Auraiya News: जैविक खेती में महिला किसानों का प्रशिक्षण: पौष्टिक अनाज और अतिरिक्त आय की ओर एक कदम

Auraiya News: औरैया जिले में महिला किसानों को जैविक खेती, मोटे अनाज की खेती और बाजार से जुड़ने की तकनीकों पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें और अतिरिक्त आय अर्जित कर सकें।

Ashraf Ansari
Published on: 14 Sept 2025 4:51 PM IST
Auraiya News: जैविक खेती में महिला किसानों का प्रशिक्षण: पौष्टिक अनाज और अतिरिक्त आय की ओर एक कदम
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Auraiya News: औरैया जिले में बदलते समय में जहां रासायनिक खाद और कीटनाशकों के अधिक प्रयोग से मिट्टी की उर्वरता और मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, वहीं जैविक और प्राकृतिक खेती की ओर लोगों का झुकाव तेजी से बढ़ रहा है। इसी क्रम में औरैया में महिला किसानों के लिए पांच दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें उन्हें मोटे अनाजों की खेती, जैविक उत्पादन, बाजार तक पहुंच बनाने की तकनीक और पारंपरिक तरीकों से बने उत्पादों के उपयोग पर विस्तृत जानकारी दी गई। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और गांवों में उनकी भूमिका को सशक्त करना था।

कार्यक्रम के अंतर्गत डॉ. आदित्य वर्मा ने मोटे अनाजों की प्राकृतिक खेती पर विशेष सत्र लिया। उन्होंने रागी की खेती, इसके पोषण मूल्य और बाजार में बढ़ती मांग के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि यदि महिलाएं इस दिशा में कार्य करें तो न केवल अपने परिवार को पौष्टिक भोजन उपलब्ध करा सकेंगी, बल्कि अतिरिक्त आय भी अर्जित कर सकेंगी। इस अवसर पर परियोजना समन्वयक शिप्रा ने कार्यक्रम का समापन करते हुए कहा कि प्रशिक्षण में सीखी गई बातों को व्यवहार में लाना जरूरी है, तभी ग्रामीण स्तर पर सकारात्मक बदलाव संभव होगा। उन्होंने महिलाओं को नेतृत्व की भूमिका निभाने पर भी जोर दिया।

प्रशिक्षण के चौथे दिन विशेष गतिविधियों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रार्थना से हुई और प्रतिभागियों ने पिछले दिनों में सीखी गई बातों को साझा किया। प्रशिक्षक लाखन सिंह ने हिंग आधारित दवा बनाने और उसके उपयोग की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे जैविक उत्पादों को बाजार तक पहुंचाया जा सकता है। साथ ही, गाय के गोबर से बने सुगंधित उपलों को चंदन और हवन सामग्री मिलाकर पूजा के लिए बेचने का तरीका भी सिखाया।प्रशिक्षण में शुद्ध दूध और घी की पहचान करने के सरल उपाय भी बताए गए। इससे महिलाएं न केवल अपने उपभोग के लिए गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री का चयन कर पाएंगी, बल्कि बाजार में शुद्ध उत्पाद उपलब्ध कराने में भी योगदान देंगी।

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