'बड़े लोग आएंगे तो...' आजम खां ने अखिलेश के लिए क्यों बोली ऐसी बात, मुलाकात से पहले बढ़ी टेंशन

आजम खां के बयान से अखिलेश यादव संग दूरी की अटकलें तेज, रामपुर में होने वाली मुलाकात से पहले सपा में सियासी तनाव बढ़ा।

Harsh Srivastava
Published on: 29 Sept 2025 8:15 PM IST
बड़े लोग आएंगे तो... आजम खां ने अखिलेश के लिए क्यों बोली ऐसी बात, मुलाकात से पहले बढ़ी टेंशन
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Azam Khan-Akhilesh Yadav meeting: समाजवादी पार्टी (सपा) के कद्दावर नेता और राष्ट्रीय महासचिव आजम खां के जेल से बाहर आने के बाद से ही उत्तर प्रदेश की राजनीति में तरह-तरह की चर्चाएं और अटकलें चल रही हैं। खास तौर पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव से उनकी कथित दूरी और बसपा से नजदीकियों की अफवाहें तेजी से फैली हैं। सोमवार को आजम खां ने कुछ ऐसी बातें कह दीं, जिन्होंने एक बार फिर इन अटकलों को नई धार दे दी है। आजम खां का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अखिलेश यादव ने 8 अक्टूबर को उनसे मिलने रामपुर आने का ऐलान किया है।

'बड़े लोग आएंगे तो अच्छा लगेगा': आजम का तंज

जब पत्रकारों ने आजम खां से अखिलेश यादव के रामपुर आने के सवाल पर पूछा, तो उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि इसकी जानकारी उन्हें अखबारों से मिली है। आजम खां ने कहा, "हम तो एक छोटी सी गली में रहते हैं, जहां कई फीट पानी भर जाता है। बड़े लोग आएंगे तो अच्छा लगेगा, हर बड़े आदमी का स्वागत है।" उन्होंने आगे जोड़ा, "बड़े आदमी मेरे घर तशरीफ लाएंगे तो मेरी इज्जत अफजाई होगी।"

आजम खां का यह बयान, जिसमें उन्होंने खुद को 'छोटी गली' वाला और अखिलेश यादव को 'बड़े आदमी' बताया, साफ तौर पर उनके और सपा प्रमुख के बीच तल्खी या नाराजगी की ओर इशारा करता है। राजनीतिक गलियारों में अब यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या 8 अक्टूबर की यह मुलाकात दोनों नेताओं के बीच की दूरी मिटा पाएगी, या फिर यह औपचारिक मुलाकात भर रहेगी।

'धीमा ज़हर' वाली बात को नकारा, बताई जेल की हकीकत

जेल में उन्हें 'धीमा ज़हर' दिए जाने के समाजवादी नेता शाहिद सिद्दीकी के दावों को भी आजम खां ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि शाहिद सिद्दीकी एक अच्छे नेता हैं, लेकिन मुलाकात के दौरान हुई बातों को समझने में उन्हें गलतफहमी हुई है। आजम खां ने जेल के भीतर की अपनी सावधानी के बारे में बताते हुए कहा कि जब उन्होंने मुख्तार अंसारी के इंतकाल की खबर टीवी और अखबारों से सुनी, और उन्हें धीमा जहर दिए जाने की खबरें भी पढ़ीं, तो वह बहुत सतर्क (मुख्ताद) हो गए थे। उसके बाद वह खाने-पीने में बेहद एहतियात बरतने लगे थे। सिद्दीकी ने दावा किया था कि आजम खां खुद खाना बनाने लगे थे। इस पर आजम खां ने सफाई देते हुए कहा कि वह खुद खाना बना ही नहीं सकते थे। उन्होंने बताया कि वह दोपहर में एक पतली रोटी और शाम को उसी रोटी का आधा हिस्सा खाकर गुजारा करते थे, और पेट भरने के लिए नींबू से अचार बना लेते थे।

प्राथमिकता: स्वास्थ्य और जौहर यूनिवर्सिटी

जेल से छूटने के बाद आजम खां केवल दो दिन रामपुर में रहे और फिर इलाज के लिए दिल्ली चले गए थे। रविवार को वह दिल्ली से रामपुर लौटे। उन्होंने कहा कि पांच साल एक छोटी कोठरी में रहने का सीधा असर उनकी सेहत पर पड़ा है, इसलिए फिलहाल उनकी प्राथमिकता स्वास्थ्य को बेहतर करना है। सोमवार को आजम खां ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी का दौरा किया, जहाँ उन्होंने छात्रों से सियासी और सामाजिक मुद्दों पर संवाद किया। उन्होंने मेडिकल कॉलेज पहुंचकर भी स्वास्थ्य सेवाओं और छात्रों की समस्याओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि अब उनका पूरा ध्यान जनता और युवाओं के भविष्य की समस्याओं को समझने और हल करने पर रहेगा। यह साफ है कि जेल से बाहर आने के बाद आजम खां का ध्यान अब सीधे जमीनी राजनीति और अपने घरेलू गढ़ पर है।

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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