Ayodhya News: सेवानिवृत्ति पूर्व सैनिकों ने 'आपरेशन सिन्दूर' को सराहा, कहा- 'पाकिस्तान और आतंकवादियों को सबक सिखाना समय की जरूरत'

Ayodhya News: माहौल काफी तनावपूर्ण था पाकिस्तान के अंदर घुसकर मोर्चा संभाला गया और पाकिस्तानी सैनिकों के अत्याचार से मुक्ति दिलाते हुए बांग्लादेश को मुक्त कराया गया। युद्ध के दौरान वह जख्मी भी हो गए थे लेकिन हौसला नहीं खोया।

NathBux Singh
Published on: 9 May 2025 7:49 PM IST
Retired ex-servicemen say It is time to teach Pakistan and terrorists a lesson
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सेवानिवृत्ति पूर्व सैनिकों ने कहा- 'पाकिस्तान और आतंकवादियों को सबक सिखाना समय की जरूरत' (Photo- Social Media)

Ayodhya News: भारतीय सेना द्वारा पराक्रम दिखाते आतंकवाद के विरुद्ध पाकिस्तान में घुसकर मंगलवार की रात की गई एयर स्ट्राइक से जहां जगह-जगह लोगों द्वारा सरकार की इच्छा शक्ति और सेवा के पराक्रम की सराहना की जा रही है, खुशियां मनाई जा रही हैं। आतंकवाद को जड़ से खत्म करने और इसे पोषित करने वालों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही की मांग की जा रही है। वहीं दूसरी तरफ 1965 और 1971 में पाकिस्तान युद्ध के दौरान अपना पराक्रम दिखा चुके क्षेत्र के कई वृद्ध सेवानिवृत्ति पूर्व सैनिकों द्वारा भी भारतीय सेना की कार्यवाही की सरहना और समर्थन किया जा रहा है। और कहा जा रहा है कि पाकिस्तान और आतंकवादियों को सबक सिखाना समय की जरूरत है जो शांति और मानवता के दुश्मन है। पाकिस्तान और आतंकवादियों की काली करतूत को सनकर सेवानिवृत हो चके वृद्ध पूर्व सैनिकों की भी भुजाएं फड़क रही हैं। और एक बार उन्हें फिर अपने जवानी और पाकिस्तान से किए गए युद्ध की याद ताजा हो रही है।

पाकिस्तान के अंदर घुसकर मोर्चा संभाला

विकासखंड क्षेत्र के डेहरियावा गांव निवासी इंद्रजीत पांडेय 86 वर्ष ने बताया कि उनके द्वारा 1965 और 1971 के दौरान पाकिस्तान से हुए दोनों युद्ध में हिस्सा लिया गया गया था। बांग्लादेश मुक्ति आंदोलन के दौरान वह हवलदार के पद पर मुक्ति वाहिनी सेना में भी तैनात रहे हैं। माहौल काफी तनावपूर्ण था पाकिस्तान के अंदर घुसकर मोर्चा संभाला गया और पाकिस्तानी सैनिकों के अत्याचार से मुक्ति दिलाते हुए बांग्लादेश को मुक्त कराया गया। युद्ध के दौरान वह जख्मी भी हो गए थे लेकिन हौसला नहीं खोया। युद्ध समाप्ति के बाद सरकार द्वारा उन्हें कई मेडल देकर सम्मानित किया गया। 1984 में मेजर सूबेदार के पद से रिटायर हुए। भारत के एयर स्ट्राइक का समर्थन करते हुए कहा कि एक बार फिर अब पाकिस्तान को सबक मिलना चाहिए।

पाकिस्तान को सबक सिखाने में दिया था अपना योगदान

विकासखंड क्षेत्र के बललीपुर पातूपुर निवासी 78 वर्षीय वीरेंद्र किशोर दुबे भारतीय नौसेना में सूबेदार मेजर के पद पर तैनात रहे हैं। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान से हुई 1965 और 1971 के युद्ध में उन्होंने हिस्सा लिया था। 1971 में युद्ध के दौरान उनकी तैनाती कराची में हुई थी। अपने साथियों के साथ उन्होंने युद्ध में पाकिस्तान को सबक सिखाने में अपना योगदान दिया। उस समय माहौल अलग था। आधुनिक हथियार और साजो सामान नहीं थे। फिर भी भारतीय सैनिकों के पराक्रम से पाकिस्तान को पराजय मिली। 94 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया।

ऑपरेशन सिंदूर अभियान की हुई सराहना

ऑपरेशन सिंदूर अभियान की सराहना करते हुए कहा कि पाकिस्तान अपनी हरकत से बाज नहीं आएगा आतंकवादियों का पोषक है। इसे एक बार फिर पहले की तरह सबक सिखाने की जरूरत है। पाकिस्तान से हुए युद्ध के दौरान 1971 में हिस्सा ले चुके क्षेत्र के कई वृद्ध रिटायरमेंट भूतपूर्व सैनिकों द्वारा भी भारत द्वारा पकिस्तान के विरुद्ध की गई एयर स्ट्राइक का समर्थन किया है। और सरकार द्वारा इच्छा शक्ति दिखाते हुए पाकिस्तान पर प्रभावी कार्रवाई किए जाने की मांग की है।

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