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Balrampur News: तुलसीपुर सिरसिया हाईवे पर पुल तो बना लेकिन अप्रोच मार्ग अधूरा; दो जिलों का संपर्क टूटा
Balrampur News: सरकार और विभाग की ओर से तेजी दिखाते हुए नया पुल तो तैयार करा लिया गया, लेकिन अब तक उस तक पहुँचने के लिए अप्रोच मार्ग नहीं बन पाया है।
बलरामपुर के तुलसीपुर सिरसिया हाईवे पर पुल तो बना लेकिन अप्रोच मार्ग अधूरा (photo: social media )
Balrampur News: बलरामपुर जनपद के तुलसीपुर -सिरसिया हाईवे पर आवागमन की समस्या लगातार बनी हुई है। खैरी गाँव के पास करीब सौ साल पुराना पुल जर्जर हो जाने के बाद पिछले दो महीनों से इस मार्ग पर यातायात ठप पड़ा था। सरकार और विभाग की ओर से तेजी दिखाते हुए नया पुल तो तैयार करा लिया गया, लेकिन अब तक उस तक पहुँचने के लिए अप्रोच मार्ग नहीं बन पाया है। नतीजा यह है कि पुल बनने के बावजूद लोगों की परेशानियां कम होने के बजाय और बढ़ गई हैं।
ट्रक धँसने से लेकर एंबुलेंस फँसने तक की नौबत
मौके की तस्वीरें साफ-साफ हालात की गंभीरता बयां करती हैं। अप्रोच मार्ग अधूरा होने की वजह से रास्ते पर मिट्टी और गड्ढों का अंबार लगा हुआ है। हाल ही में एक छोटा ट्रक इस ऊँचे-नीचे कच्चे रास्ते में धँस गया, जिसे निकालने के लिए कई लोग घंटों तक धक्का लगाते रहे। यही स्थिति छोटे वाहनों और दुपहिया सवारों की भी है। बारिश होने पर यह कीचड़ भरा रास्ता पूरी तरह दलदल में तब्दील हो जाता है।
सबसे बड़ी समस्या आपातकालीन वाहनों की है। कई बार एंबुलेंस इसी रास्ते में फँस जाती है, जिसके चलते गंभीर मरीजों को समय पर अस्पताल पहुँचाना मुश्किल हो जाता है। मरीजों और उनके परिजनों को इस दौरान भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। स्थानीय लोग कहते हैं कि पुल तो बन गया है लेकिन जब तक अप्रोच मार्ग नहीं बनता, तब तक यह पुल किसी काम का नहीं।
सिरसिया-तुलसीपुर मार्ग केवल एक सड़क नहीं, बल्कि लाखों लोगों की जीवन रेखा है। यही सड़क बलरामपुर और श्रावस्ती जिलों को जोड़ती है। तुलसीपुर से हर्रैया, शिवपुरा, श्रावस्ती और बौद्ध धर्म स्थलों तक जाने के लिए यही प्रमुख मार्ग है। दो-ढाई महीने से यातायात बंद रहने से न केवल आम लोगों को परेशानी हो रही है, बल्कि कारोबार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं।
व्यापारी कहते हैं कि इस मार्ग के बंद होने से माल लाने-ले जाने में दिक्कत हो रही है।
छात्रों को कॉलेज और स्कूल जाने में लंबा चक्कर काटना पड़ रहा है।
मरीजों को इलाज के लिए जिला मुख्यालय तक पहुँचने में कई घंटे अधिक लग जाते हैं।
स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि उनकी रोज़ी-रोटी पर सीधा असर पड़ रहा है। पहले जो ग्राहक आसानी से इस मार्ग से उनके बाजार तक पहुँच जाते थे, अब उन्हें वैकल्पिक रास्ते से 15-20 किलोमीटर अधिक घूमकर आना पड़ रहा है।
बारिश में और बिगड़ेगी स्थिति
गाँव वालों का डर है कि यदि आने वाले दिनों में बारिश तेज हुई, तो यह अधूरा अप्रोच मार्ग पूरी तरह दलदल में बदल जाएगा। उस स्थिति में यहाँ से निकलना नामुमकिन हो जाएगा और दोनों जिलों का संपर्क लगभग टूट जाएगा। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द से जल्द काम पूरा नहीं हुआ, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
ग्रामीण बोले—लापरवाही का नतीजा भुगत रहे हम
ग्रामीणों का आरोप है कि विभागीय लापरवाही के चलते काम अधर में लटक गया है। उनका कहना है कि नया पुल तो लगभग एक महीने पहले ही बनकर तैयार हो गया था, लेकिन अब तक सड़क का काम शुरू नहीं हुआ। “अगर समय रहते अप्रोच मार्ग बना दिया गया होता तो आज हमें यह दिक्कत नहीं झेलनी पड़ती,” एक स्थानीय निवासी ने कहा।
इस मामले में जब लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता शैलेंद्र राय से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि विभाग लगातार काम आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द ही अप्रोच मार्ग का निर्माण पूरा कर यातायात बहाल किया जाएगा। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि जब तक सड़क पूरी तरह नहीं बन जाती, तब तक आश्वासन से राहत मिलने वाली नहीं है।
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