इटावा कथावाचक विवाद में जगद्गुरु परमहंस आचार्य की एंट्री ! अखिलेश को लेकर कह दी बहुत बड़ी बात..

Itawa Katha Controversy: जगद्गुरु परमहंस आचार्य महाराज ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

Virat Sharma
Published on: 27 Jun 2025 7:46 PM IST
Itawa preacher controversy
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Lucknow News: Photo-Social Media

Itawa Katha Controversy: उत्तर प्रदेश के जनपद इटावा में कथावाचकों से जुड़े विवाद ने अब सियासी रंग ले लिया है। जहां एक ओर इस मुद्दे पर राजनेता प्रतिक्रिया दे रहे हैं, वहीं साधु-संतों की प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है। इसी कड़ी में जगद्गुरु परमहंस आचार्य महाराज ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव इस विवाद में माहौल को और अधिक बिगाड़ने का काम कर रहे हैं।

अपराधियों को सम्मानित कर बढ़ाया फर्जीवाड़ा

जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि इटावा में दो कथावाचकों ने फर्जी पहचान के सहारे कथा का आयोजन किया। आरोप है कि दोनों ने दो-दो आधार कार्ड बनवा रखे थे और महिलाओं से अभद्रता की। जब महिलाओं ने इसकी शिकायत की, तो जांच में कथावाचकों की असली पहचान सामने आई। लोगों ने आक्रोश में आकर उनका मुंडन करवा दिया, जिसे उन्होंने अनुचित बताया, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

जगद्गुरु परमहंस आचार्य महाराज का आरोप है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन कथावाचकों को सिर्फ इसलिए सम्मानित किया क्योंकि वे उनकी जाति के थे। उन्होंने कहा कि ये समझकर कि वे उनके बिरादर हैं, उन्हें 50 हजार रुपये देकर सम्मानित किया गया। ये अपराध को बढ़ावा देने जैसा है। उन्होंने कहा कि जब ब्राह्मण समुदाय पर झूठे मुकदमे लगे तब न किसी ने पथराव किया न थाना घेरा। लेकिन जब कथावाचकों पर कार्रवाई हुई तो यादव समाज के लोगों ने थाने का घेराव कर पथराव किया। यह सब अखिलेश यादव के इशारे पर हुआ।

सपा सरकार में होती थी गुंडई, अब भी अपराधियों को मिल रहा संरक्षण

जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने समाजवादी पार्टी की पूर्व सरकार पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि उस दौर में गुंडई चरम पर थी, निर्दोषों को सताया जाता था, जमीनें लूटी जाती थीं और बलात्कारियों को सम्मानित किया जाता था। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव भूल गए हैं कि अब वे मुख्यमंत्री नहीं हैं। अपराधियों को संरक्षण देने की जो आदत थी, वही आज भी चल रही है।

जाति के नाम पर समाज को बांटना दुर्भाग्यपूर्ण

परमहंस आचार्य ने कहा कि अपराध किसी भी जाति में हो सकता है, लेकिन पूरे समाज को उसमें घसीटना और प्रदेश का माहौल खराब करना दुखद है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, अगर ब्राह्मण यह कह दे कि यादव दूध में पानी मिलाकर बेचते हैं और अब हम दूध नहीं लेंगे, तो आधे यादव बेरोजगार हो जाएंगे। उन्होंने समाज में सामंजस्य बनाए रखने और अपराधियों को जाति की नजर से न देखने की अपील की।

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Lucknow Reporter

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