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Barabanki News: खुमैनी के परिवार का बड़ा एलान, ईरान इजरायल जंग के बीच कह दी ये बड़ी बात

Barabanki News: ईरान-इजराइल संघर्ष को लेकर डॉ. रेहान काजमी ने कहा कि 'वे किसी भी युद्ध के पक्ष में नहीं हैं और खुमैनी की विचारधारा इंसाफ और अमन की थी।'

Sarfaraz Warsi
Published on: 19 Jun 2025 9:51 PM IST
Iran and Israel War Barabanki Kintur Village Descendants of Khumeini
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ईरान और इजराइल युद्ध बाराबंकी किन्तूर गांव खुमैनी के वंशज (Photo- Newstrack)

Barabanki News: ईरान और इजराइल के बीच जारी युद्ध और बढ़ते तनाव के बीच बाराबंकी जिले के किन्तूर गांव का नाम फिर से चर्चा में आ गया है। यह वही गांव है जहां अयातुल्लाह रूहोल्लाह खुमैनी के पूर्वज रहते थे। बताया जाता है कि खुमैनी के दादा अहमद हुसैन मुसावी का जन्म 1830 में इसी गांव में हुआ था। धार्मिक शिक्षा हेतु वे ईरान गए और वहीं स्थायी रूप से बस गए। उनके नाम में ‘हिंदी’ शब्द जुड़ा होना इस बात का प्रमाण है कि उनका दिल भारत से जुड़ा रहा।

ईरान-इजराइल संघर्ष

आज भी किन्तूर के महल मोहल्ला में खुमैनी के वंशज रहते हैं, जिनके घरों की दीवारों पर उनकी तस्वीरें लगी हैं। गांव के निवासी सैय्यद निहाल अहमद काज़मी, डॉ. रेहान काजमी और आदिल काजमी खुद को खुमैनी के परिवार से बताते हैं। आदिल काजमी ने बताया कि जब वे ईरान गए और खुद को किन्तूर का निवासी बताया तो उन्हें सम्मान मिला। ईरान-इजराइल संघर्ष को लेकर डॉ. रेहान काजमी ने कहा कि 'वे किसी भी युद्ध के पक्ष में नहीं हैं और खुमैनी की विचारधारा इंसाफ और अमन की थी।'

ईरानी सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खमेनेई का किन्तूर से क्या है संबंध

आदिल काजमी ने साफ किया कि वर्तमान ईरानी सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खमेनेई का किन्तूर से कोई संबंध नहीं है, वे केवल खुमैनी के शिष्य और उत्तराधिकारी हैं। डॉ. सैयद मोहम्मद रेहान काजमी ने बताया कि उनके कई रिश्तेदार अभी भी ईरान में हैं, और गांव में शांति की दुआएं की जा रही हैं। 1979 की ईरानी क्रांति ने शाह मोहम्मद रजा पहलवी के शासन का अंत करते हुए खुमैनी के नेतृत्व में इस्लामी गणराज्य की स्थापना की थी।

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