Ayodhya News: अयोध्या के राजा विमलेंद्र मोहन मिश्र पंचतत्व में विलीन

Ayodhya News: राम मंदिर ट्रस्ट सदस्य व अयोध्या राजघराने के वंशज विमलेंद्र मोहन मिश्र का 71-75 वर्ष की आयु में निधन, बैकुंठ धाम पर अंतिम संस्कार संपन्न हुआ।

NathBux Singh
Published on: 24 Aug 2025 6:57 PM IST
Ayodhya King Vimalendra Mohan Mishra passed away
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 अयोध्या के राजा विमलेंद्र मोहन मिश्र पंचतत्व में विलीन (Photo- Newstrack)

Ayodhya News: अयोध्या राजघराने के वंशज और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, जिन्हें प्यार से "पप्पू भैया" भी कहा जाता था, का कल 23 अगस्त 2025 को 71-75 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। उनके निधन से अयोध्या में शोक की लहर दौड़ गई है। अंतिम संस्कार सरयू नदी के तट पर स्थित बैकुंठ धाम में हुआ, जहां उनके पुत्र यतींद्र मिश्र ने उन्हें मुखाग्नि दी। अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में अयोध्यावासी शामिल हुए, जिनमें विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, संत-महंत और गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।

अंतिम संस्कार में राज्य के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, खाद एवं रसद मंत्री सतीश शर्मा, मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी, पूर्व सांसद लल्लू सिंह, सपा सांसद अवधेश प्रसाद और हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास सहित कई प्रमुख हस्तियां मौजूद थीं। राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और सदस्य अनिल मिश्रा भी इस दौरान उपस्थित रहे।

राजनीतिक और सामाजिक श्रद्धांजलि

कांग्रेस पार्टी ने भी विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। कांग्रेस कार्यालय कमला नेहरू भवन में आयोजित शोक सभा में जिला कांग्रेस अध्यक्ष चेतनारायण सिंह, महानगर अध्यक्ष सुनील कृष्ण गौतम और जिला प्रवक्ता शीतला पाठक ने कहा कि 'उनके निधन से अयोध्या को एक बड़ी क्षति हुई है, जिसकी भरपाई वर्षों तक नहीं की जा सकती।' पूर्व सांसद डॉ. निर्मल खत्री ने राज सदन पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें एक भाई के समान बताया। उन्होंने कहा कि 'उनके साथ उनका वर्षों का पारिवारिक संबंध था, जिसमें कभी भी राजनीति आड़े नहीं आई।'

भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ, अयोध्या इकाई ने भी शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनंतराम पांडे और जिला अध्यक्ष सूर्यकुमार मिश्रा सहित कई सदस्यों ने उनके निधन को अयोध्या के लिए एक बड़ी हानि बताया।

विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र का परिचय और विरासत

विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र अयोध्या के राजघराने से आते थे और राजा दर्शन सिंह की वंशावली के वंशज थे। उन्हें अयोध्या में "राजा साहब" के रूप में सम्मान दिया जाता था। उनकी मां, स्वर्गीय महारानी विमला देवी, थीं। उनके पुत्र यतींद्र मोहन प्रताप मिश्र, एक जाने-माने साहित्यकार और कवि हैं।

वह श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पहले वरिष्ठ सदस्यों में से एक थे, जिसका गठन 5 फरवरी 2020 को किया गया था। 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद, रामलला की मूर्ति को उनके निवास, राज सदन, में स्थानांतरित किया गया था, जहां एक अस्थायी मंदिर बनाया गया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, अयोध्या के कमिश्नर ने उन्हें राम मंदिर का रिसीवर भी नियुक्त किया था।

राजनीति में उनकी सक्रियता सीमित रही। उन्होंने 2009 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर फैजाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली।

सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। वह अयोध्या रामायण मेला संरक्षक समिति और उत्तर प्रदेश सरकार की 'हेरिटेज योजना' की कार्यकारिणी के सदस्य थे। विमला देवी फाउंडेशन न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में उन्होंने साहित्य, संगीत और कला को बढ़ावा दिया। 2018 में, जब दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला किम जुंग-सूक अयोध्या आई थीं, तब उन्होंने उनकी अगवानी की थी।

23 अगस्त की रात करीब 11 बजे, अचानक ब्लड प्रेशर कम होने के कारण उनका निधन हुआ। हाल ही में उनके स्पाइन का ऑपरेशन हुआ था, और लखनऊ में चेकअप के बाद सब कुछ सामान्य बताया गया था। उनके निधन से अयोध्या ने एक ऐसे व्यक्ति को खो दिया है, जिसने सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दोनों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

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