फैसले लेने चाहिए।”
पूजा पाल का निष्कासन, बड़ा राजनीतिक मुद्दा
पूजा पाल का निष्कासन सपा के लिए बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है। भाजपा लगातार इस मामले को अखिलेश यादव की विफलता और पीडीए फार्मूले की कमजोरी से जोड़कर पेश कर रही है। अब देखना यह होगा कि यह विवाद 2027 के चुनावी समीकरणों को किस हद तक प्रभावित करता है।
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