नई नहीं आजम की ‘जिद’! अखिलेश ही नहीं, मुलायम सिंह पर भी बनाते थे दबाव, नेताजी भी मनाने गए थे रामपुर

Azam Khan: सपा नेता आजम खान अपनी नाराजगी को कभी भी सार्वजनिक रूप से जाहिर करने में चूकते नही हैं। उनकी न नाराजगी ने कई बार पार्टी को असहज स्थिति में खड़ा कर दिया।

Shishumanjali kharwar
Published on: 10 Oct 2025 9:46 AM IST
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UP Politics News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव बीते दिनों आजम खान से मुलाकात करने के लिए रामपुर पहुंचे। जेल से बाहर आने के बाद से ही आजम खान की दबी जुबान में सपा अध्यक्ष के लिए नाराजगी सामने आयी थी। इसके बाद अखिलेश यादव उन्हें मनाने के लिए उनके घर पहुंचे। इस मुलाकात के बाद सियासी गलियारों में यह चर्चा होने लगी कि राजनीति में आने के बाद से ही आजम खान का यह मिजाज देखने को मिला। उनका तेवर और रूठना हमेशा सुर्खियों में रहा। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ही नहीं 2019 में उनके पिता मुलायम सिंह यादव भी आजम खान को मनाने के लिए रामपुर आ चुके हैं।

आजम का गुस्से ने कई बार पैदा की असहज स्थित

सपा नेता आजम खान अपनी नाराजगी को कभी भी सार्वजनिक रूप से जाहिर करने में चूकते नही हैं। उनकी न नाराजगी ने कई बार पार्टी को असहज स्थिति में खड़ा कर दिया। साल 1977 में जनता पार्टी से पहली बार रामपुर से लोकसभा से चुनाव लड़ने और फिर हार जाने के बाद आजम खान साल 1985 में मुलायम सिंह यादव के साथ जुड़े। उसके बाद से वह हमेशा मुलायम सिंह यादव के ही साथ रहे। उन्होंने विषम परिस्थितियों में भी मुलायम सिंह यादव का साथ नहीं छोड़ा। हालांकि एक समय अमर सिंह के साथ उनका विवाद इस हद तक बढ़ गया था कि उन्हें कुछ समय के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था।

जयाप्रदा के चुनाव लड़ाने पर आजम हुए थे खफा

साल 2009 की बात है जब अमर सिंह के कहने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने रामपुर लोकसभा सीट से जयाप्रदा को चुनाव मैदान में उतार दिया। जबकि आजम खान जयाप्रदा को टिकट नहीं दिलवाना चाह रहे थे। इस पर आजम खान मुलायम सिंह यादव से नाराज हो गये और पार्टी से अलग हो गये। आजम की नाराजगी का खामियाजा फिरोजाबाद उपचुनाव में अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को भुगतना पड़ा। वह राजबब्बर के सामने चुनाव हार गयीं। इसके बाद मुलायम सिंह यादव रामपुर पहुंचे और आजम खान के गिले-शिकवे दूर किये। अमर सिंह के चलते आजम खान को पार्टी से बाहर भी कर दिया गया था। इसी बीच आगरा में सपा का राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ। जिसमें मुलायम सिंह यादव और कल्याण सिंह ने एक-दूसरे को गले लगाया था। इस पर भी आजम खान ने तंज कसा था।

आजम कई बार दे चुके हैं इस्तीफा

आजम खान की नाराजगी और पार्टी पर दबाव का इतिहास पुराना ही रहा है। वह कई बार सपा मुखिया रहे मुलायम सिंह यादव को अपना इस्तीफा भी सौंप चुके हैं। एक साक्षात्कार के दौरान आजम खान ने यह स्वीकार भी किया। उन्होंने बताया कि वह नेताजी को हमेशा नाराज होने पर इस्तीफा दे दिया करते थे। एक बार तो उन्होंने नेताजी को जैसे ही इस्तीफा भिजवाया।

मुलायम सिंह ने तुरंत सचिव को बुलाया और कहा कि राज्यपाल से मुलाकात करने का समय लो। तब मैंने पूछा कि आपकी बात हो गयी। तब वह बोले कि मैं तुम्हारे बार-बार इस्तीफा दे देने की आदत से तंग आ गया हूं। चलो चलते है और सरकार से ही इस्तीफा दे देते है। उनकी यह बात सुनते ही आजम खान ने तुरंत इस्तीफा मेज से उठाया और अपनी जेब में रख लिया।

नाराजगी अपनी जगह पर पार्टी के लिए रहे वफादार

आजम खान भले ही सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव से कई बार नाराज हुए। इस्तीफा भी कई बार भिजवाया। यहां तक कि पार्टी से भी निकाले गये। लेकिन वह हमेशा सपा के लिए वफादार ही रहे। अमर सिंह के साथ हुए विवाद के बाद जब आजम खान को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था तब भी उन्होंने कोई दूसरी पार्टी ज्वॉइन नहीं किया। इसी तरह जब वह बीते दिनों जेल से बाहर आए तो एक बार फिर सियासी गलियारों में यही चर्चा रही कि आजम खान दूसरी पार्टी में शामिल हो जायेंगे। लेकिन आजम खान ने साफ-साफ कह दिया कि मेरा चरित्र बिकाऊ नहीं है। मैं हल्की आदमी नही हूं जो इस तरह का सौदा करूं।

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मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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