भीम आर्मी प्रमुख को प्रयागराज सर्किट हाउस में क्यों किया गया नजरबंद ! "या तो मिलवा दो, या जाने दो" चंद्रशेखर बोले-हम नहीं डरेंगे

MP Chandrashekhar Azad: सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि सरकार के इशारे पर उन्हें पीड़िता से मिलने से रोका जा रहा है, जो कि एक नागरिक के अधिकारों के साथ सीधा खिलवाड़ है।

Virat Sharma
Published on: 29 Jun 2025 6:45 PM IST
Lucknow News
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Bhim Army Chief, Chandrashekhar Azad

MP Chandrashekhar Azad: यूपी के जनपद कौशांबी में पाल समाज की नाबालिग बच्ची के साथ कथित दुष्कर्म मामले ने अब सियासी तूल पकड़ लिया है। इस संवेदनशील मुद्दे को लेकर जहां विभिन्न राजनीतिक दल पहले से सक्रिय थे। वहीं अब भीम आर्मी प्रमुख और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद भी रविवार को पीड़िता के परिवार से मिलने प्रयागराज पहुंचे। हालांकि प्रशासन ने उन्हें कौशांबी जाने की अनुमति नहीं दी, जिससे विवाद और तेज हो गया।

चंद्रशेखर आज़ाद प्रयागराज एयरपोर्ट से सीधे कौशांबी जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें एयरपोर्ट पर ही रोक लिया और कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए सर्किट हाउस भेज दिया गया। इस कार्रवाई से नाराज सांसद चंद्रशेखर आजाद ने अपने समर्थकों के साथ सर्किट हाउस परिसर में धरना शुरू कर दिया। जमीन पर बैठकर हो रहे इस विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्होंने प्रशासन और सरकार पर लोकतांत्रिक अधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया।

प्रशासन के सामने दो विकल्प: आजाद

भीम आर्मी प्रमुख और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सरकार के इशारे पर उन्हें पीड़िता से मिलने से रोका जा रहा है, जो कि एक नागरिक के अधिकारों के साथ सीधा खिलवाड़ है। उन्होंने प्रशासन के सामने दो विकल्प रखे या तो उन्हें सीमित संख्या में पीड़िता के घर जाने दिया जाए, या फिर पीड़िता के परिजनों को सर्किट हाउस लाया जाए ताकि वे वहीं उनसे मिल सकें।

भारी संख्या में पुलिस बल तैनात

प्रशासन की सख्ती के चलते सर्किट हाउस के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। मौके पर वरिष्ठ अधिकारी प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाने की कोशिश में जुटे हैं, लेकिन चंद्रशेखर आजाद और उनके समर्थक अपने रुख पर कायम हैं। प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि अगर वे पीड़िता से भी नहीं मिल सकते, तो फिर लोकतंत्र में जनता की भागीदारी का क्या अर्थ रह गया है।

इस पूरे घटनाक्रम को लेकर आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी। पार्टी ने लिखा कि हम परिवार से मिले बिना नहीं जायेंगे। हम उनकी तकलीफ जानेंगे, बात करेंगे और समाधान निकालेंगे। इस पर कोई समझौता नहीं होगा। अगर प्रशासन नहीं मानेगा, तो हमें भी प्रयागराज से आगे बढ़ना आता है।

नहीं हटेंगे मिशन से पीछे

वहीं आजाद समाज पार्टी ने यह भी ऐलान किया कि चंद्रशेखर आजाद की गिरफ्तारी या रोक उन्हें अपने मिशन से पीछे नहीं हटा सकती। हम लड़ेंगे, हम जीतेंगे और संविधान को बचाएंगे के नारे के साथ पार्टी ने संघर्ष की स्पष्ट घोषणा की। इस घटनाक्रम ने राज्य की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है और यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन और सरकार इस मामले में आगे क्या रुख अपनाते हैं।

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